अमित शाह पर खालिस्तानी आतंकियों को निशाना बनाने के आरोप बेबुनियाद: सूत्र

घरअमित शाह पर खालिस्तानी आतंकियों को निशाना बनाने के आरोप बेबुनियाद: सूत्र

अमित शाह पर खालिस्तानी आतंकियों को निशाना बनाने के आरोप बेबुनियाद: सूत्र

अमित शाह पर खालिस्तानी आतंकियों को निशाना बनाने के आरोप बेबुनियाद: सूत्र

  • सुशीला गोस्वामी
  • 30 अक्तूबर 2024
  • 0

भारत और कनाडा के बीच गर्माता विवाद

हाल ही में भारतीय गृह मंत्री अमित शाह का नाम खालिस्तानी आतंकियों को निशाना बनाने की एक विवादास्पद मुहिम के संदर्भ में आया है, जो कनाडा में मौजूद सिख समुदाय से संबंधित है। कनाडा के अधिकारियों ने इस मामले को उजागर किया है, जिससे भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक संबंधों में कटुता आ गई है। कनाडाई सरकार ने अमित शाह पर आरोप लगाया है कि उन्होंने कनाडा में बसे खालिस्तानी अलगाववादियों को निशाना बनाने का आदेश दिया। हालाँकि, भारतीय सरकार ने इन आरोपों को सफेद झूठ और बेबुनियाद करार दिया है।

आरोपों की सत्यता पर सवाल

आरोपों की सत्यता पर सवाल

सूत्रों के अनुसार, प्रस्तुत किए गए सभी आरोपों का कोई ठोस प्रमाण नहीं है जो अमित शाह के इस तथाकथित अभियान से जुड़े होने का संकेत दें। भारत ने जोर देकर कहा है कि यह पूरी तरह से सुनियोजित और द्वेषपूर्ण आरोप हैं। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि ये आरोप राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित है और कैनेडियन सरकार का चयनित दृष्टिकोण हो सकता है। दूसरी ओर, कनाडाई अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से यह दावा किया है जो अब दोनों देशों के बीच एक प्रमुख मुद्दा बन गया है।

कूटनीतिक स्तर पर तनाव

यह मामला भारत और कनाडा के संबंधों को नई चुनौती दे रहा है। अतिवादी मुद्दों को लेकर इससे पहले भी विवाद होते रहे हैं, लेकिन यह पहली बार है जब इतने उच्च स्तर पर सीधे आरोप लगे हैं। दोनों देशों की सरकारें इस मुद्दे को लेकर अपनी-अपनी स्थिति पर अड़ी हुई हैं और इस तनाव ने दोनों देशों के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों को भी प्रभावित किया है। पूर्व में भी कनाडा और भारत के बीच कई मुद्दों पर तनाव रहा है, लेकिन इस मामले ने इसे नए आयाम दे दिए हैं।

आरोपों की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया

आरोपों का असर न केवल द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ा है, बल्कि अन्य देशों की प्रतिक्रियाएं भी कहीं न कहीं दृष्टिगत होती हैं। अंतरराष्ट्रीय मिडिया इस मामले को लगातार कवर कर रहा है, जिसमें दोनों देशों की छवि प्रभावित हो रही है। जिन देशों में सिख समुदाय की बड़ी आबादी है, वे इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं।

राजनीतिक दृष्टिकोण और संभावनाएं

बात राजनीति की जाए तो यह मामला भविष्य में दोनों देशों के राजनीतिक संबंधों में एक संवेदनशील मुद्दा बन सकता है। भारत और कनाडा दोनों ही लोकतांत्रिक देश हैं, जहाँ राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का एक लंबा इतिहास रहा है। इस मामले का समाधान दोनोें पक्षों के बीच पारस्परिक संवाद के माध्यम से ही संभव है ताकि कूटनीतिक संबंध सामान्य हो सके। जब तक कोई अंतिम निष्कर्ष नहीं निकलता, यह मुद्दा विवाद का कारण बना रहेगा।

लेखक के बारे में
सुशीला गोस्वामी

सुशीला गोस्वामी

लेखक

मैं एक न्यूज विशेषज्ञ हूँ और मैं दैनिक समाचार भारत के बारे में लिखना पसंद करती हूँ। मेरे लेखन में सत्यता और ताजगी को प्रमुखता मिलती है। जनता को महत्वपूर्ण जानकारी देने का मेरा प्रयास रहता है।

एक टिप्पणी लिखें
कृपया वैध नाम दर्ज करें!
कृपया वैध ईमेल दर्ज़ करें!