पिछले कुछ हफ्तों में भारत में रेल हादसे फिर से चर्चा का विषय बन गए हैं. चाहे वह दिल्ली रैल्यवे स्टेशन पर हुई भयानक भगदड़ हो या किसी छोटे शहर की पटरियों पर हुआ टकराव, हर घटना हमें सिखाती है कि यात्रा के दौरान सतर्क रहना कितना ज़रूरी है.
16 फरवरी 2025 को नई दिल्ली रैल्यवे स्टेशन पर एक ट्रेन देर से पहुँचने की वजह से भीड़ में अराजकता पैदा हो गई. इस घटना में 18 लोग मारे गए और 50 से अधिक घायल हुए. रिपोर्ट बताती है कि ट्रेनों की लगातार देरी, प्लेटफ़ॉर्म पर अनुचित कतारबद्धी और सुरक्षा गार्डों की कमी ने इस त्रासदी को बढ़ावा दिया.
इसी दौरान देश के अन्य हिस्सों में भी छोटे‑छोटे हादसे हुए – जैसे उत्तर प्रदेश में एक पायलट ट्रेन का ब्रेक फेल होना, जिससे दो डिब्बे उलट गए. इन सभी घटनाओं से स्पष्ट है कि समय पर रखरखाव और यात्रियों की जागरूकता दोनों ही आवश्यक हैं.
आप खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए नीचे कुछ सरल कदम उठा सकते हैं:
सरकार भी इस दिशा में कदम उठा रही है – नई सुरक्षा मानकों का प्रस्ताव, प्लेटफ़ॉर्म पर CCTV कैमरों की बढ़ती संख्या और ट्रैफिक मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर को अपनाना. लेकिन तकनीक तभी काम करेगी जब यात्रियों खुद सतर्क रहें.
अगर आप नियमित रूप से ट्रेन से यात्रा करते हैं तो इन सुझावों को अपनी रोज़मर्रा की आदत बना लीजिए. छोटी‑छोटी सावधानियाँ बड़ी त्रासदियों को रोक सकती हैं और आपका सफर अधिक आरामदायक बनाता है.
17 अगस्त, 2024 को, उत्तर प्रदेश के कानपुर के पास साबरमती एक्सप्रेस के 22 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस घटना में सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया और कोई बड़ी चोट नहीं आई। रेल यातायात में महत्वपूर्ण व्यवधान उत्पन्न हुआ और कई ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित किया गया। रेल अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है। (आगे पढ़ें)