झारखंड में सियासी हलचलें तेज
झारखंड में अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी जोरों पर है, और इस बीच सियासी हलचलें भी बढ़ती जा रही हैं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) को अलविदा कहकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया है। यह असामान्य कदम कइयों के लिए एक बड़ा सियासी संदेश बन गया है।
JMM से नाराजगी की वजह
चम्पई सोरेन ने JMM की कार्यशैली और नीतियों के प्रति असंतोष जताते हुए पार्टी से इस्तीफा दिया। उन्होंने कहा कि उनके और उनके समर्थकों की बातें अब सुनी नहीं जा रही थीं और पार्टी का मौजूदा नेतृत्व उनकी अपेक्षाओं को पूरा करने में असमर्थ रहा है। सोरेन का मानना है कि भाजपा में शामिल होकर वे अपने आदर्शों और सिद्धांतों के अनुसार काम कर पाएंगे।
सोरेन के समर्थकों का समर्थन
चम्पई सोरेन के इस कदम का उनके समर्थकों ने भी जोरदार समर्थन किया है। बड़ी संख्या में समर्थकों ने भी BJP का दामन थाम लिया। यह स्वागत समारोह रांची में आयोजित हुआ, जहां केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा भी उपस्थित थे।
चम्पई सोरेन की राजनीतिक यात्रा
चम्पई सोरेन की राजनीतिक यात्रा काफी महत्वपूर्ण रही है। वे JMM के संस्थापक शिबू सोरेन के करीबी सहयोगी रहे हैं। पिछले महीने ही उन्होंने हेमंत सोरेन की सरकार में मंत्री पद की शपथ ली थी। हालांकि, सोरेन की नाराजगी का कारण केवल यह नहीं था।
मुख्यमंत्री पद का विवाद
चम्पई सोरेन ने फरवरी 2 को हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। हेमंत सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी से पहले इस्तीफा दिया था। लेकिन, जब हेमंत सोरेन को जमानत पर रिहा कर दिया गया तब उन्होंने जुलाई 4 को पुनः मुख्यमंत्री पद संभाल लिया, जिससे चम्पई सोरेन को मजबूरन पद छोड़ना पड़ा। चम्पई सोरेन ने इसे अपमानजनक मानते हुए इसे भी अपने इस्तीफे और भाजपा में शामिल होने का कारण बताया।
JMM के अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया
चम्पई सोरेन के इस्तीफे के बाद JMM ने तुरंत ही रामदास सोरेन को मंत्री पद की शपथ दिलाई। यह शपथग्रहण समारोह राजभवन में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार की उपस्थिति में संपन्न हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और वरिष्ठ JMM नेता भी मौजूद थे।
राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव
चम्पई सोरेन का यह कदम आगामी विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि अन्य राजनीतिक दल इस स्थिति का कैसे सामना करेंगे और क्या विपक्ष इस मौके का फायदा उठाकर पार्टी के अंदर चल रहे विवादों का लाभ उठाने की कोशिश करेगा।
भविष्य की राजनीतिक योजनाएँ
भाजपा में शामिल होने के बाद चम्पई सोरेन ने कई योजनाओं की घोषणा की है। उन्होंने राज्य के विकास को प्राथमिकता देने और जनता की समस्याओं को प्रमुखता देने का वादा किया। उनके अनुसार, भाजपा में शामिल होकर वे अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को सही दिशा दे सकेंगे और राज्य की सेवा करने में सक्षम होंगे।
समाप्ति
इस घटनाक्रम ने झारखंड के राजनीतिक परिदृश्य को एक नया मोड़ दे दिया है। चम्पई सोरेन के भाजपा में शामिल होने से न केवल JMM को एक बड़ा झटका लगा है, बल्कि आगामी चुनाव में भाजपा की स्थिति भी मजबूत हुई है। अब देखना यह है कि इस फैसले का झारखंड की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है और यह कब तक चलता है।