बांग्लादेश में आयात शुल्क में बढ़ोतरी का प्रभाव
हाल ही में बांग्लादेश सरकार ने संतरे पर आयात शुल्क को ₹64 प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर ₹72 प्रति किलोग्राम कर दिया है। इस निर्णय का सीधा असर विदर्भ क्षेत्र के निर्यातकों पर पड़ेगा, जो प्रमुख रूप से अमरावती जिले के वरुड और मोर्शी तहसीलों में स्थित हैं। इस इलाके में लगभग 1.26 लाख हेक्टेयर भूमि पर संतरे की खेती होती है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ा योगदान मिलता है।
पिछले पांच वर्षों में, बांग्लादेश ने आयात शुल्क में लगातार बढ़ोतरी की है। 2019 में यह शुल्क जहां ₹20 प्रति किलोग्राम था, वहीं अब यह ₹72 प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है। इस वृद्धि के कारण विदर्भ से बांग्लादेश को निर्यात होने वाले संतरे की मात्रा में भी भारी कमी आई है। इस वर्ष, निर्यात मे 25% से गिरकर मात्र 15% हो जाने की आशंका है।
किसानों और व्यापारियों की चिंताएं
इस आयात शुल्क वृद्धि के कारण विदर्भ के किसानों और व्यापारियों के समक्ष कई गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं। इंडो-बंगला ऑरेंज एसोसिएशन (IBOA) ने सरकार से मांग की है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करे। IBOA के अध्यक्ष सोनू खान और श्रमजीवी नागपुरी संत्रा प्रोड्यूसर्स कंपनी लिमिटेड के सीईओ रमेश जिचकर ने भी कहा है कि यदि बांग्लादेश आयात शुल्क में कमी नहीं करेगा, तो भारत सरकार को भी बांग्लादेश से आयात होने वाले वस्त्र और अन्य उत्पादों पर शुल्क बढ़ाना चाहिए।
राज्य सरकार ने पहले वादा किया था कि वह आयात शुल्क का 50% सब्सिडी के रूप में देगी, लेकिन अभी तक ₹30-35 करोड़ रूपये का वितरण नहीं किया गया है। इससे किसानों और निर्यातकों को एक और बड़ा वित्तीय झटका लगा है।
सरकारी समर्थन की आवश्यकता
विदर्भ के संतरा उत्पादकों को इस नए आयात शुल्क के बीच सरकार से समर्थन की सख्त जरूरत है। बिना किसी उचित वित्तीय मदद के, इनमें से कई छोटे और मध्यम आकार के किसानों का आर्थिक बोझ और बढ़ जाएगा। कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि यदि राज्य सरकार ने समय रहते समर्थन नहीं दिया, तो संतरा उत्पादक किसानों की आजीविका पर बुरा असर पड़ेगा।
इंडो-बंगला ऑरेंज एसोसिएशन ने उम्मीद जताई है कि केंद्र और राज्य सरकारें इस मुद्दे पर जल्द से जल्द कदम उठाएंगी।
विश्व बाजार पर असर
बांग्लादेश का आयात शुल्क बढ़ाने का निर्णय न केवल विदर्भ के संतरा उत्पादकों के लिए, बल्कि वैश्विक कृषि बाजार पर भी असर डाल सकता है। भारत के संतरे अपने स्वाद और गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं, और ऐसे में बांग्लादेश का आयात शुल्क बढ़ाने का निर्णय अन्य देशों के लिए भी एक संदेश हो सकता है।
यह स्थिति कृषि उत्पादकों के लिए एक गंभीर चेतावनी है। अब समय आ गया है कि भारत सरकार इस मामले में निर्णायक कदम उठाए और अपने किसानों के हितों की रक्षा करे।