ताइवान के चारों ओर युद्धाभ्यास
चीन ने सोमवार को ताइवान के आसपास 'जॉइंट स्वॉर्ड-2024बी' नामक एक बड़े सैन्य अभ्यास का आयोजन किया। इस अभ्यास में चीन के 153 युद्धक विमानों ने हिस्सा लिया, जो ताइवान के हवाई सुरक्षा पहचान क्षेत्र और मध्य रेखा के आर-पार भी गए। चीनी सैन्य बलों ने इन गतिविधियों को 'ताइवान स्वतंत्रता' को नष्ट करने के लिए एक 'कड़ी चेतावनी' कहा है। यह अभ्यास तब हुआ जब ताइवान के राष्ट्रपति लै चिंग-ते के 10 अक्टूबर के भाषण को चीन ने 'अलगाववाद' के रूप में देखा।
विमानों की रिकॉर्ड संख्या
इस रक्षा अभ्यास में एक गंभीरता का परिचय तब हुआ जब चीन ने इतने अधिक युद्धक विमानों को ताइवान के करीब भेजा। 153 विमानों में से 111 विमानों ने ताइवान की हवाई सीमा को लांघा और हवाई सुरक्षा पहचान क्षेत्र में प्रवेश किया। चीन की इस गतिविधि को ताइवान के लिए एक गंभीर चुनौती के रूप में स्वीकार किया गया है।
ताइवान की प्रतिक्रिया
ताइवान की रक्षा मंत्रालय ने जवाबी क्रिया करते हुए युद्धक विमान, नौसैनिक जहाज और तटीय मिसाइल प्रणाली तैनात की। उन्होंने इसकी निंदा की और इसे 'असंगत और उत्तेजक' करार दिया। ताइवान अब आगामी सैन्य गतिविधियों के लिए सतर्कता के साथ तैयार है, क्योंकि चीन ने संकेत दिया है कि वो 'उत्तेजना की धारा' पर अधिक अभ्यास कर सकता है।
समुद्री और हवाई गश्त
चीनी सेना के प्लान के ईस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता, सीनियर कैप्टन ली क्सी, ने बताया कि इस अभ्यास का फोकस 'समुद्री-हवाई युद्ध तैयार गश्त' पर था, जिसमें प्रमुख बंदरगाहों का अवरोध, समुद्री और जमीनी लक्ष्यों पर हमले, और व्यापक प्रभुता की संयुक्त जब्ती शामिल थी।
चीनी नौसेना की भागीदारी
इसके अलावा, चीन की नौसेना और तट रक्षक के जहाज भी इस अभ्यास का हिस्सा थे। इनमें चीन का पहला विमान वाहक पोत सीएनएस लायोनींग शामिल था, जो ताइवान के दक्षिणपूर्वी तट पर स्थित था। इस प्रकार की गतिविधियों से यह संदेश मिलता है कि चीन ताइवान के साथ किसी भी संघर्ष की स्थिति में पूरी तरह से तैयार है।
वैश्विक प्रतिक्रिया
पिछले पांच वर्षों में चीन ने ताइवान के निकट लगभग रोजाना युद्धक विमानों और जहाजों को भेजा है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ताइवान के लिए समर्थन बढ़ा है। ताइवान की संप्रभुता की रक्षा के लिए विभिन्न देशों ने समर्थन दिया है। इस तनावपूर्ण स्थिति ने न केवल एशिया के अन्य देशों बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों को भी सतर्क कर दिया है।
ताइवान का संकल्प
चीन के सैन्य अभ्यास के बावजूद, ताइवान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी संप्रभुता और सुरक्षा की रक्षा करने के लिए तैयार है और किसी भी प्रकार की सैन्य चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। यह घटना ताइवान और चीन के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और जटिल बना रही है, जिसके परिणामस्वरूप आने वाले दिनों में नई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।