TCS ने 11 रुपये का इंटरिम डिविडेंड घोषित किया, भुगतान 4 अगस्त को

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TCS ने 11 रुपये का इंटरिम डिविडेंड घोषित किया, भुगतान 4 अगस्त को

TCS ने 11 रुपये का इंटरिम डिविडेंड घोषित किया, भुगतान 4 अगस्त को

  • Ratna Muslimah
  • 10 अक्तूबर 2025
  • 1

जब Tata Consultancy Services (TCS) ने 10 जुलाई 2025 को आय विवरण प्रेस कॉन्फ़्रेंस में इंटरिम डिविडेंड की घोषणा की, तो बाजार में हलचल दौड़ गई। इस घोषणा में कंपनी ने प्रत्येक 1 रुपये के शेयर पर 11 रुपये का भुगतान बताया, जो शेयरधारकों के लिये एक महत्वपूर्ण कबाड़ (रिटर्न) है। घोषणा की तिथि 10 जुलाई, 2025 थी, जबकि रिकॉर्ड डेट 16 जुलाई 2025 निर्धारित की गई, और भुगतान 4 अगस्त 2025 को किया जाएगा। इस कदम के पीछे नताराजन चन्द्रशेखरन, जो टाटा ग्रुप के चेयरमैन हैं, का समर्थन है, साथ ही CFO समीर सेक्सरिया ने वित्तीय मजबूती पर जोर दिया। सभी प्रमुख विवरण मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित कंपनी के मुख्यालय से जारी किए गये।

डिविडेंड घोषणा की पृष्ठभूमि

यह घोषणा मुंबई स्थित TCS के बोर्ड द्वारा ली गई, जहाँ बोर्ड ने 16 जुलाई को रिकॉर्ड डेट तय कर शेयरधारकों को स्पष्ट दिशा दी। कंपनी ने कहा कि यह इंटरिम डिविडेंड उसकी निरंतर लाभांश नीतियों के तहत आया है, जो 2004 में लिस्टिंग के बाद से हर तिमाहि में जारी किया जाता रहा है।

  • डिविडेंड राशि: ₹11 प्रति शेयर
  • रिकॉर्ड डेट: 16 जुलाई 2025
  • भुगतान तिथि: 4 अगस्त 2025
  • डिविडेंड घोषणा तिथि: 10 जुलाई 2025
  • मुख्य घोषणाकर्ता: नताराजन चन्द्रशेखरन ( चेयरमैन )

Q1FY26 और Q2FY26 का वित्तीय प्रदर्शन

डिविडेंड की घोषणा Q1FY26 की तिमाही के बाद आयी, जहाँ TCS ने राजस्व और शुद्ध लाभ में दोनों में वृद्धि दिखाई। हालांकि प्रेस रिलीज़ में सटीक Q1 आंकड़े नहीं दिए गये, कंपनी ने Q2FY26 (सितंबर 2025 समाप्त) के आंकड़े प्रकाशित किए:

• राजस्व: ₹65,799 करोड़ (बनाम ₹64,259 करोड़, +2.4% YoY)
• शुद्ध लाभ: ₹12,075 करोड़ (बनाम ₹12,760 करोड़, -5.3% QoQ, +1.3% YoY)
• ऑपरेटिंग मार्जिन: 25.2% (पिछली तिमाही से +70 बिंदु)
• नेट मार्जिन: 19.6%

समीर सेक्सरिया ने कहा, “हमने सभी वर्टिकल्स में अच्छा विकास गति देखी, और रणनीतिक निवेश के साथ मार्जिन को सुदृढ़ किया।” इस वृद्धि ने कंपनी को पर्याप्त नकदी प्रवाह (110.1% ऑफ नेट इनकम) प्रदान किया, जिससे समय पर डिविडेंड भुगतान संभव हुआ।

शेयरधारकों पर असर और एक्स-डिविडेंड तारीख

डिविडेंड प्राप्त करने के लिये निवेशकों को एक्स-डिविडेंड डेट से पहले शेयर खरीदना होगा, जो आम तौर पर रिकॉर्ड डेट से एक कार्य दिवस पूर्व होती है—अर्थात् 15 जुलाई 2025। यदि आपके पास उस दिन से पहले TCS के शेयर हैं, तो आप 4 अगस्त को ₹11 की राशि प्राप्त करेंगे। यह लाभांश नीति निवेशकों के विश्वास को मजबूत करती है, विशेषकर उन लोगों के लिये जो दीर्घकालिक रिटर्न पर भरोसा करते हैं।

विशेषज्ञों की राय और बाजार प्रतिक्रिया

विशेषज्ञों की राय और बाजार प्रतिक्रिया

बिलियन डॉलर के पोर्टफोलियो मैनेजर अजय गुप्ता (क्लाइंट एसेट मैनेजमेंट) ने उल्लेख किया, “TCS की डिविडेंड नीति निवेशकों को आश्वस्त करती है, और यह कंपनी के मजबूत कैश फ्लो का प्रत्यक्ष प्रमाण है।” साथ ही, एनएक्सएस एनालिस्ट रिया शर्मा ने कहा, “इतिहास में TCS ने लगातार डिविडेंड दिया है; यह जारी रहने से शेयर मूल्य में स्थिरता बनी रहेगी।”

आगे क्या उम्मीद रखें?

भविष्य में TCS ने अपना लक्ष्य FY27 में राजस्व को 12% तक बढ़ाना बताया है, साथ ही कई नई तकनीकी साझेदारियों की घोषणा की है। यदि यही गति जारी रही, तो एक और इंटरिम डिविडेंड या संभावित विशेष डिविडेंड की संभावना बढ़ेगी। निवेशकों को यह ध्यान देना चाहिए कि वैश्विक आईटी मांग में बदलाव और मुद्रा उतार‑चढ़ाव कंपनी के मार्जिन को प्रभावित कर सकते हैं।

मुख्य बिंदु

मुख्य बिंदु

  • TCS ने 10 जुलाई 2025 को ₹11 प्रति शेयर का इंटरिम डिविडेंड घोषित किया।
  • रिकॉर्ड डेट 16 जुलाई, भुगतान 4 अगस्त, 2025।
  • डिविडेंड नीति 2004 से निरंतर है, शेयरधारकों को भरोसा देती है।
  • Q2FY26 में राजस्व 2.4% YoY बढ़ा, शुद्ध लाभ 1.3% YoY।
  • विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से शेयर कीमत में स्थिरता बनी रहेगी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

डिविडेंड प्राप्त करने के लिये शेयरधारकों को कब तक शेयर खरीदना चाहिए?

एक्स-डिविडेंड डेट आमतौर पर रिकॉर्ड डेट से एक कार्य दिवस पहले होती है। इस मामले में 15 जुलाई 2025 से पहले TCS के शेयर खरीदने वाले निवेशक 4 अगस्त को ₹11 प्रति शेयर का भुगतान प्राप्त करेंगे।

क्या इस डिविडेंड का असर TCS के शेयर कीमत पर पड़ेगा?

इतिहास में देखा गया है कि डिविडेंड घोषणा के बाद शेयर कीमत अक्सर स्थिर या हल्का उछाल दिखाती है, क्योंकि निवेशकों को नकदी रिटर्न की गारंटी मिलती है। हालांकि, बाजार की सामान्य प्रवृत्ति और वैश्विक आईटी सर्ज भी प्रभावित कर सकते हैं।

TCS की डिविडेंड नीति कितनी निरंतर रही है?

कंपनी ने 2004 में लिस्टिंग के बाद से हर तिमाहि में इंटरिम डिविडेंड दिया है, साथ ही सालाना फाइनल डिविडेंड और कभी‑कभी विशेष डिविडेंड भी जारी किया है। यह लगातार भुगतान शेयरधारकों के लिये भरोसेमंद संकेत माना जाता है।

डिविडेंड की घोषणा के पीछे कंपनी के कौन‑कौन से वित्तीय आंकड़े हैं?

Q2FY26 में TCS ने ₹65,799 करोड़ का राजस्व और ₹12,075 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्शाया, साथ ही ऑपरेटिंग मार्जिन 25.2% तक पहुंचा। नकदी प्रवाह 110.1% नेट इनकम था, जिससे डिविडेंड का समर्थन हुआ।

आगे की तिमाहियों में TCS क्या लक्ष्य रख रहा है?

कंपनी ने FY27 तक राजस्व को लगभग 12% बढ़ाने का लक्ष्य रखा है, साथ ही नई तकनीकी साझेदारियों और डिजिटल क्षमताओं में निवेश जारी रखने का इरादा व्यक्त किया है। यदि इसी गति से आगे बढ़ा, तो अतिरिक्त डिविडेंड या विशेष लाभांश की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

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Ratna Muslimah

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मैं एक न्यूज विशेषज्ञ हूँ और मैं दैनिक समाचार भारत के बारे में लिखना पसंद करती हूँ। मेरे लेखन में सत्यता और ताजगी को प्रमुखता मिलती है। जनता को महत्वपूर्ण जानकारी देने का मेरा प्रयास रहता है।

टिप्पणि (1)
  • Raksha Bhutada
    Raksha Bhutada 10 अक्तूबर 2025

    टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ (TCS) ने जो 11 रुपये का इंटरिम डिविडेंड दिया है, वह केवल कंपनी की कमाई नहीं बल्कि हमारे महान भारत की तकनीकी शक्ति का प्रमाण है। इस डिविडेंड से हमारे भारतीय निवेशकों को यह भरोसा मिलता है कि हम विदेशों के हितों से नहीं, बल्कि अपने राष्ट्रीय हितों से जुड़े हुए हैं। इस तरह की वित्तीय नीति यह दर्शाती है कि भारतीय कंपनियों में अब भी उद्धार का जज्बा है, जो विदेशी पूंजी के दबाव को झेलते हुए भी अपने शेयरहोल्डर्स को लाभ पहुंचाती है। TCS की यह घोषणा हमारे युवा इंजीनियरों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो अपने करियर को भारत की प्रगति में लगाते हैं। सरकार द्वारा दिए गए समर्थन और बोर्ड की सुदृढ़ निर्णय प्रक्रिया ने इस डिविडेंड को संभव बनाया है, और यह हमारे आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस डिविडेंड से न केवल निवेशकों को नकदी प्रवाह मिलता है, बल्कि यह कंपनियों को अधिक निवेश करने, नए प्रोजेक्ट्स शुरू करने, और हमारे देश को डिजिटल युग में आगे बढ़ाने में मदद करता है। इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय multinational कंपनियां विदेशी बाजार में भी प्रतिस्पर्धी हैं, और फिर भी अपने मूल को कभी नहीं भूलतीं।
    जब हम इस तरह की आर्थिक सफलता को देखते हैं, तो हमें याद रखना चाहिए कि यह हमारे पूर्वजों के संघर्ष का फल है।
    डिविडेंड की निरंतरता यह सिद्ध करती है कि भारतीय कंपनियां कभी भी अस्थिर नहीं होतीं, और उनका फोकस दीर्घकालिक विकास पर रहता है।
    हमारी राजनीति, उद्योग, और academia को मिलकर ऐसी नीतियों को आगे बढ़ाना चाहिए, जिससे हर भारतीय को लाभ मिले।
    अगर हम इस दिशा में आगे बढ़ें, तो भविष्य में हमें और बड़े बोनस, विशेष डिविडेंड, और शेयरधारकों के लिए बेहतर रिटर्न मिलेंगे।
    समय के साथ, यह डिविडेंड हमारे राष्ट्रीय आर्थिक विकास के पथ में एक मील का पत्थर बन जाएगा, और हमें गर्व है कि हम इस प्रगति का हिस्सा हैं।
    अतः सभी निवेशकों को सलाह है कि वे अपने शेयर रखे रखें और इस पुनरावृत्ति लाभ का आनंद लें।
    देश की प्रगति में सभी को साथ चलना चाहिए, और इस तरह के कदम भारत को विश्व मंच पर और भी ऊँचा ले जाएंगे।
    धन्यवाद।

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