वायनाड भूस्खलन में मृत्यु संख्या 100 के पार; अरब सागर की गर्मी से जुड़ी आपदाओं पर जलवायु वैज्ञानिक का चेतावनी

घरवायनाड भूस्खलन में मृत्यु संख्या 100 के पार; अरब सागर की गर्मी से जुड़ी आपदाओं पर जलवायु वैज्ञानिक का चेतावनी

वायनाड भूस्खलन में मृत्यु संख्या 100 के पार; अरब सागर की गर्मी से जुड़ी आपदाओं पर जलवायु वैज्ञानिक का चेतावनी

वायनाड भूस्खलन में मृत्यु संख्या 100 के पार; अरब सागर की गर्मी से जुड़ी आपदाओं पर जलवायु वैज्ञानिक का चेतावनी

  • Ratna Muslimah
  • 31 जुलाई 2024
  • 15

वायनाड में भूस्खलन: घटना का विस्तार

वायनाड, केरल का एक खूबसूरत जिला, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, हाल ही में एक बड़ी आपदा का शिकार हुआ है। भूस्खलन की इस घटना में मृतकों की संख्या 100 को पार कर चुकी है और कई लोग मलबे के नीचे दबे हो सकते हैं। भूस्खलन की यह घटना जिले के कई हिस्सों में देखी गई है और स्थिति अत्यधिक चिंताजनक है।

स्थानीय अधिकारी, भारतीय सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के साथ मिलकर बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। उन्हें उम्मीद है कि वे जल्द से जल्द और भी जीवित लोगों को मलबे से बाहर निकाल पाएंगे। वास्तविक स्थिति कितनी गंभीर है, यह समय के साथ स्पष्ट हो पाएगा।

जलवायु परिवर्तन और भूस्खलन का संबंध

भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के जलवायु वैज्ञानिक डॉ. एस. अभिलाष ने इस आपदा के पीछे एक बड़ा कारण बताया है - अरब सागर का गर्म होना। डॉ. अभिलाष के अनुसार, अरब सागर की गर्मी के कारण वायुमंडलीय नमी में वृद्धि हो रही है, जो भारी वर्षा का कारण बनती है। भारी वर्षा के कारण भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं और इसके परिणामस्वरूप अधिक जान-माल का नुकसान हो रहा है।

भविष्य की चेतावनी

डॉ. अभिलाष ने चेतावनी दी है कि आने वाले समय में भी इस समस्या का समाधान जल्दी होता नज़र नहीं आ रहा। अरब सागर की गर्मी के कारण भूस्खलन की घटनाएं और भी गंभीर और सामान्य हो सकती हैं। इसके लिए आवश्यक है कि हम जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को गंभीरता से लें और इसके निवारण के लिए तत्परता से कार्य करें।

स्थानीय लोगों और अधिकारियों को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है। जलवायु वैज्ञानिकों के अनुसार, इस तरह की घटनाएं समय-समय पर होती रहेंगी जब तक कि हम अपने पर्यावरण के प्रति संवेदनशील नहीं होंगे। भूस्खलन जैसी घटनाओं के पीछे के कारणों को समझना और उनके निवारण के उपाय करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

प्रभावित लोगों की स्थिति

वायनाड जिले के लोग इस आपदा से बेहद दुखी और परेशान हैं। कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, जबकि कई लोग अभी भी उनके ज़िंदा होने की उम्मीद कर रहे हैं। राज्य सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। साथ ही, विस्थापित लोगों के लिए राहत शिविर भी स्थापित किए गए हैं जहाँ उनके खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है।

सरकार और बचाव कार्य

केरल सरकार ने इस आपदा के बाद तुरंत कदम उठाए और बचाव कार्यों में तेजी लाई। राज्य की मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पूरी तरह से प्रभावित लोगों के साथ खड़ी है और उनकी हर संभव मदद की जाएगी। इस तरह की आपदाओं में स्थानीय प्रशासन की भूमिका भी अत्यंत महत्वपूर्ण होती है और केरल सरकार ने इसे भली-भांति निभाया है।

इसके अलावा, विभिन्न समाजसेवी संगठनों ने भी इस कठिन समय में सहयोग की बात कही है। स्थानीय नागरिकों ने भी अपने स्तर पर मदद के हाथ बढ़ाए हैं और आपस में सहयोग कर रहे हैं।

भूस्खलन से बचने के उपाय

भूस्खलन से बचने के उपाय

भूस्खलन जैसी आपदाओं से बचने के लिए हमें कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे। सबसे पहले हमें पर्यावरण के महत्व को समझना होगा और उसकी रक्षा करनी होगी।

  • संवेदनशील इलाकों में निर्माण कार्यों पर रोक लगाना।
  • जंगलों की कटाई को रोकना और अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना।
  • भूस्खलन की संभावना वाले क्षेत्रों में वैज्ञानिक तरीके से जल निकासी की व्यवस्था करना।
  • स्थानीय लोगों को जागरूक करना और उन्हें इस विषय पर शिक्षित करना।

इन उपायों के जरिये हम भूस्खलन जैसी आपदाओं से बच सकते हैं और मानव जीवन को सुरक्षित रख सकते हैं।

सरकार, वैज्ञानिक और आम जनता सभी को मिलकर इस समस्या का समाधान ढूंढना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से हम बच सकें।

लेखक के बारे में
Ratna Muslimah

Ratna Muslimah

लेखक

मैं एक न्यूज विशेषज्ञ हूँ और मैं दैनिक समाचार भारत के बारे में लिखना पसंद करती हूँ। मेरे लेखन में सत्यता और ताजगी को प्रमुखता मिलती है। जनता को महत्वपूर्ण जानकारी देने का मेरा प्रयास रहता है।

टिप्पणि (15)
  • Shriya Prasad
    Shriya Prasad 1 अगस्त 2024
    ये तो बस शुरुआत है। अगले साल और बुरा होगा।
    हम सब इसका हिस्सा हैं।
  • Balaji T
    Balaji T 2 अगस्त 2024
    एक बार फिर जलवायु विज्ञान के अर्ध-वैज्ञानिक दावों का नाटक।
    भूस्खलन का कारण वर्षाओं की अनियमितता है, न कि अरब सागर की गर्मी।
    इस तरह की बातें बस राजनीतिक अज्ञानता को बढ़ाती हैं।
  • Nishu Sharma
    Nishu Sharma 2 अगस्त 2024
    मैंने 2018 में केरल के बारे में एक रिसर्च पेपर लिखा था जहां मैंने देखा कि जंगलों की कटाई और निर्माण गतिविधियां भूस्खलन के लिए जिम्मेदार हैं और जलवायु परिवर्तन इसे और बदतर बना रहा है लेकिन अधिकांश लोग इसे अनदेखा कर रहे हैं क्योंकि यह बहुत बड़ी बात है और इसके लिए बहुत ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ेगा और लोगों को अपनी आदतें बदलनी पड़ेंगी और ये सब बहुत मुश्किल है और हम इसे अभी तक ठीक से नहीं समझ पाए हैं और इसलिए हमें अभी भी इस पर काम करना होगा और अधिक जागरूकता फैलानी होगी
  • Shraddha Tomar
    Shraddha Tomar 3 अगस्त 2024
    ये सब एक सिस्टम का फेलर है भाई। हमने प्रकृति को बिल्कुल नज़रअंदाज़ कर दिया।
    अरब सागर गर्म हो रहा है? हां।
    लेकिन इसका मतलब है कि हम अपने जीवन शैली को बदलने का टाइम है।
    सब अपने घरों में एसी चला रहे हैं और फिर भूस्खलन के लिए बादलों को दोष दे रहे हैं 😅
    प्रकृति कभी नहीं भूलती।
  • Priya Kanodia
    Priya Kanodia 4 अगस्त 2024
    ये सब एक बड़ा फ्रेम है... जलवायु परिवर्तन... अरब सागर... सब एक ट्रिक है...
    क्या आपने कभी सोचा कि ये सब जासूसी एजेंसियों का नियोजित फेस बुक एड है?
    सरकार लोगों को डरा रही है ताकि वो नए टैक्स दें...
    और जंगलों की कटाई का दोष भी लगाया जा रहा है...
    लेकिन असली कारण तो वो हैं जो आपके आसपास रहते हैं...
    सब कुछ बहुत बड़ा है...
  • Darshan kumawat
    Darshan kumawat 5 अगस्त 2024
    मैंने तो सोचा था ये बस एक बार की बात होगी।
    अब ये रोज़ हो रहा है।
    लोगों को नहीं समझ आ रहा कि ये एक सिस्टम का फेल है।
  • Manjit Kaur
    Manjit Kaur 7 अगस्त 2024
    पर्यावरण की रक्षा करो। जंगल लगाओ। निर्माण रोको।
    बस इतना ही।
    बाकी सब बकवास है।
  • yashwanth raju
    yashwanth raju 8 अगस्त 2024
    मज़ाक है ना? जलवायु वैज्ञानिक अब भूस्खलन के लिए जिम्मेदार हो गए?
    क्या वो आपके बारिश के बाद बाथरूम की नली बंद करने के लिए भी जिम्मेदार हैं?
    बस थोड़ा सोचो।
    क्या आपके घर के बाहर की नहर बंद है? नहीं?
    तो फिर बादलों को दोष देना बंद करो।
  • Aman Upadhyayy
    Aman Upadhyayy 10 अगस्त 2024
    मैंने इस बारे में बहुत सोचा है... और मुझे लगता है कि ये सब एक बहुत बड़ा चक्र है...
    जब तक हम अपने जीवन को नहीं बदलेंगे... जब तक हम अपने आप को नहीं बदलेंगे... तब तक ये आपदाएं आती रहेंगी...
    हम अपने बच्चों के लिए क्या छोड़ रहे हैं? 🤔
    हम अपने बारे में सोचते हैं... लेकिन भविष्य के बारे में नहीं...
    अगर हम नहीं बदलेंगे तो अगली पीढ़ी क्या करेगी? 😢
  • ASHWINI KUMAR
    ASHWINI KUMAR 11 अगस्त 2024
    ये सब बहुत आसानी से कह दिया जाता है।
    जलवायु परिवर्तन।
    अरब सागर।
    जंगलों की कटाई।
    लेकिन कौन इसके लिए जिम्मेदार है?
    क्या हम सब? या कुछ लोग?
    क्या सरकार ने कुछ किया?
    क्या हमने कुछ किया?
    ये सब बस बातें हैं।
    कोई कार्रवाई नहीं।
    कोई नतीजा नहीं।
    कोई भी नहीं।
  • vaibhav kapoor
    vaibhav kapoor 12 अगस्त 2024
    हमारे देश की जमीन हमारी है।
    इस पर जलवायु वैज्ञानिकों का कोई हक नहीं।
    हमने अपने आप को बचाना है।
    हमारे बारे में सोचो।
    हमारे देश के लिए।
  • Manish Barua
    Manish Barua 14 अगस्त 2024
    मैं वायनाड से हूँ।
    मेरे दोस्त का घर नीचे गिर गया।
    उसकी माँ अभी भी नहीं मिली।
    हम लोग रात को बर्फ की तरह बरसती बारिश में खड़े हैं।
    कोई नहीं आ रहा।
    हम अपने आप को बचा रहे हैं।
    कोई नहीं सुन रहा।
    कोई नहीं जानता।
    ये बस एक खबर नहीं है।
    ये हमारा जीवन है।
  • Abhishek saw
    Abhishek saw 16 अगस्त 2024
    सरकार को तुरंत एक वैज्ञानिक टीम की जरूरत है।
    भूस्खलन के लिए एक नियमित निगरानी प्रणाली बनानी होगी।
    लोगों को तुरंत स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
    इसके लिए अतिरिक्त धन आवंटित किया जाना चाहिए।
    कोई भी अतिरिक्त व्यय अनुचित नहीं है।
    जीवन अमूल्य है।
  • TARUN BEDI
    TARUN BEDI 17 अगस्त 2024
    यह घटना एक अत्यंत गहरी दार्शनिक चुनौती है।
    हम अपने विकास के लिए प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व के बजाय उस पर अधिकार करने का निर्णय लेते हैं।
    यह एक अनैतिक अहंकार है।
    हम अपने आप को विश्व के केंद्र में रखते हैं।
    लेकिन प्रकृति कोई निर्माता नहीं है।
    यह एक जीवित प्रणाली है।
    जब हम इसके नियमों का उल्लंघन करते हैं, तो यह प्रतिक्रिया करती है।
    यह अनुशासन है।
    हमें इसका सम्मान करना चाहिए।
    यह एक अनुभव है जिसे हम भूल नहीं सकते।
  • Shikha Malik
    Shikha Malik 17 अगस्त 2024
    सब कुछ बहुत बढ़िया है...
    लेकिन क्या आपने देखा कि इन लोगों के बारे में कितनी बातें की जा रही हैं?
    कितने लोग बचाए गए?
    कितने लोग मरे?
    और अब कितने लोग अभी भी गायब हैं?
    क्या आपको लगता है कि ये सब बस एक खबर है?
    ये तो एक बड़ा बाजार है।
    लोग बातें कर रहे हैं...
    लेकिन असली लोग तो अभी भी नीचे हैं।
    क्या आप उनके लिए कुछ कर रहे हैं?
    या बस यहां बैठे हैं और बातें कर रहे हैं?
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