महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की मुंबई में गोली मारकर हत्या: राजनीतिक हलचल

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महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की मुंबई में गोली मारकर हत्या: राजनीतिक हलचल

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की मुंबई में गोली मारकर हत्या: राजनीतिक हलचल

  • Ratna Muslimah
  • 14 अक्तूबर 2024
  • 9

बाबा सिद्दीकी की रहस्यमय हत्या

महाराष्ट्र की राजनीतिक पृष्ठभूमि में एक गूंज ने सबको स्तब्ध कर दिया, जब पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की 12 अक्टूबर, 2024 को मुंबई के बांद्रा में गोली मारकर हत्या कर दी गई। 66 वर्षीय पूर्व मंत्री की इस हत्या ने न केवल राज्य की राजनीतिक स्थितियों को हिला कर रख दिया है, बल्कि कई सवाल भी उठाए हैं। बाबा सिद्दीकी, जो हाल ही में कांग्रेस से अलग होकर अजीत पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के गुट में शामिल हुए थे, का नाम महाराष्ट्र की राजनीति में एक प्रमुख व्यक्तित्व के रूप में रहा है।

घटना की विकट स्थिति

घटना उस समय घटित हुई जब बाबा सिद्दीकी अपने बेटे जिशान सिद्दीकी के बांद्रा पूर्व कार्यालय के पास थे। शाम के लगभग 9.30 बजे, तीन गोलियों की आवाज ने पूरे इलाके को झकझोर दिया। उनमें से एक गोली बाबा सिद्दीकी के सीने में लगी। उन्हें तुरंत लीलाावती अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उनकी स्थिति को अत्यधिक गंभीर बताया गया। डॉक्टरों ने उनकी जीवन रक्षा के लिए निरंतर प्रयास किया, लेकिन 11:27 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

हत्या के पीछे संभावित कारण

हत्या के पीछे संभावित कारण

पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए विभिन्न कोणों से जांच आरंभ की है। प्राथमिक सवाल यही उठता है कि यह हमला राजनीति के कारण था, या व्यापारिक विवाद का परिणाम। पुलिस का मानना है कि यह हमला संपत्ति के विवाद, विशेष रूप से स्लम पुनर्विकास प्राधिकरण प्रोजेक्ट से जुड़ा हो सकता है। इसके अतिरिक्त, ऐसी आशंकाएं भी हैं कि किसी व्यक्तिगत रंजिश के कारण इस हमले को अंजाम दिया गया होगा।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

बाबा सिद्दीकी का अचानक निधन महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा झटका साबित हुआ। उन्होंने लगभग 48 वर्षों तक कांग्रेस का हिस्सा होते हुए कई महत्वपूर्ण पदों को संभाला। उनके इस तरह के निधन से एनसीपी और कांग्रेस दोनों के भीतर आक्रोश और चिंता का माहौल है। एनसीपी के प्रवक्ता ब्रजमोहन श्रीवास्तव ने इस घटना पर तब तक की चुप्पी तोड़ी, जब तक कि बाबा सिद्दीकी ने कोई धमकी नहीं मिलने के बारे में बताया था।

आगामी विधानसभा चुनाव पर प्रभाव

आगामी विधानसभा चुनाव पर प्रभाव

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव आने वाले कुछ माह में होने वाले हैं। ऐसी स्थिति में, इस प्रकार की आपराधिक घटना को राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जा रहा है। यह घटना चुनावी अभियानों में एक संवेदनशील मुद्दा बन सकती है, जो राजनीतिक दलों के पक्ष और विरोध दोनों को प्रभावित कर सकती है।

न्याय की उम्मीद

इस समय पुलिस ने दो संदिग्धों को हिरासत में लिया है और क्राइम ब्रांच को मामले की जांच सौंपी है। यह देखना अत्यंत महत्वपूर्ण होगा कि इस मामले में शामिल अन्य लोग कितने समय में पकड़े जाते हैं और न्याय की स्थिति क्या बनती है। बाबा सिद्दीकी की हत्या सोशल मीडिया और राजनीतिक प्लेटफार्मों पर चर्चा का प्रमुख विषय बन चुकी है, और लोगों की उम्मीद है कि न्याय प्रणाली इस मामले को गंभीरता से लेगी और दोषियों को उचित दंड दिलाएगी।

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Ratna Muslimah

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मैं एक न्यूज विशेषज्ञ हूँ और मैं दैनिक समाचार भारत के बारे में लिखना पसंद करती हूँ। मेरे लेखन में सत्यता और ताजगी को प्रमुखता मिलती है। जनता को महत्वपूर्ण जानकारी देने का मेरा प्रयास रहता है।

टिप्पणि (9)
  • yashwanth raju
    yashwanth raju 14 अक्तूबर 2024
    ये बाबा सिद्दीकी वाला मामला तो बस एक बड़ा नाटक है। पुलिस जांच कर रही है? हां हां, जैसे कभी किसी को पकड़ा गया हो। ये सब तो बस चुनाव के लिए बनाया गया ड्रामा है। 😒
  • Aman Upadhyayy
    Aman Upadhyayy 16 अक्तूबर 2024
    इस हत्या के पीछे सिर्फ स्लम पुनर्विकास का विवाद नहीं है, बल्कि ये पूरा राजनीतिक खेल है जिसमें एनसीपी और कांग्रेस दोनों अपने-अपने बाजार के लिए एक-दूसरे को गले लगा रहे हैं। बाबा सिद्दीकी एक ऐसे इंसान थे जो अपने गुट के लिए बहुत कुछ करते थे, लेकिन उनकी मौत के बाद देखो कैसे सब अपनी चाल चलने लगे हैं। ये जो न्याय की बात कर रहे हैं, वो सब बस बातों का खेल है। असली न्याय तो तब होगा जब इन सब बड़े लोगों के खिलाफ भी एक ही नियम लागू होगा। 🤦‍♂️
  • ASHWINI KUMAR
    ASHWINI KUMAR 16 अक्तूबर 2024
    ये सब तो बस दिखावा है। पुलिस को तो बस दो संदिग्ध हिरासत में ले लिया है, बाकी सब चुप। अगर ये असली मामला होता तो तीन दिन में पूरा जाल खुल जाता। लेकिन नहीं, ये सब धीरे-धीरे भूल जाएगा। चुनाव आ जाएंगे, फिर नया नायक बन जाएगा, और बाबा सिद्दीकी की याद भी धुंधली हो जाएगी।
  • vaibhav kapoor
    vaibhav kapoor 18 अक्तूबर 2024
    इस देश में राजनीतिक हत्याएं अब रोज की बात बन गई हैं। कोई न कोई मर रहा है। न्याय? न्याय का क्या? जब तक इन बड़े लोगों को सजा नहीं मिलेगी, तब तक ये खेल चलता रहेगा।
  • Manish Barua
    Manish Barua 18 अक्तूबर 2024
    मुझे लगता है ये बाबा सिद्दीकी बहुत अच्छे इंसान थे... मैंने उन्हें कई बार बांद्रा में देखा है, हमेशा लोगों से बात करते रहते थे। अब जब वो नहीं हैं, तो लगता है जैसे कोई पुराना रिश्ता टूट गया हो। इस देश में ऐसे लोगों की कमी हो रही है।
  • Abhishek saw
    Abhishek saw 19 अक्तूबर 2024
    इस हत्या के बाद समाज को एक संदेश जरूर देना चाहिए कि कोई भी राजनीतिक विवाद अपराध का औचित्य नहीं बना सकता। हमें न्याय की ओर बढ़ना होगा, न कि भावनाओं के आधार पर फैसले लेना।
  • TARUN BEDI
    TARUN BEDI 19 अक्तूबर 2024
    यह घटना भारतीय राजनीति के अंतर्निहित विषमताओं का प्रतीक है। जब एक व्यक्ति जिसने 48 वर्ष तक सेवा की, उसकी हत्या एक अचानक गोली से हो जाती है, तो यह साबित करता है कि हमारी राजनीतिक संस्थाएं व्यक्तिगत लाभ के लिए बनी हुई हैं, न कि सामाजिक न्याय के लिए। यह न्याय प्रणाली की विफलता है, न कि किसी के व्यक्तिगत शत्रुत्व की। इस तरह के अपराधों के लिए व्यवस्था की आवश्यकता है, जो अभी तक नहीं है।
  • Shikha Malik
    Shikha Malik 20 अक्तूबर 2024
    बाबा सिद्दीकी की मौत के बाद अब सब रो रहे हैं... पर जब वो जिवित थे तो किसी ने उनकी आवाज नहीं उठाई। अब जब वो नहीं हैं, तो बहुत सारे लोग अपनी नीतियां बदल रहे हैं। ये तो बस एक बड़ा झूठ है।
  • Hari Wiradinata
    Hari Wiradinata 21 अक्तूबर 2024
    हमें इस मामले में शांति और न्याय की ओर बढ़ना चाहिए। इस घटना के जरिए हमें अपने राजनीतिक व्यवहार पर भी पुनर्विचार करना चाहिए।
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