पाकिस्तान के पूर्व आईएसआई प्रमुख फैज़ हामिद की सैन्य हिरासत: कोर्ट-मार्शल की कार्रवाई शुरू

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पाकिस्तान के पूर्व आईएसआई प्रमुख फैज़ हामिद की सैन्य हिरासत: कोर्ट-मार्शल की कार्रवाई शुरू

पाकिस्तान के पूर्व आईएसआई प्रमुख फैज़ हामिद की सैन्य हिरासत: कोर्ट-मार्शल की कार्रवाई शुरू

  • सुशीला गोस्वामी
  • 13 अगस्त 2024
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पाकिस्तान में एक बड़ा राजनीतिक और सैन्य तनाव उस समय सामने आया जब पूर्व इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) प्रमुख फैज़ हामिद को सैन्य हिरासत में लिया गया और उनके खिलाफ कोर्ट-मार्शल की कार्रवाई शुरू की गई। पाकिस्तान की सेना ने इस हिरासत को हामिद द्वारा राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप पर आधारित बताया है, जो सैन्य कोड का उल्लंघन मानी गई हैं। इमरान खान की सरकार के दौरान हामिद की बड़ी भूमिका रही थी, और उन्हें उस समय का एक प्रमुख प्रभावशाली व्यक्ति माना जाता था।

फैज़ हामिद की इस गिरफ्तारी को पाकिस्तान में चल रही बड़ी राजनैतिक हलचल का हिस्सा माना जा रहा है। इमरान खान की सरकार के पतन के बाद से पाकिस्तान में सैन्य और राजनैतिक क्षेत्रों के बीच एक गहरा तनाव बना हुआ है। हामिद की गिरफ्तारी के ठीक बाद से यह संकेत मिल रहे हैं कि वर्तमान सरकार और सेना का एक धड़ा सत्ता और अनुशासन स्थापित करने के प्रयास में जुट गया है।

फैज़ हामिद की भूमिका हमेशा से विवादित रही है। उनके ऊपर इमरान खान के प्रशासन में हस्तक्षेप करने और उनके राजनीतिक कार्यक्रम का समर्थन करने का आरोप लगा। हामिद के कार्यकाल के दौरान, उन्हें कई बार सार्वजनिक स्थानों पर देखा गया जहाँ उन्होंने कई उच्च-प्रोफाइल बैठकों में भाग लिया। इसका विरोध कर रहे आलोचक मानते हैं कि यह परंपरा और सैन्य अनुशासन के खिलाफ है।

मोदी रिवाजों के उलट, फैज़ हामिद की गिरफ्तारी ने पाकिस्तान में तात्कालिक राजनीतिक समीकरणों पर भी असर डाला है। वर्तमान सरकार की मंशा साफ है कि वह ऐसा कोई भी कदम उठा सकती है, जिससे सैन्य और सिविलियन प्रशासन के बीच की खाई पाटा जा सके और अनुशासन स्थापित किया जा सके।

कोर्ट-मार्शल की कार्रवाई के चलते, इस मामले पर घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर करीबी नजर रखी जा रही है। फैज़ हामिद का व्यक्तित्व और उनके कार्यकाल के दौरान किए गए कार्य इस कार्रवाई को और अधिक चर्चित बना रहे हैं। अब जब जांच का दौर शुरू हो चुका है, तो ऐसा माना जा रहा है कि आगामी महीनों में पाकिस्तान की राजनीति और सेना के रिश्ते में कई नए मोड़ आ सकते हैं।

फैज़ हामिद की गिरफ्तारी, उनके खिलाफ कोर्ट-मार्शल और उनके राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप से संबंधित घटनाओं पर नजर डालें तो यह साफ तौर पर दिखाई दे रहा है कि पाकिस्तान के मौजूदा सत्ता समीकरण में यह एक महत्वपूर्ण मोड़ है। सेना का इस प्रकार का कदम उठाना और सरकार का साथ देना, यह संकेतों से भरा हुआ है और इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।

इस घटना के बाद क्या नौबतें होती हैं, और क्या यह कार्रवाई किसी अन्य बड़े फैसले की पूर्व सूचना है, यह देखने योग्य होगा। पाकिस्तान में सत्ता और अनुशासन को लेकर यह एक संगीन कदम माना जा रहा है, जो आने वाले दिनों में और भी कई महत्वपूर्ण घटनाओं का कारण बन सकता है। पाकिस्तानी समाज और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस पर नजर बनाए रखेंगे, क्योंकि घटनाओं की श्रृंखला का आगामी समय में खुलासा होना बाकी है।

फैज़ हामिद के कोर्ट-मार्शल की प्रक्रिया में क्या निष्कर्ष निकलता है, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा। परंतु इतना तय है कि इस घटना ने पाकिस्तान की राजनीति और सेना के बीच के व्यापक संबंधों पर असर डाला है। हामिद के समर्थक और विरोधी इस समय स्थिति का गंभीरता से मूल्यांकन कर रहे हैं।

यह देखना होगा कि फैज़ हामिद की यह गिरफ्तारी और कोर्ट-मार्शल कौन से नये राजनैतिक समीकरणों और बदलावों को जन्म देती है। फिलहाल, यह एक ऐसा मुद्दा बन चुका है, जो पाकिस्तान की सियासी धरातल को हिलाकर रख देगा।

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सुशीला गोस्वामी

सुशीला गोस्वामी

लेखक

मैं एक न्यूज विशेषज्ञ हूँ और मैं दैनिक समाचार भारत के बारे में लिखना पसंद करती हूँ। मेरे लेखन में सत्यता और ताजगी को प्रमुखता मिलती है। जनता को महत्वपूर्ण जानकारी देने का मेरा प्रयास रहता है।

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