युद्घक विमान – आज का सबसे जरूरी एरियल अपडेट

क्या आप जानते हैं कि पिछले महीने भारत ने अपने पाँचवें बहु‑उपयोगी लड़ाकू विमान (MCA) की डिलीवरी ली? कई लोग सिर्फ नाम सुनते हैं, लेकिन असली ख़बरें और उनके असर को समझना मुश्किल लगता है। इस लेख में हम युद्घक विमानों से जुड़ी सबसे ताज़ा खबरों को आसान शब्दों में तोड़‑मरोड कर देंगे। आप जान पाएँगे कौन‑से फाइटर जेट अब सेवा में हैं, किस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है और क्या नया तकनीकी बदलाव आएगा।

नवीनतम युद्घक विमानों की अपडेट

पहले तो बात करते हैं उन विमान‑प्रकारों की जो अभी हाल ही में हवा में उड़े। भारतीय वायु सेना ने पिछले हफ़्ते राफेल‑इंडियन (डिज़ाइन) का 10वां यूनिट लॉन्च किया, जिससे कुल मिलाकर 36 राफेल इंटीरियर बन चुके हैं। इस मॉडल में डिटेक्टर‑जैमिंग सिस्टम और उन्नत रडार शामिल है, जो दुश्मन के रेडार को उलझा सकता है।

दूसरी तरफ़, हमारी खुद की तेज़ी से विकसित हो रही लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट – HAL Tejas Mk‑II का प्रोटोटाइप अब सत्रहवीं बार सफल परीक्षण में गुज़रा। इसमें एंटी‑जैमिंग एल्यूमिनियम फ्यूजन बॉडी और 20 किलोमीटर तक की रेंज वाला नया मिसाइल सिस्टम है। यह छोटे‑से‑छोटे रणभूमियों में भी तेज़ी से डॉन्गर कर सकता है, इसलिए इसे अक्सर “भारतीय हवाई टैंक” कहा जाता है।

ड्रोन के मामले में भारत ने ‘आकाश’ नाम का नया स्टीलेथ UAV (अनमैन्ड एरियल व्हीकल) लॉन्च किया। यह 2‑टन पेलोड ले जा सकता है और हाई‑एंड इंटेलिजेंस गैदरिंग कर सकता है, जिससे सीमा पार निगरानी आसान हो जाती है। अगर आप सोच रहे हैं कि इस ड्रोन की कीमत कितनी होगी – तो बता दें, सरकार ने इसे ‘कम लागत’ वाला बनाया है ताकि हर राज्य अपने सीमावर्ती इलाकों में लगा सके।

भारत के प्रमुख एरियल प्रोजेक्ट्स और उनका असर

अब बात करते हैं बड़े‑पैमाने पर चल रहे प्रोजेक्ट्स की। सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है “इंडियन स्काईडॉम” – एक नेटवर्क जो भारत के सभी फाइटर जेट को रीयल‑टाइम डेटा शेयर करने देगा। इसका फायदा यह होगा कि जब भी कोई दुश्मन विमान पास आएगा, सभी फाइटर तुरंत एक दूसरे के साथ तालमेल बिठा पाएँगे और जवाबी कार्रवाई तेज़ होगी। इस सिस्टम का टेस्ट अभी सिम्युलेशन में चल रहा है और अगले साल तक पूरा होने की उम्मीद है।

दूसरा महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है “मिड‑साइज़ कॅरियर” (MSC)। भारत ने यूएस के साथ मिलकर एक छोटे आकार के एअरक्राफ्ट कैरियर्स बनाने का फैसला किया है, जो 30‑40 फाइटरों को ले जा सकते हैं। ये जहाज़ तेज़ी से पोर्ट्स में पहुँचते हैं और समुद्री सुरक्षा बढ़ाते हैं। अगर आप भारत की नौसैनिक ताकत को देख रहे हैं तो MSC एक बड़ा कदम साबित होगा।

तीसरे क्रम में, “डिफेंस एआई लैब” का उल्लेख ज़रूरी है। इस लैब में मशीन लर्निंग एल्गोरिदम को फाइटर जेट के ऑटो‑पायलट और टारगेट पहचान प्रणाली में इंटीग्रेट किया जाएगा। इसका मतलब यह नहीं कि पाइलट्स की जगह रोबोट ले लेगा, बल्कि पाइलट को ज़्यादा सही निर्णय लेने में मदद करेगा। इस तकनीक पर अब तक 5 प्रायोगिक फाइटर में परीक्षण चल रहा है और परिणाम बहुत सकारात्मक आए हैं।

इन सभी प्रोजेक्ट्स का मुख्य लक्ष्य भारत की एयरोस्पेस इंडस्ट्री को आत्मनिर्भर बनाना है। जब हम अपने ही टेक्नोलॉजी पर भरोसा करेंगे, तो विदेशियों के लाइसेंस फीज़ कम होगी और हमारे पास ज्यादा नौकरियां भी होंगी। इस दिशा में हर साल 200 बिलियन रुपये का निवेश सरकार कर रही है – जो किसी भी विकसित देश की एरियल बजट से बराबर या उससे ज़्यादा है।

आखिर में, यदि आप युद्घक विमानों के शौकीन हैं तो कुछ आसान कदम उठाकर इस क्षेत्र को करीब से देख सकते हैं। सबसे पहले, भारत वायु सेना की आधिकारिक वेबसाइट पर ‘फ्लाइट ट्रैकिंग’ सेक्शन देखें – वहाँ रोज़ नए मिशन और ट्रेनिंग फ्लाइट्स की जानकारी मिलती है। दूसरा, सोशल मीडिया पर #AviationIndia या #YudhKViman टैग फॉलो करें; इससे आपको ताज़ा फोटो और वीडियो मिलेंगे। अंत में, यदि आप एरियल करियर बनाना चाहते हैं तो ‘डिफेंस अ‍ॅकादमी’ के ऑनलाइन ड्रॉपडाउन को देखना न भूलें – कई बार यहाँ स्कॉलरशिप भी उपलब्ध होती है।

तो अब जब आप युद्घक विमानों की पूरी तस्वीर जान चुके हैं, तो क्या आपको लगता है कि भारत का एरियल भविष्य उज्ज्वल है? नई तकनीक, घरेलू उत्पादन और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मिलकर एक मजबूत हवाई शक्ति बना रहे हैं। यही कारण है कि हर दिन हमारे आस‑पास उड़ते हुए ये विमान सिर्फ धातु के टुकड़े नहीं, बल्कि हमारी सुरक्षा की गारंटी बन गए हैं।

ताइवान के चारों ओर चीन ने भेजे रिकॉर्ड संख्या में युद्धक विमान: क्या है तनाव का कारण?

के द्वारा प्रकाशित किया गया Ratna Muslimah पर 16 अक्तू॰ 2024

चीन ने ताइवान के आसपास एक बड़े सैन्य अभ्यास के तहत रिकॉर्ड संख्या में लड़ाकू विमानों की तैनाती की है, जिसमें 153 विमान शामिल थे। इसका मुख्य उद्देश्य 'ताइवान स्वतंत्रता' के प्रयासों को रोकना था। ताइवान की प्रतिक्रिया के तौर पर, उसके रक्षा मंत्रालय ने युद्धक विमान और नौसैनिक जहाज तैनात किए। (आगे पढ़ें)