Google की 25वीं सालगिरह: स्टैनफोर्ड डॉर्म रूम से विश्व इंटरनेट दिग्गज तक

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Google की 25वीं सालगिरह: स्टैनफोर्ड डॉर्म रूम से विश्व इंटरनेट दिग्गज तक

Google की 25वीं सालगिरह: स्टैनफोर्ड डॉर्म रूम से विश्व इंटरनेट दिग्गज तक

  • Ratna Muslimah
  • 27 सितंबर 2025
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परिचय

आज Google Google 25 साल का जश्न मना रहा है। 27 सितंबर 1998 को लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने इस कंपनी को जन्म दिया, जब उन्होंने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में एक साधारण प्रोजेक्ट से इंटरनेट खोज के ढंग को बदलने का लक्ष्य रखा। तब से लेकर अब तक का सफर, छोटे कमरे, एक गैरेज और एक मिलियन‑डॉलर की कल्पना से लेकर दुनिया के सबसे ज्यादा विज़िटेड साइट तक—काफी दिलचस्प है।

सबसे पहले दो छात्रों ने 1995 में एक‑दूसरे से टकराव किया, फिर 1996 में मिलकर ‘Backrub’ बनाया। यह नाम खोज परिणामों को लिंक के महत्व पर आधारित करता था। बाद में इस प्रोजेक्ट को ‘Google’ नाम मिला, जो ‘googol’ (१ के बाद १०० शून्य) से आया है—इंटरनेट की अनगिनत जानकारी को व्यवस्थित करने की बड़ी सोच को दर्शाता है।

मुख्य मील के पत्थर

Google की प्रगति को समझने के लिए कुछ प्रमुख चरणों को देखना ज़रूरी है:

  • 1998 अगस्त – एंडी बेक्टोलशेम ने $100,000 का शुरुआती फंड दिया, जिससे दो छात्रों को अपना पहला ऑफिस सेट‑अप करने का मौका मिला।
  • 1998 सितंबर – सुसान वॉयजिक्की के घर के गैरेज में Google का पहला ऑफिस खोल गया, जहाँ अब विश्व की सबसे बड़ी टेक कंपनी ने अपने बीज बोए।
  • 1998 कई महीनों में – साइट को 5 लाख दैनिक क्वेरी मिलने लगीं, जिससे यह साफ़ हो गया कि लोग तेज़, सटीक खोज चाहते हैं।
  • 2004 इंट्रॉडक्शन – Google ने सार्वजनिक शेयर बाजार में कदम रखा। IPO के बाद कंपनी का मूल्य असमान रूप से बढ़ा।
  • 2004‑2005 – Gmail लॉन्च हुआ, जो बड़े स्टोरेज और तेज़ स्पैम फ़िल्टर के कारण लोकप्रिय हुआ।
  • 2005 – Android ऑपरेटिंग सिस्टम का आरंभ, जिसने मोबाइल फ़ोन को कंप्यूटिंग प्लेटफ़ॉर्म में बदल दिया।
  • 2006 – YouTube का अधिग्रहण, जिससे वीडियो शेयरिंग की दुनिया में Google की पकड़ पक्की हो गई।
  • 2006 – ‘Google’ शब्द को ऑक्सफ़र्ड इंग्लिश डिक्शनरी में एक क्रिया के रूप में शामिल किया गया, जो इसकी सांस्कृतिक प्रभाव को दिखाता है।
  • आज – Google हर दिन 8.5 अरब से अधिक खोजें करता है, और 282 बिलियन डॉलर से अधिक वार्षिक राजस्व उत्पन्न करता है, जिसमें से 162 बिलियन डॉलर सीधे सर्च से आते हैं।

इन सभी चरणों में कंपनी का मूल मिशन नहीं बदला: “दुनिया की जानकारी को व्यवस्थित करना और उसे सार्वभौमिक रूप से सुलभ एवं उपयोगी बनाना।” यह वाक्य आज भी Google के उत्पाद विकास की दिशा तय करता है।

Google ने अपनी हर सालगिरह को खास बनाने के लिए ‘Google Doodles’ के ज़रिए यादगार क्षण बनाए हैं। पहली Doodle 1998 में बर्निंग मैन फेस्टिवल को दर्शाती थी। 25वीं सालगिरह पर एक इंटरेक्टिव doodle दिखाया गया, जो पिछले लोगो को क्रम क्रम से बदलते हुए वर्तमान लुक तक पहुँचता है—जैसे कंपनी ने समय के साथ अपना रूप बदला, लेकिन मूल भावना वही रही।

भविष्य की बात करें तो Google अभी भी नई तकनीकों—जैसे AI, क्वांटम कंप्यूटिंग और ऑगमेंटेड रियालिटी—में निवेश कर रहा है। कर्मचारियों की संख्या लाखों में है, और कार्यालयों की जड़ें दुनिया के कई बड़े शहरों में फैल गई हैं। फिर भी, नए आइडिया अक्सर छोटे प्रयोगशालाओं और कोडिंग बूटकैंप्स से निकलते हैं, जैसे शुरूआती दिनों में था।

जैसे ही हम इस बड़ी उपलब्धि को याद करते हैं, यह देखना दिलचस्प है कि कैसे एक कॉलेज प्रोजेक्ट ने पूरे वेब की दिशा बदल दी। डॉर्म रूम से लैब तक, गैरेज से ग्लोबल कैंपस तक—Google का सफर तकनीकी उद्यमियों के लिए प्रेरणा है, और यह संकेत देता है कि बड़े सपने भी छोटे कदमों से शुरू होते हैं।

लेखक के बारे में
Ratna Muslimah

Ratna Muslimah

लेखक

मैं एक न्यूज विशेषज्ञ हूँ और मैं दैनिक समाचार भारत के बारे में लिखना पसंद करती हूँ। मेरे लेखन में सत्यता और ताजगी को प्रमुखता मिलती है। जनता को महत्वपूर्ण जानकारी देने का मेरा प्रयास रहता है।

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