हर किसान सोचता है कि कौन‑सी योजना उसकी समस्या हल करेगी। सरकार ने कई कार्यक्रम शुरू किए हैं, पर जानकारी ढूँढना मुश्किल लग सकता है. इस लेख में हम सबसे जरूरी योजनाओं को सरल शब्दों में समझेंगे और बताएंगे कैसे ऑनलाइन या ऑफलाइन जल्दी अप्लाई करें.
PM‑KISAN 2025 – हर छोटे किसान को सालाना ₹6,000 तक की Direct Benefit Transfer मिलती है. यदि आपका खेत 2 हेक्टेयर से कम है और वार्षिक आय ₹1 लाख से नीचे है, तो आप पात्र हैं.
रायजवस योजना – फसल बीमा के तहत प्राकृतिक आपदा या कीट‑कीडों से नुकसान हुआ तो 80% तक का भुगतान मिलता है. पॉलिसी खरीदने के लिए अपना बैंक खाता और भूमि विवरण Kisan portal पर भरें.
कृषि ऋण सब्सिडी योजना – खेती‑बाड़ी में निवेश करने वाले को ब्याज पर 2% की सब्सिडी मिलती है. इसको पाने के लिये निकटतम कृषि शाखा में आवेदन करें, दस्तावेज़ों में फसल का बीज खर्च और उपकरण की लागत शामिल रखें.
उन्नत जलसिंचाई योजना – अगर आपके पास ड्रिप या स्प्रिंकलर सिस्टम नहीं है तो सरकार 70% तक का समर्थन देती है. आवेदन के लिये स्थानीय ग्रामीण विकास कार्यालय (RWA) से संपर्क करें और भूमि की नक्शा तैयार रखें.
किसान कल्याण कार्ड – इस कार्ड से रेशन, हेल्थ प्लान और शैक्षिक स्कॉलरशिप जैसी सुविधाएँ मिलती हैं. अपना आधार नंबर और कृषि पोर्टल आईडी जोड़ने से यह तुरंत एक्टिव हो जाता है.
सबसे पहले PM‑KISAN portal या अपने राज्य के कृषि पोर्टल पर रजिस्टर करें. मोबाइल नंबर और आधार लिंक करना सबसे आसान कदम है; एक बार लिंक हो जाए तो सभी स्कीमों का डाटा एक ही जगह दिखेगा.
दूसरा, आवश्यक दस्तावेज़ तैयार रखें:
तीसरा, “आवेदन करें” बटन पर क्लिक करके फॉर्म भरें. प्रत्येक सेक्शन में पूछे गए सवालों का सीधा‑सीधा उत्तर दें – जैसे ‘कितनी जमीन है’, ‘क्या आप पहले से किसी स्कीम के तहत हैं’? अगर कोई फ़ील्ड नहीं समझ आ रहा, तो पोर्टल की FAQ या हेल्पलाइन (1800‑120‑1122) पर कॉल करें.
आखिर में सबमिट बटन दबाते ही आपका आवेदन प्रोसेस होना शुरू हो जाएगा. अधिकांश स्कीमें 7‑10 दिन में स्वीकृति देती हैं, और पैसा आपके बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर हो जाता है.
अगर आप ग्रामीण क्षेत्र में हैं तो नजदीकी कृषि कार्यालय या पिंड विकास समिति (PDC) से भी मदद ले सकते हैं. वहाँ के अधिकारी अक्सर डिजिटल लिटरेसी सत्र चलाते हैं, जहाँ वे फॉर्म भरना और दस्तावेज़ अपलोड करना दिखाते हैं.
सार में, योजना चुनने से पहले अपनी जरूरतें, भूमि आकार और आय स्तर देखें, फिर ऑनलाइन पोर्टल या स्थानीय कार्यालय की मदद से जल्दी आवेदन करें. इससे आपको समय, पैसा और मेहनत दोनों बचेंगे और खेती‑बाड़ी में नई तकनीक अपनाने का भरोसा भी मिलेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में 30,000 से अधिक स्वयं सहायता समूहों को कृषि सखियों के रूप में प्रमाण पत्र वितरित करेंगे। यह सरकार की 'लाखपति दीदी' योजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को प्रशिक्षण और प्रमाणन के माध्यम से सशक्त बनाना है। (आगे पढ़ें)