जब हम बात करते हैं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, वह अंतरराष्ट्रीय निकाय जो विश्व शांति और सुरक्षा का प्रबंधन करता है. इसे अक्सर UNSC कहा जाता है, इसलिए यह विश्व स्तर पर तनाव-शमन की प्रमुख भूमिका निभाती है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पाँच स्थायी सदस्य (भारत, चीन, रूस, संयुक्त राज्य, फ्रांस) और दस गैर‑स्थायी सदस्यों से बनी होती है, जो हर दो साल में बदलते रहते हैं. इस संरचना का मुख्य कारण विविध क्षेत्रों में प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना और तेज निर्णय लेना है. इस व्यवस्था के कारण "सुरक्षा परिषद के निर्णय अंतरराष्ट्रीय कानून को सीधे प्रभावित करते हैं" – यह एक स्पष्ट सेमांटिक ट्रिपल है जो समझाता है कि निर्णयों का कानूनी प्रभाव कितना गहरा होता है.
सुरक्षा परिषद के काम को समझने के लिए हमें संयुक्त राष्ट्र संघ, वह बड़ी संस्था है जिसके तहत सुरक्षा परिषद कार्य करती है को भी देखना चाहिए. इसके अलावा स्थायी सदस्य, वे पाँच देशों की टीम है जिनको वीटो अधिकार मिलता है की भूमिका को समझना जरूरी है, क्योंकि उनका वीटो “सुरक्षा परिषद के निर्णय” को बाधित कर सकता है – यही दूसरा सेमांटिक ट्रिपल है. तीसरा महत्वपूर्ण इकाई अंतरराष्ट्रीय कानून, वह नियमावली है जो सभी देशों को अपनानी होती है है, जिसके साथ सुरक्षा परिषद का हर प्रावधान तालमेल में होना चाहिए. अंत में, सुरक्षा परिषद के निर्णय, रोकथाम, शांति स्थापना या प्रतिबंध जैसे उपायों का पैकेज यह दिखाता है कि कैसे "सुरक्षा परिषद अंतरराष्ट्रीय शांति को सुनिश्चित करती है" – तीसरा सेमांटिक ट्रिपल.
इन संस्थाओं के बीच का नेटवर्क कई बार समाचार में भी दिखता है: जब कोई स्थायी सदस्य वीटो डालता है, तो अक्सर अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अस्थायी प्रतिबंधों में बदलाव आता है, और संयुक्त राष्ट्र संघ की अगली चर्चा तय होती है. आप नीचे सूचीबद्ध लेखों में recent घटनाओं, जैसे कि मध्य पूर्व में नई संधि, अफ्रीका में शांति मिशन या जलवायु‑सुरक्षा पहल, के विस्तृत विश्लेषण पाएँगे. इस संग्रह में आपको सुरक्षा परिषद के प्रभाव को विभिन्न क्षेत्रों में कैसे काम करता देखा जाएगा – चाहे वह आर्थिक प्रतिबंध हों या मानवाधिकार निगरानी. अब आप आगे के लेखों में गहराई से पढ़ सकते हैं, जहाँ हर खबर का परिचय हमारे ऊपर बताई गई इकाइयों और उनके संबंधों से जुड़ा होगा.
खुज़दार में 21 मई को आत्मघाती बमधारी वाहन ने आर्मी पब्लिक स्कूल की स्कूल बस को ध्वस्त कर 10 लोगों की मौत और 53 घायल हुए। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने निंदा की, जबकि स्थानीय सुरक्षा तनाव बढ़ गया। (आगे पढ़ें)