बांग्लादेश ने फिर बढ़ाई संतरे पर आयात शुल्क: विदर्भ के निर्यातकों पर असर

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बांग्लादेश ने फिर बढ़ाई संतरे पर आयात शुल्क: विदर्भ के निर्यातकों पर असर

बांग्लादेश ने फिर बढ़ाई संतरे पर आयात शुल्क: विदर्भ के निर्यातकों पर असर

  • Ratna Muslimah
  • 17 जुलाई 2024
  • 13

बांग्लादेश में आयात शुल्क में बढ़ोतरी का प्रभाव

हाल ही में बांग्लादेश सरकार ने संतरे पर आयात शुल्क को ₹64 प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर ₹72 प्रति किलोग्राम कर दिया है। इस निर्णय का सीधा असर विदर्भ क्षेत्र के निर्यातकों पर पड़ेगा, जो प्रमुख रूप से अमरावती जिले के वरुड और मोर्शी तहसीलों में स्थित हैं। इस इलाके में लगभग 1.26 लाख हेक्टेयर भूमि पर संतरे की खेती होती है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ा योगदान मिलता है।

पिछले पांच वर्षों में, बांग्लादेश ने आयात शुल्क में लगातार बढ़ोतरी की है। 2019 में यह शुल्क जहां ₹20 प्रति किलोग्राम था, वहीं अब यह ₹72 प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है। इस वृद्धि के कारण विदर्भ से बांग्लादेश को निर्यात होने वाले संतरे की मात्रा में भी भारी कमी आई है। इस वर्ष, निर्यात मे 25% से गिरकर मात्र 15% हो जाने की आशंका है।

किसानों और व्यापारियों की चिंताएं

किसानों और व्यापारियों की चिंताएं

इस आयात शुल्क वृद्धि के कारण विदर्भ के किसानों और व्यापारियों के समक्ष कई गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं। इंडो-बंगला ऑरेंज एसोसिएशन (IBOA) ने सरकार से मांग की है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करे। IBOA के अध्यक्ष सोनू खान और श्रमजीवी नागपुरी संत्रा प्रोड्यूसर्स कंपनी लिमिटेड के सीईओ रमेश जिचकर ने भी कहा है कि यदि बांग्लादेश आयात शुल्क में कमी नहीं करेगा, तो भारत सरकार को भी बांग्लादेश से आयात होने वाले वस्त्र और अन्य उत्पादों पर शुल्क बढ़ाना चाहिए।

राज्य सरकार ने पहले वादा किया था कि वह आयात शुल्क का 50% सब्सिडी के रूप में देगी, लेकिन अभी तक ₹30-35 करोड़ रूपये का वितरण नहीं किया गया है। इससे किसानों और निर्यातकों को एक और बड़ा वित्तीय झटका लगा है।

सरकारी समर्थन की आवश्यकता

विदर्भ के संतरा उत्पादकों को इस नए आयात शुल्क के बीच सरकार से समर्थन की सख्त जरूरत है। बिना किसी उचित वित्तीय मदद के, इनमें से कई छोटे और मध्यम आकार के किसानों का आर्थिक बोझ और बढ़ जाएगा। कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि यदि राज्य सरकार ने समय रहते समर्थन नहीं दिया, तो संतरा उत्पादक किसानों की आजीविका पर बुरा असर पड़ेगा।

इंडो-बंगला ऑरेंज एसोसिएशन ने उम्मीद जताई है कि केंद्र और राज्य सरकारें इस मुद्दे पर जल्द से जल्द कदम उठाएंगी।

विश्व बाजार पर असर

विश्व बाजार पर असर

बांग्लादेश का आयात शुल्क बढ़ाने का निर्णय न केवल विदर्भ के संतरा उत्पादकों के लिए, बल्कि वैश्विक कृषि बाजार पर भी असर डाल सकता है। भारत के संतरे अपने स्वाद और गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं, और ऐसे में बांग्लादेश का आयात शुल्क बढ़ाने का निर्णय अन्य देशों के लिए भी एक संदेश हो सकता है।

यह स्थिति कृषि उत्पादकों के लिए एक गंभीर चेतावनी है। अब समय आ गया है कि भारत सरकार इस मामले में निर्णायक कदम उठाए और अपने किसानों के हितों की रक्षा करे।

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Ratna Muslimah

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मैं एक न्यूज विशेषज्ञ हूँ और मैं दैनिक समाचार भारत के बारे में लिखना पसंद करती हूँ। मेरे लेखन में सत्यता और ताजगी को प्रमुखता मिलती है। जनता को महत्वपूर्ण जानकारी देने का मेरा प्रयास रहता है।

टिप्पणि (13)
  • Shailendra Soni
    Shailendra Soni 18 जुलाई 2024
    इस शुल्क बढ़ाने का असर तो सिर्फ विदर्भ के किसानों पर नहीं, बल्कि पूरे देश के निर्यात संस्थानों पर पड़ रहा है। बांग्लादेश को ये फैसला क्यों लगाया? क्या हमारे निर्यात की गुणवत्ता उनके लिए खतरा है? ये सवाल किसी को नहीं पूछ रहा।

    हम अपने बाजार को बंद कर रहे हैं, और फिर दूसरों को दोष दे रहे हैं।
  • Sujit Ghosh
    Sujit Ghosh 18 जुलाई 2024
    बांग्लादेश को ये संतरे क्यों चाहिए? उनके पास तो खुद के फल हैं! हम उनके लिए फसल उगा रहे हैं? अब भारत को उनके कपड़ों पर 100% टैरिफ लगाना चाहिए। ये निर्यात बंद करो, अपने घर में बैठो और अपने फल खाओ। 😤
  • sandhya jain
    sandhya jain 20 जुलाई 2024
    इस बात को समझने के लिए हमें सिर्फ शुल्क नहीं, बल्कि व्यापार के संरचनात्मक असंतुलन को देखना होगा। बांग्लादेश के लिए भारतीय संतरे एक लक्जरी आइटम है, लेकिन हमारे लिए ये एक जीविका है। जब एक देश अपने आंतरिक बाजार को सुरक्षित करने के लिए शुल्क बढ़ाता है, तो वह अपने गरीब किसानों के लिए एक बंद दरवाजा बना देता है।

    क्या हम इसे एक व्यापारिक विवाद मानते हैं या एक आर्थिक अन्याय? मैं तो दूसरा चुनता हूं।
  • Anupam Sood
    Anupam Sood 21 जुलाई 2024
    बस यही हो रहा है भाई... सरकार तो बस फोटो खींचती है और स्टेटमेंट देती है 😒
    50% सब्सिडी? जहां गया वो? मेरे दादा के खेत में भी ज्यादा निकला होगा।
    अब बांग्लादेश के बाहर भी जाने दो... हम खुद खाएंगे संतरे 😅
  • Shriya Prasad
    Shriya Prasad 23 जुलाई 2024
    सब्सिडी नहीं मिली? तो फिर क्या करें? निर्यात बंद कर दो।
  • Balaji T
    Balaji T 23 जुलाई 2024
    इस घटना को एक अंतर्राष्ट्रीय व्यापार असंतुलन के रूप में विश्लेषित करना आवश्यक है। भारत के कृषि निर्यात का वैश्विक स्तर पर एक निर्धारित मूल्यांकन नहीं है, जिसके कारण द्विपक्षीय व्यापार असमानता उत्पन्न हो रही है। इसके लिए एक विशेष व्यापार समिति की आवश्यकता है।
  • Nishu Sharma
    Nishu Sharma 23 जुलाई 2024
    संतरे की खेती में लगने वाला पानी और खाद बहुत ज्यादा है और अगर बांग्लादेश उन्हें नहीं खरीद रहा तो ये उत्पाद अभी भी भारत में बिक रहा है लेकिन कीमतें गिर रही हैं। जब निर्यात बंद होता है तो घरेलू बाजार में आपूर्ति बढ़ जाती है और कीमतें गिर जाती हैं। ये तो दोहरा नुकसान है।

    अगर राज्य सरकार ने इस सब्सिडी को तुरंत जारी कर दिया होता तो अब तक कम से कम 40% नुकसान तो बच जाता।
  • Shraddha Tomar
    Shraddha Tomar 23 जुलाई 2024
    लोग बोल रहे हैं शुल्क बढ़ाया गया... पर क्या हमने सोचा कि बांग्लादेश के लोगों को भी अपने देश के फलों को बचाना है? मतलब एक देश के लिए अपने लोगों को सुरक्षित रखना अच्छा है... पर दूसरे देश के लोगों को भूखा छोड़ना भी अच्छा है? ये नहीं हो सकता।

    हमें इसे एक व्यापार युद्ध नहीं, बल्कि एक साझा समस्या के रूप में देखना चाहिए। बांग्लादेश भी एक विकासशील देश है।
  • Priya Kanodia
    Priya Kanodia 23 जुलाई 2024
    क्या आपने कभी सोचा कि ये शुल्क बढ़ाना सिर्फ शुल्क नहीं... ये एक गुप्त योजना है? क्या बांग्लादेश भारत के किसानों को तोड़ना चाहता है? क्या ये एक आर्थिक युद्ध है? क्या हमारे अंदर गुप्तचर हैं? क्या ये सब एक बड़ी राष्ट्रीय साजिश है? ये बातें बाहर नहीं बताई जातीं... लेकिन मैं जानती हूं।
  • Darshan kumawat
    Darshan kumawat 25 जुलाई 2024
    सब्सिडी नहीं मिली? तो फिर बांग्लादेश के लिए जाने की जगह अफ्रीका या दक्षिण अमेरिका जाओ। ये फल तो कहीं भी बिकते हैं। बस अपना दिमाग बदलो।
  • Manjit Kaur
    Manjit Kaur 26 जुलाई 2024
    बांग्लादेश को ये संतरे नहीं चाहिए। हमारे यहां तो फल बेचने के लिए भी लोग बेचारे हैं। अब ये लोग बाहर जाकर क्या करेंगे? रास्ते में गिर जाएंगे। अब तो बस बांग्लादेश को नुकसान दो।
  • yashwanth raju
    yashwanth raju 27 जुलाई 2024
    हाहाहा... राज्य सरकार ने सब्सिडी देने का वादा किया... और अब वो भी बोल रही है 'हम तैयार हैं'।
    जैसे बच्चे को चॉकलेट देने का वादा करो और फिर उसे बस डिब्बा दिखाओ।
    मजाक है ये सब।
  • Aman Upadhyayy
    Aman Upadhyayy 29 जुलाई 2024
    ये सब बातें तो हम लोग बोल रहे हैं... पर जब तक सरकार अपने आंकड़े नहीं बदलेगी... जब तक हमारे निर्यात को वैश्विक मानकों के अनुसार नहीं लेबल करेगी... तब तक ये सब बस एक बातचीत होगी... जिसका कोई असर नहीं होगा।

    हमें बस अपने फलों को बेहतर बनाना है... न कि दूसरों को दोष देना।
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