खुज़दार में स्कूल बस पर आत्मघाती बम हमला: 10 मृत, 53 घायल

घरखुज़दार में स्कूल बस पर आत्मघाती बम हमला: 10 मृत, 53 घायल

खुज़दार में स्कूल बस पर आत्मघाती बम हमला: 10 मृत, 53 घायल

खुज़दार में स्कूल बस पर आत्मघाती बम हमला: 10 मृत, 53 घायल

  • Ratna Muslimah
  • 13 अक्तूबर 2025
  • 13

जब खुज़दार के ज़ीरो पॉइंट पर सुबह 7:40 बजे एक आत्मघाती बमधारी वाहन ने आर्मी पब्लिक स्कूल की स्कूल बस को टक्कर मार दी, तो 10 लोगों की जान गई और 53 घायल हो गए।

यह घातक घटना 21 मई 2025 को, दो घंटे 40 मिनट GMT के बराबर स्थानीय समय में घटी, और यह खेज़र जिले के केंद्र से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित है।

बॉम्ब डिस्पोज़ल स्क्वाड ने पुष्टि की कि हमलावर की कार में 30 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक पदार्थ निकले थे। इन विस्फोटकों ने बस को पूरी तरह नष्ट कर दिया, खिड़कियों को छिनते हुए, और अंदर मौजूद 46 छात्रों में से 8 छोटे बच्चों को मार गिराया।

ऑफ़िसियल आंकड़ों के अनुसार, घटना के बाद 53 व्यक्तियों को अस्पताल में भर्ती किया गया, जिनमें 39 बच्चे शामिल हैं। बचाए गए बच्चों को अभी भी गंभीर जख्मों के कारण इंटेंसिव केयर यूनिट में रखा गया है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष एवेंजेलोस सी. सेकेरिस ने इस हमले को “सबसे कठोर शब्दों में निंदा” करते हुए कहा, “यह एक घिनौना कृत्य है जिसने निर्दोष नागरिकों की जान ली है।” उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी सहानुभूति व्यक्त की और सभी घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

यूनिसेफ ने इसे “भयनाक हमला” कहा, और बच्चों की सुरक्षा को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तत्काल कार्रवाई का आह्वान किया।

पृष्ठभूमि और क्षेत्रीय तनाव

बैलुचीस्तान, पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत होने के बावजूद, लगातार सुरक्षा चुनौतियों का सामना करता आया है। यहाँ के स्थानीय लोग अक्सर केंद्र सरकार पर आर्थिक उपेक्षा और राजनीतिक बहिष्कार का आरोप लगाते हैं। 2025 में विभिन्न बख़्तियाई अलगाववादी समूहों ने एकीकृत सशस्त्र मोर्चा बनाया, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया। इस प्रकार की अस्थिरता ने अक्सर नागरिक जीवन को जोखिम में डाल दिया है, और इस साल पहले ही कई विस्फोटक हमले हुए हैं, जैसे जनवरी 4 को तरबत में इज़ी‑डिटेड विस्फोट।

आक्रमण के विवरण

बेंगलुरु के समानांतर, इस यात्री बस में 46 छात्र सवार थे, जिनमें से अधिकांश स्थानीय निवासी थे। बमधारी वाहन ने बस के सामने के हिस्से को टक्कर मारते ही विस्फोट किया, जिससे बस का पूरा सामने वाला भाग ध्वस्त हो गया। तुरंत घटना स्थल पर पुलिस, एम्बुलेंस और बचाव दल पहुँचे।

मृतकों की सूची में शामिल हैं:

  • 8 बच्चे (उम्र 6 से 12 साल)
  • बस चालक (नाम: अली बख़्शा)
  • बस कंडक्टर (नाम: फ़हिम अहमद)

विभिन्न अस्पतालों में दाखिल 53 जख्मी लोगों में से 39 बच्चे हैं, जिनमें से कई को गंभीर सिर‑दर्द और फेफड़े की चोटों की रिपोर्ट मिली है। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि तत्काल चिकित्सा सहायता अनिवार्य थी, और कई रोगियों को सारा पाकिस्तान के बड़े अस्पतालों में ट्रांसफर किया गया।

सरकारी और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

सरकारी और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

पाकिस्तान की संघीय सरकार ने तुरंत एक उच्च स्तरीय जांच आयोग का गठन किया। सुरक्षा बलों ने शहीदों को श्रद्धांजली देते हुए कहा, “हम इस तरह के हमले को कभी भी सहन नहीं करेंगे, और जवाबी कार्रवाई में कड़ी सख़्त कदम उठाएंगे।”

खुज़दार के जिलाधिकारी ने कहा, “हमारे लिये सबसे बड़ी प्राथमिकता इस हत्याकांड के सभी जिम्मेदारों को शीघ्रता से न्याय के कटघरे में लाना है।”

एशिया‑प्रशांत सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. रजिया खान ने टिप्पणी की, “बख़्तियाई क्षेत्र में निरंतर अस्थिरता का कारण अक्सर इन अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी नेटवर्कों की उपस्थिति है, और इस तरह के हमले स्थानीय आबादी के बीच भय का माहौल बना देते हैं।”

आघात के सामाजिक प्रभाव

खुज़दार में इस हमले की ख़बर सुनते ही स्कूल के माता‑पिता और स्थानीय नागरिकों ने घेराबंदी कर दी। कई लोग शिक्षकों को “धैर्य और साहस” की प्रशंसा कर रहे हैं, जबकि वही परिवार जो अपने बच्चों को खो चुके हैं, वे गहरी शोक में डूबे हुए हैं।

स्थानीय NGOs ने त्वरित मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने का काम शुरू किया, और बच्चों को बिलकुल भी अकेला नहीं छोड़ने का वचन दिया। इसके अलावा, कई सामाजिक कार्यकर्ता समुदाय में सुरक्षा उपायों को सुदृढ़ करने के लिए आवाज़ उठा रहे हैं, जैसे बसों के लिए बुलेट‑प्रूफ स्क्रीन स्थापित करना और रूट पर सर्विलांस कैमरों की संख्या बढ़ाना।

भविष्य की सम्भावनाएँ

भविष्य की सम्भावनाएँ

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बख़्तियाई समूहों के बीच सशस्त्र मोर्चा टूट नहीं पाया, तो ऐसे हमले फिर भी हो सकते हैं। सरकार ने घोषणा की है कि वह क्षेत्रीय पुलिस और मिलिशिया को अधिक सशस्त्र और तकनीकी रूप से उन्नत करेगा। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने के लिए, पाकिस्तान ने “काउंटर‑टेररिज्म साझेदारी” को तैनात करने का प्रस्ताव रखा है।

जैसे ही जांच आगे बढ़ती है, जनता आशा करती है कि दोषियों को सजा मिलेगी और भविष्य में इस तरह की त्रासदी दोबारा नहीं दोहराई जाएगी।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या इस हमले की जिम्मेदारी किसी विशेष समूह ने लिएगी?

अब तक कोई भी बख़्तियाई अलगाववादी समूह या अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संस्था इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ले रही है। जांच आयोग स्रोतों के आधार पर संभावित कड़ी जाँच कर रहे हैं।

बच्चों के उपचार के लिए कौन-कौन से अस्पताल जिम्मेदार हैं?

जिला अस्पताल के साथ‑साथ क्वेटा, मलाबर, और इस्लामाबाद के बड़े टैरिटरी अस्पतालों को भी गंभीर मामलों की देखभाल के लिए सूचित किया गया है। स्थानीय NGOs भी मनोवैज्ञानिक सहायता दे रहे हैं।

खुज़दार में सुरक्षा उपायों में किस तरह की बदलाव की उम्मीद है?

सरकार ने स्कूल बसों में बुलेट‑प्रूफ स्क्रीन, रूट पर डिस्प्ले कैमरों की संख्या बढ़ाने, और घातक सामग्री की आवाज़ सुनने वाले सेंसर स्थापित करने की योजना बनाई है।

संयुक्त राष्ट्र ने इस घटना पर क्या प्रतिक्रिया दी?

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस हमले को “सबसे कठोर शब्दों में निंदा” किया और सभी पीड़ितों के परिवारों को संवेदना व्यक्त की। उन्होंने इस तरह के आतंकवाद के दंड के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की भी बात की।

क्या इस घटना से शिक्षा नीति में कोई बदलाव आएगा?

प्रारंभिक तौर पर शिक्षण संस्थानों को सुरक्षा सलाहकारों के साथ पुनर्समीक्षा करने का सुझाव दिया गया है, और मौजूदा शिक्षा नीति में स्कूल सुरक्षा मानकों को मज़बूत करने की संभावना पर चर्चा चल रही है।

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Ratna Muslimah

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मैं एक न्यूज विशेषज्ञ हूँ और मैं दैनिक समाचार भारत के बारे में लिखना पसंद करती हूँ। मेरे लेखन में सत्यता और ताजगी को प्रमुखता मिलती है। जनता को महत्वपूर्ण जानकारी देने का मेरा प्रयास रहता है।

टिप्पणि (13)
  • Prince Naeem
    Prince Naeem 13 अक्तूबर 2025

    ऐसी त्रासदी सामाजिक बुराइयों पर गहन चिंतन को मजबूर करती है।

  • Rajesh kumar
    Rajesh kumar 16 अक्तूबर 2025

    भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिये ऐसे दुष्कृत्य अनिवार्य रूप से दंडनीय हैं। इस प्रकार के आतंकी कृत्य न केवल हमारे बच्चों की सुरक्षा को भंग करते हैं, बल्कि राष्ट्रीय एकता को भी चोट पहुँचाते हैं। संपूर्ण राष्ट्र को इस वार्षिक समस्या से जूझते हुए थकान महसूस हो रही है, और हमें त्वरित और कठोर उपायों की आवश्यकता है। हमारे सैनिकों को ऐसे दहशत को रोकने के लिये अधिक सुसज्जित करना चाहिए, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाएँ दोहराई न जा सकें। यह स्पष्ट है कि आतंकवादी समूहों को एकजुट करने के लिये अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का समर्थन है, और हमें संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर उनके बजट को कटौती करनी चाहिए। साथ ही, स्थानीय प्रशासन को स्कूल बसों पर बुलेट‑प्रूफ स्क्रीन स्थापित करने का आदेश देना चाहिए, जिससे बच्चों की सुरक्षा का स्तर बढ़े। शिक्षा संस्थानों को भी अपने संकाय को सशस्त्र सुरक्षा प्रशिक्षकों के साथ तालमेल बिठाना चाहिए। सरकारी एजेंसियों को नागरिकों को सूचना प्रसारण के लिए एक स्वच्छ और ओतप्रोत चैनल प्रदान करना चाहिए, जिससे वे आपातकाल में सही कदम उठा सकें। बख्तियाई क्षेत्र में सामूहिक गुप्तचर सेवाओं की तैनाती भी आवश्यक है, ताकि हम संभावित हमलों को पहले से पहचान सकें। इस दंगाबेज़ी में शामिल हर एक व्यक्ति को सार्वजनिक रूप से उजागर किया जाना चाहिए, और कानूनी कार्यवाही तेज़ी से पूरी करनी चाहिए। राष्ट्रीय स्थायित्व के लिये हमें भविष्य में ऐसे कृत्यों को रोकने हेतु अधिक कड़ा नियम बनाना होगा। इससे न केवल हमारे नागरिकों की जान बचेगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि भी सुदृढ़ होगी।

  • Bhaskar Shil
    Bhaskar Shil 18 अक्तूबर 2025

    सुरक्षा प्रोटोकॉल के कार्यान्वयन में प्रमुख संरचनात्मक परिवर्तन आवश्यक हैं, विशेषकर बुनियादी बुनियादी ढाँचे को सुदृढ़ करने के संदर्भ में। जोखिम विश्लेषण की विधियों को पुनः परिभाषित कर, संभावित लक्ष्यों को वर्गीकृत किया जा सकता है। एंटी‑टेररिज़्म मॉड्यूल को कनेक्टिविटी मैपिंग के साथ इंटीग्रेट करने से घटनाक्रम पूर्वानुमान बेहतर हो जाता है। इसके अतिरिक्त, सामुदायिक इंटेलिजेंस नेटवर्क को सक्रिय रूप से उपयोग में लाने से स्थानीय स्तर पर सतर्कता बढ़ेगी। शैक्षणिक संस्थानों को सापेक्ष सुरक्षा मानकों के अनुरूप पुनर्समीक्षा करनी चाहिए, जिससे बुनियादी सुरक्षा उपायों का अनुप्रयोग सुनिश्चित हो सके। अंत में, बहु-स्तरीय त्वरित प्रतिक्रिया टीमों की तैनाती द्वारा आपातकालीन स्थितियों में प्रभावी हेरफेर संभव होगा।

  • Halbandge Sandeep Devrao
    Halbandge Sandeep Devrao 21 अक्तूबर 2025

    संबंधित सुरक्षा आयोग ने प्रस्तुत प्रोटोकॉल को व्यापक वैधता के साथ विश्लेषण किया है। प्राथमिकता के रूप में, आपदा प्रबंधन के अनुक्रम में प्राथमिक चिकित्सा इकाइयों की तैनाती आवश्यक है। द्वितीयक उपाय के रूप में, सतही बूँद‑विस्फोटकों की पहचान हेतु रडार‑ट्रैकिंग प्रणाली को स्थापित किया जाना चाहिए। तृतीयक स्तर पर, सामुदायिक जागरूकता वर्कशॉप्स का आयोजन अनिवार्य है, जिससे नागरिक स्वयं सतर्कता विकसित कर सकें। इन सभी पहलुओं का सम्मिलित कार्यान्वयन ही दीर्घकालिक सुरक्षा को सुदृढ़ करेगा।

  • One You tea
    One You tea 23 अक्तूबर 2025

    क्या बात है, ये तो दिल तोड़ने वाला घोटाला है। बच्चे खो गये और गहरी शोक में डूबे माँ‑बाप। कभी नहीं सोचा था कि स्कूल बस पे ऐसी मऊसकरें बसी होंगी। पूरे गाँव में फसले की तरह गूँज रहा है ये दुख का माहौल।

  • Hemakul Pioneers
    Hemakul Pioneers 25 अक्तूबर 2025

    वास्तव में इस दुखद घटना ने हमें गहरी सोच में डाल दिया है। हम सभी को मिलकर पीड़ित परिवारों को समर्थन देना चाहिए। उचित मनोवैज्ञानिक मदद उपलब्ध करानी होगी। साथ ही, भविष्य में ऐसी त्रासदी से बचने के उपाय मिलकर खोजने चाहिए। आशा है कि सभी मिलकर इस संकट को पार करेंगे।

  • Shivam Pandit
    Shivam Pandit 28 अक्तूबर 2025

    समुदाय के सहयोग से, हम सुरक्षित माहौल बना सकते हैं, इसलिए, अब से सभी स्कूल बसों में अतिरिक्त सुरक्षा उपाय लागू करने चाहिए, जैसे कि बुलेट‑प्रूफ स्क्रीन, रूट मॉनिटरिंग कैमरे, तथा आपातकालीन अलार्म सिस्टम, ताकि भविष्य में इस तरह के हमलों से बचा जा सके।

  • parvez fmp
    parvez fmp 30 अक्तूबर 2025

    भाई लोगों, ये सब सुन के मन ही नहीं लग रहा 😢💔 बस अब क्या करें, हमें तो बस यही लगता है कि तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए! 🚨🔥

  • s.v chauhan
    s.v chauhan 1 नवंबर 2025

    हमारे युवा पीढ़ी की सुरक्षा को लेकर हमें तुरंत ठोस कदम उठाने चाहिए। इस तरह की आघातजनक घटनाएँ अब नहीं होनी चाहिए। सरकार को अपने हथियारों को और सुदृढ़ बनाना चाहिए। साथ ही, स्थानीय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाना भी ज़रूरी है। तभी हम सुरक्षित भविष्य की आशा रख सकते हैं।

  • Thirupathi Reddy Ch
    Thirupathi Reddy Ch 4 नवंबर 2025

    बिलकुल भी नहीं, इस घटना के पीछे विदेशी एजेंसियों की साजिश है। इन आतंकियों को बाहरी फंडिंग मिलती है, जिससे वे ऐसे बड़े हमले कर पाते हैं। हमें तुरन्त आत्मनिर्भर बने रहकर इन खतरों को रोकना चाहिए। दिमाग में रखना चाहिए, कोई भी सच्चाई को अक्सर छुपाता है।

  • Sonia Arora
    Sonia Arora 6 नवंबर 2025

    यह घटना हमारे सामाजिक ताने‑बाने को हिलाकर रख देती है, लेकिन यही समय है एकजुट होने का। सांस्कृतिक विरासत हमें संघर्षों से उबरने की शक्ति देती है। हमें शैक्षणिक संस्थानों में सुरक्षा से जुड़े पहलुओं को पुनः स्थापित करना चाहिए। इस दर्द को साझा करके ही हम सभी को सांत्वना मिल सकती है। आशा है भविष्य में इस तरह की त्रासदियाँ नहीं होंगी।

  • abhinav gupta
    abhinav gupta 8 नवंबर 2025

    हाहाह, इतनी बड़ी चीखें और कोई समाधान नहीं, बहुत मज़ा आया। बस ऐसे ही चलते रहो, कोई नहीं सुनता।

  • vinay viswkarma
    vinay viswkarma 11 नवंबर 2025

    इसी को देखते हुए, तुरंत कड़े कदम उठाने चाहिए। नहीं तो फिर वही हाल होगा।

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