गूगल डूडल ने मनाया गायक केके का बॉलीवुड डेब्यू 'छोड़ आए हम' की वर्षगांठ

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गूगल डूडल ने मनाया गायक केके का बॉलीवुड डेब्यू 'छोड़ आए हम' की वर्षगांठ

गूगल डूडल ने मनाया गायक केके का बॉलीवुड डेब्यू 'छोड़ आए हम' की वर्षगांठ

  • Ratna Muslimah
  • 26 अक्तूबर 2024
  • 11

गूगल डूडल और गायक केके का संगीतमय सफर

गूगल ने पिछले शुक्रवार को एनिमेटेड डूडल के माध्यम से भारतीय संगीत की दुनिया के मशहूर गायक केके को उनकी बॉलीवुड डेब्यू की वर्षगांठ पर श्रद्धांजलि अर्पित की। केके, जिनका वास्तविक नाम कृष्णकुमार कुन्नथ था, ने 1996 में फिल्म 'माचिस' के गाने 'छोड़ आए हम' के साथ बॉलीवुड में पदार्पण किया था। यह गाना एक राजनीतिक थ्रिलर थी, जिसे गुलज़ार साहब ने निर्देशित किया था। गूगल का यह डूडल केके के जीवन और उनकी कला के प्रति उन्हें सम्मान देने का एक विशेष प्रयास है।

केके का जन्म 23 अगस्त, 1968 को दिल्ली में हुआ था। वे संगीत की ओर आकर्षित हुए और अपने सफर की शुरुआत व्यावसायिक जिंगल्स गाकर की। उन्होंने विभिन्न भाषाओं में करीब 3,500 जिंगल गाए, जो उनके बहुमुखी प्रतिभा का प्रमाण है। इसके बाद, 1999 में बॉलीवुड की फिल्म 'हम दिल दे चुके सनम' के गाने 'तड़प तड़प' ने उन्हें बड़ी पहचान दिलाई। यह गाना लोगों के दिलों में आज भी बसा हुआ है।

अनेक भाषाओं में गाये गाने और पहला एल्बम 'पल'

अनेक भाषाओं में गाये गाने और पहला एल्बम 'पल'

केके की अद्वितीय आवाज ने उन्हें हिंदी के अलावा तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, बंगाली, असमिया और गुजराती भाषाओं में भी प्रसिद्धि दिलाई। 1999 में उनका पहला एल्बम 'पल' लॉन्च हुआ था, जिसने उन्हें न केवल बॉलीवुड बल्कि पूरे देश में लोकप्रियता दिलाई। 'पल' खासकर युवाओं के बीच एक आइकन बन गया था।

उनके संगीत सफर में विशाल समय बीत चुका है, जिसमें उन्होंने 500 से अधिक हिंदी गाने और 200 से अधिक अन्य भाषाओं में गाने गाए। उनके द्वारा गाए कई गाने जैसे 'खुदा जाने', 'बीते लम्हे', 'आंखों में तेरी', और 'तू ही मेरी शब है' सदाबहार हिट्स में शुमार हैं।

एक कलाकार का सफर और जीवन की अंतिम बेला

केके की कला के सफर ने उन्हें भारतीय संगीत जगत में एक अद्वितीय स्थान दिलाया। उन्होंने हमेशा खुद को प्रयोगधर्मिता के लिए तैयार रखा, जिससे वे कई तरह की संगीत शैलियाँ गा सके। उन्होंने संगीत की जो विरासत छोड़ी है, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

2022 की मई में उनकी अचानक मृत्यु से संगीत जगत को गहरा आघात लगा। 53 वर्ष की आयु में हृदयाघात से उनका निधन हो गया। यह खबर उनके प्रसंशकों के लिए बेहद शोकपूर्ण थी। गायक केके की कहानी हमें उनके संगीत और समर्पण को हमेशा अपने दिल में संजोए रखने के लिए प्रेरित करती है।

संगीत में उनके योगदान को गूगल का यह डूडल न केवल याद करता है, बल्कि यह साबित करता है कि अद्वितीय प्रतिभा को मानव स्मृति में कैसे जिंदा रखा जाता है। केके ने संगीत की जिस दुप्पटी का निर्माण किया, वह व्यक्ति विशेष की नहीं, बल्कि संगीत प्रेमियों के लिए एक अमूल्य खजाना है।

लेखक के बारे में
Ratna Muslimah

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मैं एक न्यूज विशेषज्ञ हूँ और मैं दैनिक समाचार भारत के बारे में लिखना पसंद करती हूँ। मेरे लेखन में सत्यता और ताजगी को प्रमुखता मिलती है। जनता को महत्वपूर्ण जानकारी देने का मेरा प्रयास रहता है।

टिप्पणि (11)
  • Nandini Rawal
    Nandini Rawal 27 अक्तूबर 2024
    केके का आवाज़ ऐसा था जैसे दिल की धड़कन गाने में बदल गई हो। उनकी हर नोट में जान थी।
  • Himanshu Tyagi
    Himanshu Tyagi 28 अक्तूबर 2024
    माचिस का 'छोड़ आए हम' तो बॉलीवुड के इतिहास का एक मील का पत्थर है। केके ने एक अज्ञात आवाज़ से शुरुआत की और पूरे देश के दिलों में जगह बना ली।
  • Shailendra Soni
    Shailendra Soni 29 अक्तूबर 2024
    कभी-कभी लगता है कि हम उनकी आवाज़ के बिना जी रहे हैं... जैसे बारिश के बाद खुशबू गायब हो गई हो। उनके गाने अभी भी रात को सोते समय मेरे कानों में गूंजते हैं।
  • Sujit Ghosh
    Sujit Ghosh 30 अक्तूबर 2024
    ये सब गूगल डूडल बस एक ट्रेंड है। असली देशभक्ति तो वो है जब हम अपने देश के गायकों को हर दिन याद करें, न कि सिर्फ एक डूडल के लिए। केके का जन्मदिन भी अभी तक कोई नहीं मनाता!
  • sandhya jain
    sandhya jain 31 अक्तूबर 2024
    केके की कला को समझने के लिए सिर्फ गाने सुनना काफी नहीं है। उनके गानों में एक जीवन दर्शन छिपा हुआ है - जिसमें दर्द, उम्मीद, अकेलापन और खुशी सब कुछ है। उन्होंने गाने नहीं, अनुभव गाए। उनकी आवाज़ ने उन लोगों के लिए शब्द बनाए जिनके पास शब्द नहीं थे। जब आप 'तड़प तड़प' सुनते हैं, तो आप अपने अतीत को सुन रहे होते हैं। जब 'खुदा जाने' बजता है, तो आप अपने अनकहे दर्द को सुन रहे होते हैं। उनकी आवाज़ ने हमें बताया कि संगीत क्या है - ये कोई ध्वनि नहीं, ये एक आत्मा है। और आज जब हम उनकी याद में एक डूडल देखते हैं, तो ये सिर्फ एक उपहार नहीं, ये एक आहट है - जो हमें याद दिलाती है कि कलाकार कभी नहीं मरते, बस उनकी आवाज़ हमारे भीतर बस जाती है।
  • Anupam Sood
    Anupam Sood 1 नवंबर 2024
    केके ने जितना गाया उतना कोई नहीं गाया 😭🎶 अब तो उनके बिना रातें अधूरी लगती हैं... क्या ये असली जिंदगी है या सिर्फ एक सपना? 🤔
  • Shriya Prasad
    Shriya Prasad 2 नवंबर 2024
    उनका 'पल' एल्बम मैंने बार-बार सुना। अभी भी लगता है जैसे वो अभी कमरे में हैं।
  • Balaji T
    Balaji T 3 नवंबर 2024
    यह डूडल एक अत्यंत अवचित और अत्यधिक व्यावहारिक आधुनिकता का प्रतीक है, जिसे लोकप्रिय संस्कृति द्वारा अपनाया गया है, लेकिन इसकी ऐतिहासिक गहराई को ध्यान में रखते हुए, यह एक अत्यंत अल्पकालिक सम्मान है।
  • Nishu Sharma
    Nishu Sharma 5 नवंबर 2024
    केके के गाने तो बस गाने नहीं थे वो तो जीवन के साथ बहते हुए बह गए थे आप जब भी रात को अकेले बैठे होते हो तो एक गाना चलता है और वो गाना आपके दिल के टुकड़े जोड़ देता है उनकी आवाज़ ने तो बहुत सारे दर्दों को सुना और उन्हें गाने में बदल दिया और आज भी जब मैं उनके गाने सुनती हूँ तो लगता है जैसे वो मुझे समझ रहे हैं
  • Shraddha Tomar
    Shraddha Tomar 6 नवंबर 2024
    केके का संगीत एक न्यूरोलॉजिकल एक्सपीरियंस है - ओसिलेशनल हार्मोनल रिस्पॉन्स ट्रिगर करता है, जिससे डोपामाइन और ऑक्सीटोसिन का स्तर बढ़ता है। उनकी आवाज़ का फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम एक एंटी-स्ट्रेस एल्गोरिदम की तरह काम करता है। जब आप 'आंखों में तेरी' सुनते हैं, तो आपका साइम्पैथेटिक नर्व सिस्टम रिसेट हो जाता है। ये सिर्फ गाना नहीं, ये एक थेरेप्यूटिक इंटरफेस है।
  • Priya Kanodia
    Priya Kanodia 7 नवंबर 2024
    क्या ये सब गूगल डूडल... असल में एक डिजिटल डिस्ट्रैक्शन है? क्या वो चाहते हैं कि हम केके की याद में रोएं... या बस एक ब्रांडिंग ट्रिक है? क्या उनकी मृत्यु के बाद भी वो उनकी आवाज़ को एक एल्गोरिदम के रूप में यूज़ कर रहे हैं? क्या हम सब एक बड़े डिजिटल कंट्रोल सिस्टम के भीतर हैं?..
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