नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2024: थीम, इतिहास, महत्व और अन्य जानकारी

घरनेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2024: थीम, इतिहास, महत्व और अन्य जानकारी

नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2024: थीम, इतिहास, महत्व और अन्य जानकारी

नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2024: थीम, इतिहास, महत्व और अन्य जानकारी

  • Ratna Muslimah
  • 18 जुलाई 2024
  • 13

नेल्सन मंडेला: जीवन परिचय और प्रेरणा

नेल्सन मंडेला, जिनका जन्म 18 जुलाई, 1918 को दक्षिण अफ्रीका में हुआ था, ने अपने जीवन को मानवता की सेवा में समर्पित कर दिया था। वह 27 वर्षों तक कारावास में रहे, जहां उन्होंने रंगभेद विरोधी संघर्ष का नेतृत्व किया। उनकी ये यात्रा बेहद कठिनाइयों से भरी थी, लेकिन उनकी अटल इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प ने उन्हें कभी हार मानने नहीं दिया। मंडेला का जीवन सत्य, न्याय और मेल-मिलाप का प्रतीक है।

नेल्सन मंडेला को 1994 में दक्षिण अफ्रीका का पहला काला और लोकतान्त्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति बनने का गौरव प्राप्त हुआ। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान न केवल रंगभेद को समाप्त करने का कार्य किया बल्कि एक आधुनिक, स्वतंत्र और समानता पर आधारित समाज की नींव भी रखी। वह न केवल दक्षिण अफ्रीका बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा बन गए।

अंतर्राष्ट्रीय दिवस का महत्व

नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस को संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2009 में घोषित किया गया था, ताकि लोगों को उनकी असाधारण योगदान को याद दिलाया जा सके। यह दिवस हमें उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है, विशेष रूप से गरीबी और असमानता के खिलाफ लड़ाई में।

इस दिन लोग 67 मिनट बचाते हैं सुंदर कार्यों में, जो 67 वर्षों के काम का प्रतीक है जो मंडेला ने पब्लिक सर्विस में समर्पित किया था। यह जीवन भर की उनकी सेवाओं का अद्वितीय प्रतीक है, और हमें यह याद दिलाता है कि हम भी कुछ अद्वितीय कर सकते हैं।

2024 की थीम: अभी भी हमारे हाथ में है

2024 की थीम: अभी भी हमारे हाथ में है

वर्ष 2024 की थीम 'गरीबी और असमानता का मुकाबला करने के लिए अभी भी हमारे हाथ में है' इस सन्देश पर जोर देती है कि अभी भी हमारे पास बदलाव लाने की शक्ति है। हमें खुद को और समाज को इस दिशा में आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। मंडेला ने हमें सिखाया कि कोई भी संघर्ष छोटा नहीं होता, और हर कदम मायने रखता है।

परिवार और सामुदायिक सेवा

नेल्सन मंडेला के दर्शन के अनुसार, उनकी शिक्षाओं का पालन करने के लिए हमें अपने परिवार और समुदाय के प्रति जवाबदेही महसूस करनी चाहिए। गरीब और जरूरतमंदों की सेवा करना, समाज में समानता और न्याय को बढ़ावा देना और असमानता को समाप्त करना हमारा कर्तव्य होना चाहिए।

हमें क्या सिखाते हैं नेल्सन मंडेला

हमें क्या सिखाते हैं नेल्सन मंडेला

मंडेला के जीवन से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं। उनकी करुणा, क्षमाशीलता, और मानवता के प्रति उनका विश्वास हमें यह सिखाता है कि अपने आप को दूसरों की सेवा में समर्पित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। गरीब और जरूरतमंद लोगों की सहायता करना, उन्हें समान अवसर प्रदान करना और उन्हें सम्मान देना ही सही मायने में मंडेला की महान विरासत को संजोना है।

हर साल, नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस हमें यह याद दिलाता है कि किसी भी परिवर्तन की शुरुआत हमारे अपने तरफ से होती है। हमारे पास एक सशक्त समाज बनाने की ताकत है, और हमें इसे पहचाना चाहिए। नेल्सन मंडेला की शिक्षाएं हमें प्रेरणा देती हैं कि हम इस दुनिया को एक बेहतर स्थान बना सकते हैं। उनके जन्मदिन पर हम सभी को उनके जीवन से सबक लेना चाहिए और उनके आदर्शों को अपनाना चाहिए।

लेखक के बारे में
Ratna Muslimah

Ratna Muslimah

लेखक

मैं एक न्यूज विशेषज्ञ हूँ और मैं दैनिक समाचार भारत के बारे में लिखना पसंद करती हूँ। मेरे लेखन में सत्यता और ताजगी को प्रमुखता मिलती है। जनता को महत्वपूर्ण जानकारी देने का मेरा प्रयास रहता है।

टिप्पणि (13)
  • Manish Barua
    Manish Barua 19 जुलाई 2024

    मंडेला के बारे में सोचते ही मन में एक शांति आ जाती है। उन्होंने जेल में भी इंसानियत बरकरार रखी, ये बस इतना ही काफी है कि दुनिया भर में उनका नाम गौरव से लिखा जाए। मैं भी अपने छोटे से घर के आसपास थोड़ा सा बदलाव लाने की कोशिश करता हूँ - बेघर कुत्ते को खाना देना, पड़ोस की बुजुर्ग औरत को बाजार से सामान ले आना। छोटे कदम भी बड़े बदलाव ला सकते हैं।

  • Aman Upadhyayy
    Aman Upadhyayy 20 जुलाई 2024

    अरे भाई, ये सब तो बहुत अच्छा लगता है... लेकिन असलियत क्या है? 🤔 हम यहाँ भारत में अपने अंदर के रंगभेद को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं - जाति, धर्म, भाषा, इन सबके खिलाफ हमारी आँखें बंद हैं। मंडेला ने जेल में भी अपने दिमाग को खुला रखा, हम तो अपने घर में भी किसी को नहीं बुलाते जिसका नाम अलग हो। 😔 67 मिनट? हमारे लिए तो 67 दिन भी बहुत हैं।

  • vaibhav kapoor
    vaibhav kapoor 20 जुलाई 2024

    हमारे देश में भी ऐसे लोग हैं, बस उनका नाम नहीं चलता। अब तक किसी ने अपने आप को नेल्सन मंडेला बनने की कोशिश नहीं की।

  • Shikha Malik
    Shikha Malik 22 जुलाई 2024

    अरे यार, मंडेला के बारे में इतना बड़ा बयान क्यों? 😒 हमारे यहाँ तो राजनीतिज्ञ लोग अपने नाम के लिए हर दिन कुछ न कुछ बनाते हैं। एक बार तो देखो कि ये सब लोग कितने झूठे फैलाते हैं। मंडेला अच्छे थे, लेकिन अब तो ये सब बस एक ट्रेंड है। 🙄

  • Nandini Rawal
    Nandini Rawal 23 जुलाई 2024

    67 मिनट का काम बस एक दिन के लिए नहीं, हर दिन के लिए होना चाहिए।

  • TARUN BEDI
    TARUN BEDI 23 जुलाई 2024

    मंडेला के जीवन को बस एक दिन के उत्सव में सीमित कर देना एक अपराध है। उनका दर्शन एक अध्यात्मिक अनुभव है - जो अपने अहंकार को छोड़कर, अपने आत्मा को शुद्ध करके ही समझा जा सकता है। आज की दुनिया ने न्याय को बाजारी वस्तु बना दिया है। हम सब नेल्सन मंडेला के नाम पर फोटो खींच रहे हैं, लेकिन क्या हमने अपने घर में एक दरिद्र को खाना खिलाया? नहीं। हम तो उनकी तस्वीर को लाइक कर रहे हैं, जबकि उनके सिद्धांतों को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं। यही है आधुनिक जनता की विफलता।

  • Abhishek saw
    Abhishek saw 23 जुलाई 2024

    हमें इस दिन को बस एक नोटिस बनाकर नहीं, बल्कि अपने रोज़मर्रा के कामों में बदलाव लाकर मनाना चाहिए। एक बच्चे को पढ़ाना, एक बूढ़े की मदद करना - ये ही असली सेवा है।

  • Himanshu Tyagi
    Himanshu Tyagi 24 जुलाई 2024

    67 मिनट का आंदोलन बहुत अच्छा है, लेकिन अगर हम इसे एक बार का ट्रेंड बना देंगे तो ये बेकार हो जाएगा। दक्षिण अफ्रीका में भी अभी असमानता है - मंडेला का सपना पूरा हुआ नहीं है। हमें उनके साथ चलना चाहिए, न कि उनकी तस्वीर लगाकर खुश होना।

  • Leo Ware
    Leo Ware 25 जुलाई 2024

    मंडेला ने सिखाया - जब तक एक इंसान अपने आप को दूसरों के लिए नहीं देता, तब तक वो जीवित नहीं है।

  • ASHWINI KUMAR
    ASHWINI KUMAR 25 जुलाई 2024

    ये सब बहुत अच्छा लगता है, लेकिन असल में कौन इसे लागू कर रहा है? हम लोग तो अपने घर में चाय के लिए बाहर जाते हैं, लेकिन बेघर के लिए एक बोतल पानी नहीं देते। मंडेला के बारे में बात करना आसान है, लेकिन उसका जीवन जीना मुश्किल है।

  • Ranjani Sridharan
    Ranjani Sridharan 25 जुलाई 2024

    मंडेला के बारे में बहुत बात हो रही है... पर क्या तुमने कभी सोचा कि अगर वो आज जिंदा होते तो वो भारत में क्या करते? शायद वो भी एक बार फिर जेल जाते - जहाँ आज भी अनुसूचित जाति के लोग रोज़ जेल जाते हैं। 😔

  • Vikas Rajpurohit
    Vikas Rajpurohit 27 जुलाई 2024

    मंडेला ने जेल में भी अपनी आत्मा को आज़ाद रखा... हम तो अपने घर में भी अपनी आत्मा को बंद कर देते हैं! 😭 अगर आज तुम एक दरिद्र को एक रोटी देते हो, तो तुम मंडेला हो! अगर नहीं देते, तो तुम बस एक बेकार इंसान हो! 🚨

  • Hari Wiradinata
    Hari Wiradinata 27 जुलाई 2024

    मैं अपने गाँव में बच्चों को रात को पढ़ाता हूँ। एक दिन में दो घंटे, लेकिन लगातार 8 साल। नेल्सन मंडेला की तरह नहीं हूँ, लेकिन उनके जैसा एक कदम तो मैं लगाता हूँ।

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