केरल के वायनाड़ जिले में हाल ही में कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है। बारिश की तेज़ धारा, कटाव और मानवीय हस्तक्षेप मिलकर इस आपदा को जन्म दे रहे हैं। अगर आप उस क्षेत्र के पास रहते हैं या यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो इन बातों को समझना जरूरी है ताकि आप खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों की मदद कर सकें।
पहला कारण लगातार भारी बारिश है। मॉनसून के दौरान वायनाड़ में पानी का स्तर बहुत तेजी से बढ़ता है, जिससे मिट्टी ढीली हो जाती है और पहाड़ियों की सतह कमजोर पड़ती है। दूसरा कारण बाढ़ के बाद नदियों का किनारा बदलना या जंगलों को काट देना है; इससे प्राकृतिक समर्थन खत्म हो जाता है। तीसरा अक्सर मानवीय कार्य जैसे सड़क बनाना या घर बनाकर जमीन पर दबाव डालना भी जोखिम बढ़ा देता है। इन तीन चीज़ों का मिश्रण ही भूस्खलन की संभावना को बहुत बढ़ाता है।
अगर आप देखेंगे कि पहाड़ी या खड़ी जगह में जमीन धीरे‑धीरे नीचे गिर रही है, तो तुरंत उस क्षेत्र से दूर चलें। अपने मोबाइल पर मौसम ऐप खोलकर स्थानीय चेतावनी देखें और आधिकारिक सूचना का पालन करें। घर में रहने वाले लोग अगर दरार, फटने वाली दीवार या अजीब आवाज़ सुनें, तो घर खाली करके सुरक्षित स्थान, जैसे खुला मैदान या ऊँचा बिंदु, पर जाएं। बचाव कर्मियों को मदद करने के लिए अपने पास टॉर्च, पानी और प्राथमिक चिकित्सा किट रखें, लेकिन खुद जोखिम में न पड़ें।
स्थानीय प्रशासन अक्सर भूस्खलन‑प्रभावित क्षेत्रों की सूची जारी करता है। उस सूची को नोट कर लें और अगर आप रोज़ाना वही रास्ता लेते हैं तो वैकल्पिक मार्ग तैयार रखें। सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट के समय भी अपडेटेड टाइम टेबल देखें, क्योंकि कई बार बसें या ट्रेन रूट बदल जाते हैं। छोटे बच्चों और बुजुर्गों को हमेशा साथ ले जाएं, ताकि कोई मदद की जरूरत पड़े तो तुरंत पता चल सके।
भूस्खलन रोकने में सबसे बड़ा योगदान साफ‑सफ़ाई और पेड़ लगाना है। अगर आप अपने आसपास के बगीचे या खाली जमीन पर पौधे लगा सकें, तो मिट्टी को पकड़ने वाला प्रभाव बढ़ता है। सामुदायिक समूहों से जुड़कर सफ़ाई ड्राइव में हिस्सा लें; कचरा हटाने से पानी का प्रवाह सुधरता है और जलभराव कम होता है। ये छोटे‑छोटे कदम बड़े नुकसान को रोक सकते हैं।
आखिर में, याद रखें कि भूस्खलन अचानक हो सकता है, पर तैयारी से हम सुरक्षित रह सकते हैं। मौसम की खबरें रोज़ देखें, स्थानीय अधिकारी के निर्देश मानें और अपने परिवार के साथ एक बचाव योजना बनाकर रखें। ऐसे ही सरल उपायों से आप न सिर्फ खुद को बल्कि अपने आस‑पास के लोगों को भी सुरक्षित रख पाएंगे।
वायनाड में भूस्खलन से मृत्यु संख्या 100 के पार हो गई है, और कई लोग अभी भी मलबे के नीचे फंसे हो सकते हैं। जलवायु वैज्ञानिक डॉ. एस. अभिलाष कहते हैं कि अरब सागर की गर्मी के कारण क्षेत्र में भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं। राज्य सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता घोषणा की है। (आगे पढ़ें)