मैच की शुरुआत और बदलता खेल
भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच पहले टेस्ट मैच के चौथे दिन का खेल जब शुरू हुआ, तो दर्शकों के मन में चिंता की लहर दौड़ रही थी। पहली पारी में मात्र 46 रन पर आउट होने के बाद भारतीय समर्थक निराश थे। लेकिन दूसरी पारी में भारत के बल्लेबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। जब दूसरे पारी की शुरुआत हुई तो भारत 125 रनों से पीछे था। यह भारतीय टीम के लिए एक कठिन स्थिति थी, क्योंकि न्यूज़ीलैंड की गेंदबाजी आक्रमण तगड़ी मानी जाती है। उनकी योजना थी कि भारतीय बल्लेबाजों को जल्दी आउट करके मैच पर पकड़ मजबूत की जाए।
सरफराज खान की मेहनत और ऋषभ पंत का समर्थन
इस गहराई में भारतीय टीम के एक युवा खिलाड़ी सरफराज खान ने क्रीज पर पांव जमाना शुरू किया और धीरे-धीरे अपने हाथ खोलने लगे। उन्होंने सही समय पर रन बनाना शुरू किया और अपने टेस्ट करियर का पहला शतक ठोका। सरफराज खान के शतक ने भारतीय टीम को मजबूत स्थिति में ला दिया। ऋषभ पंत, जो हमेशा से टीम के संकटमोचक रहे हैं, उन्होंने इस बार भी अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई। उनकी और सरफराज की साझेदारी ने एक बड़ी बढ़त दिला दी।
कमबैक की दास्तान
सरफराज और पंत की साझेदारी ने दर्शाया कि भारतीय बल्लेबाज असाधारण परिस्थितियों में भी अपनी निर्भीकता खोने नहीं देंगे। दूसरे पारी में 462 रन का विशाल स्कोर खड़ा कर के उन्होंने मैच की दिशा बदल दी। पिच भी दिन में कुछ अधिक मददगार हो रही थी, लेकिन इन बल्लेबाज़ों ने संयम के साथ खेल दिखाया। उन्होंने न्यूज़ीलैंड के गेंदबाजों के वारों को सफलतापूर्वक रोका और अपने शर्धनों से उच्च स्कोर खड़ा करने में सफलता पाई। उनकी यह साझेदारी दक्षिण अफ्रीका में भारत के प्रदर्शन की याद दिलाती है, जहां भारतीय टीम ने कई आतिशी बल्लेबाजों के दम पर बड़े मैचों में वापसी की थी।
न्यूज़ीलैंड के गेंदबाजों की चुनौतियाँ
न्यूज़ीलैंड के गेंदबाजों ने बड़ी कोशिश की ताकि उन्होंने भारतीय बल्लेबाजों को सामने शृंखला खड़ी की जा सके। टिम साउथी, जो अपनी स्विंग गेंदबाजी के लिए मशहूर हैं, ने शुरुआत में कुछ चुनौतियाँ ज़रूर खड़ी कीं। दूसरी ओर, अज़ाज पटेल ने अपनी स्पिन से कुछ समय के लिए शिकंजा कसा, लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने संयम का परिचय देते हुए स्थिति को अपने अनुरूप कर लिया।
 
मुकाबले का रोचक मोड़
दिन के अंत ने यह साफ कर दिया कि मैच किस दिशा में जा रहा है। हालांकि न्यूज़ीलैंड के पास अभी भी मौके हैं, लेकिन अगर भारतीय गेंदबाज आगे भी इस प्रदर्शन को बनाए रखते हैं, तो भारतीय टीम के लिए जीत की सम्भावना बढ़ सकती है। भारतीय गेंदबाजों के लिए यह चुनौती होगी कि वे न्यूज़ीलैंड के टॉप ऑर्डर को जल्दी आउट कर पाएं। किस तरह से वह इस मुकाबले में वापसी कर पाते हैं, यह देखना भी दिलचस्प होगा।
इस मैच की दिलचस्प घटनाएँ और ताजगी हर क्रिकेट प्रेमी को बांध कर रखने वाली है। इस प्रकार के प्रदर्शन भारतीय क्रिकेट के सुनहरे भविष्य की कहानी कहते हैं और यह दिखाते हैं कि युवा खिलाड़ी कैसे कठिनाइयों का सामना कर खुद को साबित कर सकते हैं। अगले दिन का खेल भी अत्यंत रोचक होने का अनुमान है और दोनों टीमें पूरी ताकत लगाएंगी ताकि उनके पक्ष में मैच समाप्त हो सके।
 
                         
                             
                             
                             
                             
                             
                                                                                 
                                                                                 
                                                                                