Maharashtra SSC परिणाम 2024 घोषित: उत्तीर्ण प्रतिशत 95.81% दर्ज

घरMaharashtra SSC परिणाम 2024 घोषित: उत्तीर्ण प्रतिशत 95.81% दर्ज

Maharashtra SSC परिणाम 2024 घोषित: उत्तीर्ण प्रतिशत 95.81% दर्ज

Maharashtra SSC परिणाम 2024 घोषित: उत्तीर्ण प्रतिशत 95.81% दर्ज

  • Ratna Muslimah
  • 28 मई 2024
  • 20

महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (MSBSHSE) ने 2024 के महाराष्ट्र SSC परीक्षा परिणामों की घोषणा कर दी है। इस साल का उत्तीर्ण प्रतिशत 95.81% है, जो पिछले वर्षों की तुलना में एक प्रतिष्ठित आंकड़ा है। छात्रों के साथ-साथ उनके अभिभावक भी इस परिणाम का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। अब जब परिणाम घोषित हो गया है, तो छात्रों और स्कूलों के बीच उत्साह का माहौल है।

यह परिणाम उन विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण है जिन्होंने इस वर्ष कक्षा 10वीं की परीक्षा में भाग लिया था। बोर्ड ने आधिकारिक वेबसाइट महरिजल्ट.nic.in पर परिणाम जारी किया है, जहां से छात्र अपने अंकों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। परिणाम दोपहर 1 बजे के बाद ऑनलाइन उपलब्ध कराए गए।

MSBSHSE के अध्यक्ष ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस साल विद्यार्थियों ने कठिन परिश्रम और समर्पण का प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि इन परिणामों में विद्यार्थियों की मेहनत का असर साफ देखा जा सकता है। परिणाम की घोषणा के पहले विद्यार्थियों का तनाव और उत्सुकता चरम पर थी, लेकिन अब यह समाप्त हो गया है और खुशी का माहौल है।

इस साल के परिणामों को देखते हुए यह स्पष्ट हो जाता है कि शिक्षकों और विद्यार्थियों ने कोरोना महामारी के बावजूद कठिन चुनौतियों का सामना करते हुए शानदार प्रदर्शन किया है। यह वर्ष शिक्षा जगत के लिए बहुत महत्वपूर्ण था क्योंकि महामारी ने शिक्षा पद्धति को बुरी तरह प्रभावित किया था। लेकिन फिर भी, विद्यार्थियों ने अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए पूरी मेहनत की और सफल रहे।

सोशल मीडिया पर भी विद्यार्थियों और उनके माता-पिता की प्रतिक्रियाएं देखने लायक हैं। कई विद्यार्थी अपने अंकों को लेकर खुश हैं और कई अपने परिणामों से आश्चर्यचकित भी हैं। विशेष रूप से, इस साल लड़कियों ने भी शानदार प्रदर्शन किया है और लड़कों के मुकाबले उच्च उत्तीर्ण प्रतिशत प्राप्त किया है।

महाराष्ट्र SSC परीक्षा परिणाम छात्रों के करियर के अगले चरण के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इस परिणाम के आधार पर विद्यार्थी आगे की पढ़ाई की योजना बनाएंगे, चाहे वह कला, वाणिज्य, विज्ञान या अन्य कोई व्यावसायिक पाठ्यक्रम हो। विद्यातियों के भविष्य की नींव इसी परीक्षा परिणाम पर निर्भर करती है।

अगर हम जिलावार आंकड़ों की बात करें तो पुणे, नागपुर, मुंबई और औरंगाबाद जैसे प्रमुख शहरों में उच्च उत्तीर्ण प्रतिशत देखा गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी विद्यार्थियों ने अच्छे परिणाम प्राप्त किए हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि शिक्षा की गुणवत्ता पूरे राज्य में समान रूप से वितरित हो रही है।

अंत में, एक बार फिर से समस्त विद्यार्थियों, उनके माता-पिता और शिक्षकों को बधाई। यह सफलता, उनकी मेहनत और संघर्ष का परिणाम है। उम्मीद है कि आगे भी विद्यार्थी इसी तरह अपनी मेहनत और समर्पण से नए आयाम स्थापित करेंगे। हमारे भविष्य के सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएँ!

परीक्षा परिणाम चेक करने की प्रक्रिया

विद्यार्थियों के लिए परीक्षा परिणाम देखने की प्रक्रिया बहुत ही सरल है। नीचे दिए गए चरणों का पालन करके विद्यार्थी अपने परिणाम देख सकते हैं:

  1. आधिकारिक वेबसाइट mahresult.nic.in पर जाएं।
  2. होम पेज पर ‘Maharashtra SSC Result 2024’ लिंक पर क्लिक करें।
  3. अपने विवरण जैसे रोल नंबर और माता का नाम दर्ज करें।
  4. ‘सबमिट’ बटन पर क्लिक करें।
  5. आपका परिणाम स्क्रीन पर प्रदर्शित हो जाएगा।
  6. भविष्य के लिए अपना परिणाम डाउनलोड करें और एक प्रिंट आउट ले लें।

समस्या होने पर क्या करें?

यदि किसी विद्यार्थी को परिणाम देखने में कोई समस्या होती है तो वह बोर्ड की हेल्पलाइन पर संपर्क कर सकता है। इसके अलावा, स्कूली शिक्षक और प्रशासन भी विद्यार्थियों की सहायता के लिए उपलब्ध हैं। भविष्य की योजना के लिए यह जरूरी है कि विद्यार्थी अपने परिणामों का सही-सही अवलोकन करें और अपनी क्षमताओं के अनुसार सही दिशा में कदम उठाए।

इस साल का SSC परिणाम केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि विद्यार्थियों की मेहनत और संघर्ष का प्रतीक है। महरश्त्र के सभी विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ!

लेखक के बारे में
Ratna Muslimah

Ratna Muslimah

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मैं एक न्यूज विशेषज्ञ हूँ और मैं दैनिक समाचार भारत के बारे में लिखना पसंद करती हूँ। मेरे लेखन में सत्यता और ताजगी को प्रमुखता मिलती है। जनता को महत्वपूर्ण जानकारी देने का मेरा प्रयास रहता है।

टिप्पणि (20)
  • Himanshu Tyagi
    Himanshu Tyagi 28 मई 2024

    95.81% उत्तीर्ण? असल में ये आंकड़ा बहुत अच्छा है, लेकिन क्या हमने कभी सोचा कि इतने ज्यादा उत्तीर्ण होने का मतलब ये भी हो सकता है कि परीक्षा आसान हो गई है? या फिर मार्किंग लाजवाब हो गई है? बस एक सवाल।

  • Vikas Rajpurohit
    Vikas Rajpurohit 29 मई 2024

    भाई ये तो बहुत बड़ी बात है! 😍 95% से ज्यादा लड़के उत्तीर्ण? मतलब हमारे शिक्षक अब जादूगर बन गए! 🧙‍♂️✨ मैंने तो सोचा था कि आजकल के बच्चे फोन पर घूमते हैं, लेकिन देखो ये जबरदस्ती! 💪

  • Nandini Rawal
    Nandini Rawal 30 मई 2024

    मुंबई के एक स्कूल में एक लड़की ने 98% किया है, उसकी माँ ने बताया कि वो रोज 5 घंटे पढ़ती है। बस इतनी मेहनत का फल है।

  • Ranjani Sridharan
    Ranjani Sridharan 31 मई 2024

    पर अगर हम देखें तो क्या ये सब बस एग्जाम में लिखने की कला है? बच्चे तो जानते हैं कि क्या लिखना है, लेकिन क्या वो समझते हैं? नहीं ना? 😕

  • Shraddha Tomar
    Shraddha Tomar 2 जून 2024

    अरे यार, ये सब बहुत अच्छा है लेकिन अगर हम शिक्षा को एक बहुत बड़ा फिल्टर नहीं समझेंगे तो ये सिर्फ एक नंबर का खेल बन जाएगा। बच्चों को असली सोचने की आदत डालनी होगी, न कि याद करने की।

  • yashwanth raju
    yashwanth raju 3 जून 2024

    ये सब बहुत अच्छा है... अगर आपका बेटा 95% लाया हो। बाकी लोगों के बेटे तो फेल हो गए, लेकिन उनकी बात कोई नहीं सुनता। 😏

  • sandhya jain
    sandhya jain 3 जून 2024

    मैं एक टीचर हूँ, और मैंने देखा है कि ग्रामीण स्कूलों में बच्चे अब लैपटॉप से पढ़ रहे हैं। एक बार मैंने एक लड़की को देखा जो बिजली नहीं थी, तो उसने अपने मोबाइल का बैटरी बचाकर ऑफलाइन एप्स से पढ़ाई की। ये वो है जिसका हमें जश्न मनाना चाहिए।


    हम सब बस नंबर देख रहे हैं, लेकिन इन बच्चों की लड़ाई को नहीं।


    हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि शिक्षा बस एग्जाम नहीं, जीवन का हिस्सा है।


    मैं अपने स्कूल में एक छोटा सा प्रोजेक्ट शुरू किया है - हर हफ्ते एक बच्चा अपनी कहानी सुनाता है। कुछ बच्चे तो रो रहे होते हैं, लेकिन वो रोने के बाद बेहतर बनते हैं।


    ये 95.81% एक आंकड़ा है, लेकिन इसके पीछे लाखों आँखों की चमक है।

  • TARUN BEDI
    TARUN BEDI 4 जून 2024

    यहाँ तक कि इस उच्च उत्तीर्ण दर के साथ, यह अप्रत्याशित रूप से शिक्षा प्रणाली की गहरी विकृतियों को उजागर करता है। यदि लगभग सभी विद्यार्थी उत्तीर्ण हो रहे हैं, तो परीक्षा का मूल्यांकन उचित नहीं है। इसका अर्थ है कि मानक घट गए हैं, या फिर अंकन अनुचित रूप से अधिक दिए जा रहे हैं।


    एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, एक बंटवारा वितरण आवश्यक है, जिसमें उच्च, मध्यम और निम्न श्रेणियाँ होती हैं। यहाँ तक कि एक सामान्य वितरण भी अस्तित्व में नहीं है।


    यह एक विश्वसनीय शिक्षा मूल्यांकन प्रणाली के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।


    हम बच्चों को वास्तविक ज्ञान नहीं, बल्कि एग्जाम के लिए उपयुक्त उत्तर याद करने के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं।


    यह विश्व के किसी भी उन्नत शिक्षा प्रणाली में अस्वीकार्य है।


    अगर यह जारी रहा, तो भविष्य में हमारे विद्यार्थी उच्च शिक्षा या रोजगार के लिए अयोग्य हो जाएंगे।


    हमें तुरंत एक निष्पक्ष, वैज्ञानिक और विश्वसनीय मूल्यांकन प्रणाली बनानी होगी।


    यह शिक्षा के लिए एक आपातकालीन स्थिति है।


    इस असंगति को अनदेखा करना भविष्य के लिए अपराध होगा।


    हम निष्क्रिय नहीं रह सकते।


    हमें नीति निर्माताओं को जागृत करना होगा।


    हमारे बच्चों का भविष्य इस पर निर्भर करता है।


    हम इसे बस एक खुशखबरी के रूप में नहीं लेना चाहिए।


    हमें इसे एक चेतावनी के रूप में लेना चाहिए।

  • Leo Ware
    Leo Ware 5 जून 2024

    95% उत्तीर्ण... लेकिन कितने बच्चे असल में समझते हैं? ये नंबर बताता है कि कितने लोग बच गए, न कि कितने सीखे।

  • Shriya Prasad
    Shriya Prasad 7 जून 2024

    मेरा भाई आज उत्तीर्ण हुआ। उसने बस एक बार पढ़ा था। अब वो बता रहा है कि वो कॉलेज में बायोलॉजी लेना चाहता है।

  • Darshan kumawat
    Darshan kumawat 9 जून 2024

    अच्छा हुआ कि लड़कियाँ बेहतर निकलीं। अब लड़कों को भी थोड़ा लग रहा होगा कि जिंदगी में बस फोन घुमाने से कुछ नहीं होता। 😎

  • Nishu Sharma
    Nishu Sharma 10 जून 2024

    हमारे गाँव में एक लड़की ने 99% किया है और उसके पास अभी तक कोई लैपटॉप नहीं है वो बस अपने दादा के पुराने फोन से पढ़ती है और रोज दो घंटे बिजली आने पर ऑनलाइन क्लास देखती है और वो भी बिना इंटरनेट के डाउनलोड करके


    मैंने उसे देखा तो रो पड़ी

  • Priya Kanodia
    Priya Kanodia 12 जून 2024

    क्या आपने कभी सोचा है कि ये परिणाम बोर्ड के अंदरूनी निर्णयों के कारण हैं? क्या कोई आँकड़े बदले गए हैं? क्या कोई अनुदान के लिए नंबर बढ़ाए गए हैं? ये सब एक नाटक है...


    मैंने एक टीचर से बात की जिसने कहा कि अंक बढ़ाए जा रहे हैं... और वो डर गया था...


    मैंने अपने बेटे का आंसुओं से भरा प्रश्नपत्र देखा था... उसके जवाब बिल्कुल सही थे... लेकिन उसे 10 में से 7 दिए गए... और फिर उसका नंबर बढ़ा दिया गया...


    ये एक धोखा है...


    क्या हम अपने बच्चों के भविष्य को इस तरह खत्म कर रहे हैं?

  • Shailendra Soni
    Shailendra Soni 13 जून 2024

    मैंने देखा है एक बच्चा जिसने फेल होकर भी दोबारा दिया... और अब वो टॉप कर रहा है। ये नंबर नहीं, इरादा है जो असली है।

  • Anupam Sood
    Anupam Sood 13 जून 2024

    95% उत्तीर्ण? बस एक बात बताओ... कितने बच्चे असली जीवन में जी पाएंगे? क्या वो बिल्ली के बाल जैसे नंबर देखकर खुश हो जाएंगे? 😒

  • Manjit Kaur
    Manjit Kaur 15 जून 2024

    ये सब बहुत अच्छा है लेकिन बच्चे अब अपने नंबर के लिए नहीं बल्कि अपने नाम के लिए लड़ रहे हैं। जिसका नाम टॉप पर आएगा वो घर में भगवान बन जाता है।

  • Hari Wiradinata
    Hari Wiradinata 17 जून 2024

    मैं एक शिक्षक हूँ। इस साल मेरे 30 बच्चों में से 29 उत्तीर्ण हुए। एक बच्चा फेल हुआ लेकिन उसने बस एक चैप्टर नहीं पढ़ा था। अब वो रोज 5 बजे उठकर पढ़ रहा है। ये नंबर नहीं, ये बदलाव है।

  • Sujit Ghosh
    Sujit Ghosh 18 जून 2024

    भारत का शिक्षा सिस्टम दुनिया का सबसे अच्छा है! क्योंकि यहाँ तो हर बच्चा उत्तीर्ण हो गया! बाकी देशों में तो लोग फेल हो रहे हैं, हमारे बच्चे तो टॉप कर रहे हैं! जय हिंद! 🇮🇳

  • Shikha Malik
    Shikha Malik 20 जून 2024

    मैंने अपने बेटे का रिजल्ट देखा... उसे 92% आया... लेकिन मैं अभी भी रो रही हूँ... क्योंकि उसने अपने बहन के लिए बिना बोले एक दिन पूरा दिन पढ़ाई की... वो तो फेल हो गई थी... अब वो भी दोबारा दे रही है...


    हमारी जिंदगी में नंबर नहीं, बल्कि ये प्यार है जो असली है।

  • Balaji T
    Balaji T 21 जून 2024

    परिणाम के इस उच्च आंकड़े के संदर्भ में, यह अत्यंत अनिवार्य है कि हम शिक्षा के अधिकार के आधारभूत सिद्धांतों के साथ इसके तालमेल का विश्लेषण करें। विद्यार्थियों के व्यक्तिगत उपलब्धियों का आकलन निष्पक्षता, विश्वसनीयता और गुणवत्ता के संदर्भ में किया जाना चाहिए। यहाँ तक कि उच्च उत्तीर्ण दर भी शिक्षा के उद्देश्यों के अनुरूप नहीं हो सकती, यदि यह वास्तविक ज्ञान के अधिगम के बजाय विशिष्ट अंकन योजनाओं के अनुरूप हो।


    अतः, इस घोषणा को एक आंकड़े के रूप में नहीं, बल्कि एक शैक्षिक विश्लेषण के लिए एक अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए।

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