ताइवान के चारों ओर चीन ने भेजे रिकॉर्ड संख्या में युद्धक विमान: क्या है तनाव का कारण?

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ताइवान के चारों ओर चीन ने भेजे रिकॉर्ड संख्या में युद्धक विमान: क्या है तनाव का कारण?

ताइवान के चारों ओर चीन ने भेजे रिकॉर्ड संख्या में युद्धक विमान: क्या है तनाव का कारण?

  • Ratna Muslimah
  • 16 अक्तूबर 2024
  • 17

ताइवान के चारों ओर युद्धाभ्यास

चीन ने सोमवार को ताइवान के आसपास 'जॉइंट स्वॉर्ड-2024बी' नामक एक बड़े सैन्य अभ्यास का आयोजन किया। इस अभ्यास में चीन के 153 युद्धक विमानों ने हिस्सा लिया, जो ताइवान के हवाई सुरक्षा पहचान क्षेत्र और मध्य रेखा के आर-पार भी गए। चीनी सैन्य बलों ने इन गतिविधियों को 'ताइवान स्वतंत्रता' को नष्ट करने के लिए एक 'कड़ी चेतावनी' कहा है। यह अभ्यास तब हुआ जब ताइवान के राष्ट्रपति लै चिंग-ते के 10 अक्टूबर के भाषण को चीन ने 'अलगाववाद' के रूप में देखा।

विमानों की रिकॉर्ड संख्या

इस रक्षा अभ्यास में एक गंभीरता का परिचय तब हुआ जब चीन ने इतने अधिक युद्धक विमानों को ताइवान के करीब भेजा। 153 विमानों में से 111 विमानों ने ताइवान की हवाई सीमा को लांघा और हवाई सुरक्षा पहचान क्षेत्र में प्रवेश किया। चीन की इस गतिविधि को ताइवान के लिए एक गंभीर चुनौती के रूप में स्वीकार किया गया है।

ताइवान की प्रतिक्रिया

ताइवान की रक्षा मंत्रालय ने जवाबी क्रिया करते हुए युद्धक विमान, नौसैनिक जहाज और तटीय मिसाइल प्रणाली तैनात की। उन्होंने इसकी निंदा की और इसे 'असंगत और उत्तेजक' करार दिया। ताइवान अब आगामी सैन्य गतिविधियों के लिए सतर्कता के साथ तैयार है, क्योंकि चीन ने संकेत दिया है कि वो 'उत्तेजना की धारा' पर अधिक अभ्यास कर सकता है।

समुद्री और हवाई गश्त

समुद्री और हवाई गश्त

चीनी सेना के प्लान के ईस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता, सीनियर कैप्टन ली क्सी, ने बताया कि इस अभ्यास का फोकस 'समुद्री-हवाई युद्ध तैयार गश्त' पर था, जिसमें प्रमुख बंदरगाहों का अवरोध, समुद्री और जमीनी लक्ष्यों पर हमले, और व्यापक प्रभुता की संयुक्त जब्ती शामिल थी।

चीनी नौसेना की भागीदारी

इसके अलावा, चीन की नौसेना और तट रक्षक के जहाज भी इस अभ्यास का हिस्सा थे। इनमें चीन का पहला विमान वाहक पोत सीएनएस लायोनींग शामिल था, जो ताइवान के दक्षिणपूर्वी तट पर स्थित था। इस प्रकार की गतिविधियों से यह संदेश मिलता है कि चीन ताइवान के साथ किसी भी संघर्ष की स्थिति में पूरी तरह से तैयार है।

वैश्विक प्रतिक्रिया

वैश्विक प्रतिक्रिया

पिछले पांच वर्षों में चीन ने ताइवान के निकट लगभग रोजाना युद्धक विमानों और जहाजों को भेजा है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ताइवान के लिए समर्थन बढ़ा है। ताइवान की संप्रभुता की रक्षा के लिए विभिन्न देशों ने समर्थन दिया है। इस तनावपूर्ण स्थिति ने न केवल एशिया के अन्य देशों बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों को भी सतर्क कर दिया है।

ताइवान का संकल्प

चीन के सैन्य अभ्यास के बावजूद, ताइवान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी संप्रभुता और सुरक्षा की रक्षा करने के लिए तैयार है और किसी भी प्रकार की सैन्य चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। यह घटना ताइवान और चीन के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और जटिल बना रही है, जिसके परिणामस्वरूप आने वाले दिनों में नई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

लेखक के बारे में
Ratna Muslimah

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मैं एक न्यूज विशेषज्ञ हूँ और मैं दैनिक समाचार भारत के बारे में लिखना पसंद करती हूँ। मेरे लेखन में सत्यता और ताजगी को प्रमुखता मिलती है। जनता को महत्वपूर्ण जानकारी देने का मेरा प्रयास रहता है।

टिप्पणि (17)
  • vaibhav kapoor
    vaibhav kapoor 16 अक्तूबर 2024
    चीन का ये हिंसक दबंगपन अब बर्दाश्त नहीं हो रहा। ताइवान हमारा है, और हम इसे किसी के हवाले नहीं करेंगे।
  • Manish Barua
    Manish Barua 18 अक्तूबर 2024
    ye sab tension toh bas media ke liye hai... real life mein koi bhi ladai nahi hogi. chill out guys 😅
  • Abhishek saw
    Abhishek saw 19 अक्तूबर 2024
    हमें अपनी सुरक्षा के लिए तैयार रहना चाहिए। शांति के लिए तैयारी जरूरी है।
  • TARUN BEDI
    TARUN BEDI 20 अक्तूबर 2024
    इस तरह के सैन्य अभ्यास वास्तव में एक अतीत के अहंकार के अवशेष हैं। जब तक हम शक्ति के आधार पर नीतियाँ बनाते रहेंगे, तब तक विश्व शांति का कोई स्वप्न अधूरा रहेगा। चीन का यह व्यवहार उसकी आंतरिक असुरक्षा का प्रतिबिंब है, न कि उसकी शक्ति का। हमें इसे एक दर्पण के रूप में देखना चाहिए, न कि एक खतरे के रूप में।
  • Shikha Malik
    Shikha Malik 22 अक्तूबर 2024
    अरे ये सब तो बस एक बड़ा ड्रामा है... ताइवान वाले भी डर गए होंगे, चीन वाले भी डर गए होंगे... और हम यहाँ बस टीवी पर देख रहे हैं 😭
  • Hari Wiradinata
    Hari Wiradinata 23 अक्तूबर 2024
    शांति के लिए संवाद ही एकमात्र रास्ता है। हमें इस तनाव को बढ़ाने की बजाय शांति की ओर ध्यान देना चाहिए।
  • Leo Ware
    Leo Ware 23 अक्तूबर 2024
    इतिहास दिखाता है कि जब देश अपनी सीमाओं को बढ़ाने की कोशिश करते हैं, तो वे अक्सर अपने ही आत्म-विनाश की ओर बढ़ते हैं।
  • Ranjani Sridharan
    Ranjani Sridharan 25 अक्तूबर 2024
    kya tum log sochte ho ki china ke paas sirf aircraft hi hai? unke paas nuclear submarines bhi hain... aur hum? 😏
  • Vikas Rajpurohit
    Vikas Rajpurohit 26 अक्तूबर 2024
    153 fighter jets?! 😱🔥 भाई ये तो एक पूरा युद्ध शुरू करने जैसा है! चीन अब दुनिया का बादशाह बनने आया है क्या?! 🤯
  • Nandini Rawal
    Nandini Rawal 26 अक्तूबर 2024
    हमें अपनी ताकत पर भरोसा करना चाहिए। शांति बनी रहे तो बेहतर है।
  • Himanshu Tyagi
    Himanshu Tyagi 26 अक्तूबर 2024
    153 विमानों का एक अभ्यास? ये तो एक छोटे देश के लिए बहुत ज्यादा है। चीन का इरादा स्पष्ट है - डराना।
  • Shailendra Soni
    Shailendra Soni 27 अक्तूबर 2024
    क्या ये सब असल में ताइवान के लिए नहीं, बल्कि अमेरिका के लिए एक संकेत है?
  • Sujit Ghosh
    Sujit Ghosh 28 अक्तूबर 2024
    अरे ये सब तो बस एक बड़ा नाटक है... चीन के पास इतने विमान कैसे हैं? क्या वो खुद के देश को भी नहीं चला पा रहे? 😴
  • sandhya jain
    sandhya jain 29 अक्तूबर 2024
    हर राष्ट्र के अपने भावनात्मक इतिहास होते हैं, और चीन के लिए ताइवान का मुद्दा एक घाव की तरह है जो सदियों से भरा हुआ है। इस घाव को दवाने के लिए बल का इस्तेमाल नहीं, बल्कि समझ और सहिष्णुता की जरूरत है। हम अक्सर शक्ति को बुद्धिमत्ता के रूप में भूल जाते हैं, जबकि वास्तविक बुद्धिमत्ता तो उस व्यक्ति में होती है जो अपनी शक्ति का उपयोग संवाद के लिए करता है।
  • Anupam Sood
    Anupam Sood 30 अक्तूबर 2024
    bhai yeh sab kya hai... china ne 153 jets bheje? aur hum kya kar rahe? kuch nahi... bas chai peete reh rahe 😴
  • Shriya Prasad
    Shriya Prasad 1 नवंबर 2024
    शांति बनी रहे, यही सबसे अच्छा है।
  • Balaji T
    Balaji T 2 नवंबर 2024
    इस घटना के संदर्भ में, एक अंतरराष्ट्रीय कानूनी ढांचे के अंतर्गत ताइवान की स्थिति को अत्यंत सावधानी से विश्लेषित किया जाना चाहिए, क्योंकि यह अनुबंधित राष्ट्रीय सार्वभौमिकता के सिद्धांत के साथ असंगत है।
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