आप हर दिन मोबाइल से पैसे भेजते‑भेजते थक गये हैं? अब UPI के साथ ये काम बस कुछ टैप में हो जाता है। चाहे बिल भुगतान हो, दोस्त को रिवाइंड देना हो या ऑनलाइन शॉपिंग – सभी चीज़ें एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर होती हैं. इस लेख में हम देखेंगे कि UPI कैसे काम करता है, किन नई सुविधाओं का आप लाभ उठा सकते हैं और सुरक्षा के लिए कौन‑से कदम ज़रूरी हैं.
सबसे पहले समझिए कि UPI (Unified Payments Interface) एक ऐसा सिस्टम है जो आपके बैंक अकाउंट को सीधे मोबाइल ऐप से जोड़ता है। जब आप अपना VPA (Virtual Payment Address) बनाते हैं, तो आपको हर बार खाता नंबर या IFSC डालने की जरूरत नहीं पड़ती. सिर्फ़ VPA टाइप करिए और रकम भेज दीजिए.
UPI 2.0 में अब कई नई फ़ीचर आए हैं – जैसे कि ‘सिंगल इंटेंट’, जिससे आप एक ही लेनदेन में दो अलग-अलग उद्देश्यों (भुगतान + रजिस्ट्रेशन) को पूरा कर सकते हैं, और ‘ऑटोरिचार्ज’ जो आपके प्रीपेड कनेक्शन को स्वचालित रूप से रीफ़िल करता है. ये फीचर खासकर उन लोगों के लिये काम आएंगे जो हर महीने अपने मोबाइल या डेटा प्लान का भुगतान भूल जाते हैं.
UPI बहुत तेज़ है, पर सुरक्षा भी उतनी ही ज़रूरी है. सबसे पहले दो‑फ़ैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) को हमेशा ऑन रखें. ऐप में लॉगिन करने से पहले फ़िंगरप्रिंट या पिन माँगा जाता है – इसे कभी डिसेबल न करें.
हर दिन के लेनदेन की सीमा पर भी ध्यान दें. अधिकांश बैंकों ने UPI दैनिक लिमिट 1 लाख तक रखी है, लेकिन कुछ छोटे बैंक में यह कम हो सकता है. अगर आप बड़े भुगतान कर रहे हैं तो पहले अपने बैंक को कॉल करके अतिरिक्त लिमिट खोलें – इससे ट्रांज़ैक्शन फेल नहीं होंगे.
एक और आसान टिप: हमेशा आधिकारिक UPI ऐप (Google Pay, PhonePe, BHIM, Paytm) का उपयोग करें. थर्ड‑पार्टी लिंक या अनजाने QR को स्कैन करने से बचें; अगर कोई अजनबी आपको ‘फ़्रॉड’ बताता है तो तुरंत ऐप में ब्लॉक कर दें और बैंक को सूचित करें.
ध्यान रखें कि UPI लेनदेन पर कभी भी कोई चार्ज नहीं लगना चाहिए. यदि कोई सेवा शुल्क दिखाए, तो यह संभवतः स्कैम हो सकता है. ऐसे मामलों में तुरंत रिपोर्ट करें और पैसे की रिकवरी का अनुरोध करें.
अंत में, अगर आप अपने खर्च को ट्रैक करना चाहते हैं तो UPI ऐप के ‘स्पेंड एनालिटिक्स’ फीचर को इस्तेमाल कर सकते हैं. यह आपके दैनिक, साप्ताहिक और मासिक खर्च को ग्राफ़िक रूप में दिखाता है, जिससे बजट बनाना आसान हो जाता है.
तो अब जब आप UPI की बेसिक कामकाज़, नई सुविधाएँ और सुरक्षा टिप्स जानते हैं, तो बिना किसी झंझट के डिजिटल भुगतान का आनंद लें. कोई सवाल या समस्या हो तो नीचे कमेंट में लिखें – हम मदद करेंगे।
सरकार ने बताया है कि 2000 रुपए से कम के UPI लेनदेन पर GST नहीं लगाया जाएगा। UPI ट्रांजैक्शन पर GST लगाने की खबर को वित्त मंत्रालय ने गलत बताया। सिर्फ मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) पर GST लगता है, वो पहले ही खत्म किया जा चुका है। सरकार डिजिटल पेमेंट बढ़ाने के लिए कई प्रोत्साहन योजनाएं चला रही है। (आगे पढ़ें)