सर्गेई ब्रिन – तकनीकी दुनिया के दूरदर्शी

जब बात सर्गेई ब्रिन, एक रूसी‑अमेरिकी उद्यमी हैं जिन्होंने 1998 में Google की स्थापना की. अक्सर उन्हें Google के सह‑संस्थापक कहा जाता है, और उनका काम सर्च इंजन, क्लाउड और AI में आज भी असर डालता है। Google, एक बहुराष्ट्रीय टेक कंपनी है जो खोज, विज्ञापन और क्लाउड सेवाएँ प्रदान करती है के साथ उनका सहयोग टेक उद्योग को पुनर्स्थापित कर दिया। साथ ही लैरी पेज, Google के सह‑संस्थापक और कई नवाचारों के प्रमुख विचारक ने सर्गेई के साथ मिलकर सर्च एल्गोरिद्म को विकसित किया। आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कंप्यूटर विज्ञान की वह शाखा है जो मशीनों को मानव स्तर की समझ और सीखने में सक्षम बनाती है भी उनके शुरुआती विचारों से आगे बढ़ी है।

प्रारम्भिक जीवन और शिक्षा

सर्गेई ने 1953 में मॉस्को में जन्म लिया, पर बचपन में ही उनका परिवार अमेरिका आए। सेंट पॉल स्कूल में पढ़ते समय उन्हें कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में रूचि हुई, और कंप्यूटर विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद वे स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में ग्रेजुएट पढ़ाई करने लगे। वहाँ उन्होंने लैरी पेज से मुलाकात की, जो उस समय एक खोज‑प्रयोग पर काम कर रहे थे। यही दो बिंदु मिलकर “BackRub” नामक प्रोटोटाइप बनाया, जिसने बाद में Google के सर्च इंजन की नींव रखी।

उनके शुरुआती प्रयोग ब्रिन‑पेज एल्गोरिद्म पर आधारित थे, जिसमें वे वेब पेजों के लिंक को रैंकिंग संकेत के रूप में इस्तेमाल करते थे। यह एल्गोरिद्म इतना प्रभावी था कि सर्च परिणामों की सटीकता में अचानक उछाल आया, और निवेशकों ने जल्दी ही कंपनी में भरोसा दिखाया। उपयोगकर्ता को फ्री सर्च सेवा देना और विज्ञापन के जरिए राजस्व कमाना, यह मॉडल Google को एक वैश्विक प्लेटफ़ॉर्म बना गया।

सर्गेई का मानना था कि जानकारी का लोकतांत्रिकरण ही प्रौद्योगिकी का मूल उद्देश्य होना चाहिए। इसलिए उन्होंने क्लाउड कंप्यूटिंग, मोबाइल OS (Android) और बाद में AI‑ड्रिवन प्रोडक्ट्स को बढ़ावा दिया।

एलबेट (Alphabet) और नई दिशा

2015 में Google ने अपना पेरेंट कंपनी “Alphabet” बनाया, जिससे अलग‑अलग प्रोजेक्ट्स को स्वतंत्र इकाइयों में बांटा गया। इस बदलाव के पीछे ब्रिन का बड़ा योगदान था; उन्होंने कहा कि नई टेक्नोलॉजी के प्रयोगों को स्वतंत्र रूप से चलाने से नवाचार तेज़ हो सकता है। Alphabet के अंतर्गत “X” लैब, “Waymo” (ऑटोनॉमस ड्राइवर) और “DeepMind” (AI रिसर्च) जैसे इकाइयाँ आज तकनीकी परिदृश्य को बदल रही हैं। सर्जी ब्रीन का यह विचार कि बड़े डेटा और मशीन लर्निंग से समाज के बड़े समस्याओं को हल किया जा सकता है, कई नई पहल की नींव बना।

वहीं DeepMind के AlphaGo ने शतरंज में 2016 में विश्व चैंपियन को हराकर AI में एक माइलस्टोन स्थापित किया। इस सफलता ने सर्च, विज्ञापन और क्लाउड में AI के उपयोग को तेज़ किया, जिससे उपयोगकर्ता को व्यक्तिगत अनुभव मिल रहा है।

समकालीन प्रोजेक्ट्स और समाज में भूमिका

आज सर्गेई ब्रिन सिर्फ एक टेक एग्जीक्यूटिव नहीं, बल्कि एक फ़िलांथ्रॉपिस्ट भी हैं। उन्होंने कई शिक्षा‑प्रौद्योगिकी स्टार्टअप्स को फंडिंग दी है, जिससे ग्रामीण भारत में ऑनलाइन लर्निंग को बढ़ावा मिला। उदाहरण के तौर पर UPI जैसी डिजिटल भुगतान प्रणाली को अपनाने के लिए उन्होंने कई सरकारी और निजी एजेंसियों के साथ सहयोग किया, जिससे छोटे व्यापारियों को ऑनलाइन लेन‑देन में आसानी हुई।

वे अक्सर कहते हैं कि तकनीक को सामाजिक समस्याओं के समाधान में जोड़ना चाहिए, चाहे वह जलवायु परिवर्तन हो या स्वास्थ्य देखभाल। इसी कारण उन्होंने “Google.org” के माध्यम से पर्यावरण‑सुरक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में कई ग्रांट्स जारी की हैं।

सर्गेई की सोच इस बात पर भी असर डालती है कि नई तकनीकों को उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षित और पारदर्शी बनाना चाहिए। हाल ही में उन्होंने डेटा प्राइवेसी और एथिकल AI पर कई पॉलिसी गाइडलाइन्स तैयार करने में मदद की, जिससे कंपनियों को अपनी प्रोडक्ट्स को ज़िम्मेदारी से विकसित करने का मार्ग मिल रहा है।

सर्गेई ब्रिन से जुड़ी ताज़ा ख़बरें और इस पेज की प्रासंगिकता

नीचे आप विभिन्न क्षेत्रों – जैसे खेल, मौसम, वित्त, डिजिटल भुगतान, AI और शिक्षा – की ताज़ा खबरों की एक बड़ी लिस्ट देखेंगे। इनमें कुछ ऐसे विषय शामिल हैं जहाँ सर्गेई ब्रिन के विचारों और उनके कंपनी के प्रोजेक्ट्स ने सीधे या परोक्ष रूप से प्रभाव डाला है। चाहे वह UPI लेन‑देन पर GST की हलचल हो, या AI‑आधारित सर्च इंजन में नई अपडेट, इस टैग पेज पर आपको वह सब मिलेगा, जिससे आप समझेंगे कैसे एक तकनीकी पायनियर का काम हमारे रोज़मर्रा के जीवन में प्रवेश करता है। इस व्यापक संग्रह को पढ़ते हुए, आप न सिर्फ सर्गेई ब्रिन की यात्रा को समझ पाएँगे, बल्कि भारत में हो रहे डिजिटल बदलाव की भी एक झलक देखेंगे।

Google की 25वीं सालगिरह: स्टैनफोर्ड डॉर्म रूम से विश्व इंटरनेट दिग्गज तक

के द्वारा प्रकाशित किया गया Ratna Muslimah पर 27 सित॰ 2025

Google ने 27 सितंबर 2023 को अपना 25वां जन्मदिन मनाया, जो स्टैनफोर्ड के डॉर्म रूम से शुरू हुआ था। लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने ‘Backrub’ को ‘Google’ बना दिया, फिर एक गैरेज से शुरू होकर हर दिन 8.5 अरब खोजों का मंच बन गया। 2004 में IPO, Gmail, Android और YouTube जैसी सेवाओं ने कंपनी को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया। (आगे पढ़ें)