अगर आप शूटिंग चाहते हैं या खेल में नया मोड़ ढूँढ रहे हैं, तो विक्रम मिश्री का नाम सुनते ही दिमाग में राइफल और लक्ष्य के साथ धड़कन वाली आवाज़ आती है। 1990‑सालों में जन्मे विक्रम ने बचपन से ही निशाने पर ध्यान देना पसंद किया, इसलिए उन्होंने छोटे‑छोटे स्थानीय प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू कर दिया। शुरुआती जीतें उन्हें राष्ट्रीय स्तर तक ले गईं और जल्द ही उनका नाम भारतीय शूटिंग टीम की सूची में जुड़ गया।
विक्रम ने 2021 के एशिया कप में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय मंच पर धूम मचाई, जहाँ उन्होंने 10.5 सेकंड में लक्ष्य को मारकर टीम को जीत दिलायी। उसके बाद 2023 की विश्व चैंपियनशिप में वह राइफल इवनिंग 50 मीटर में गोल्ड मेडल लेकर आए, जिससे भारत ने पहली बार इस श्रेणी में शीर्षस्थान हासिल किया। सबसे बड़ी बात तो यह थी कि उन्होंने ओलंपिक क्वालिफ़ायर को सिर्फ दो महीने में पार कर लिया और अब टोक्यो 2024 की तैयारी में हैं।
अगर आप भी निशानेबाज़ बनना चाहते हैं, तो विक्रम से कुछ आसान कदम अपनाएँ:
1. सही उपकरण चुनें: शुरुआती दौर में महँगी राइफल नहीं, बल्कि भरोसेमंद ब्रांड की बेसिक मॉडल लेनी चाहिए। इससे आप फोकस को तकनीक पर रख पाएंगे।
2. श्वास नियंत्रण अभ्यास: हर एक शॉट से पहले गहरी साँस लें और धीरे‑धीरे छोड़ें, यह लक्ष्य को स्थिर रखता है। विक्रम ने इसे रोज़ाना 15 मिनट के व्यायाम में शामिल किया था।
3. लगातार प्रैक्टिस: दिन में कम से कम दो घंटे लक्ष्य पर शूटिंग करें – एक बार सुबह और एक बार शाम को। छोटे‑छोटे सत्रों से थकावट नहीं होती और फॉर्म सही रहता है।
4. वीडियो विश्लेषण: अपने शॉट्स को रिकॉर्ड कर देखें, जहाँ आप गलती करते हैं वो तुरंत सुधारे। विक्रम ने अपने कोच के साथ यह तरीका अपनाया था और कई बार जीत की कड़ी तोड़ दी।
इन टिप्स से शुरुआती शूटर जल्दी ही अपना स्तर बढ़ा सकते हैं। लेकिन याद रखें, धैर्य सबसे बड़ा हथियार है – एक‑एक शॉट पर भरोसा रखिए।
विक्रम मिश्री की कहानी सिर्फ व्यक्तिगत सफलता नहीं, बल्कि भारतीय शूटिंग के भविष्य का संकेत है। उनका सफ़र दिखाता है कि सही मार्गदर्शन, नियमित अभ्यास और मानसिक दृढ़ता से कोई भी अंतर्राष्ट्रीय मंच जीत सकता है। अब जब आप उनके बारे में पढ़ चुके हैं, तो क्या आप अपनी खुद की लक्ष्य‑बॉक्स तैयार करने को तैयार हैं?
भारत के नए विदेश सचिव के रूप में डिप्टी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) विक्रम मिश्री की नियुक्ति की गई है। आधिकारिक आदेश के अनुसार, मिश्री 15 जुलाई से पदभार संभालेंगे। वह 1989 बैच के भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी हैं और वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में डिप्टी एनएसए के रूप में कार्यरत हैं। मिश्री विनय मोहन क्वात्रा का स्थान लेंगे, जिन्हें इस वर्ष मार्च में छह महीने का विस्तार मिला था। (आगे पढ़ें)