ईशा फाउंडेशन – क्या है और क्यों ज़रूरी?

अगर आप शिक्षा या सामाजिक पहल में रूचि रखते हैं तो ईशा फाउंडेशन का नाम जरूर सुन चुके होंगे. यह संगठन भारत की दूरस्थ शिक्षा को सुलभ बनाने, ग्रामीण इलाकों में गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई पहुंचाने और महिलाओं के अधिकारों को मजबूत करने पर काम करता है. यहाँ हम आसान भाषा में समझाते हैं कि ये फाउंडेशन कैसे काम करती है और आपके लिए क्या मतलब रखती है.

मुख्य प्रोजेक्ट्स जो बदलाव लाते हैं

ईशा ने कई बड़े प्रोग्राम शुरू किए हैं – जैसे ऑनलाइन कक्षा प्लेटफ़ॉर्म, मोबाइल लाइब्रेरी ट्रक और स्कॉलरशिप योजना. इन सबका लक्ष्य है कि बच्चें चाहे गाँव में हों या शहर में, उन्हें अच्छी किताबें, ट्यूशन और करियर गाइडेंस मिल सके. हाल ही में उन्होंने नई डिजिटल लर्निंग एप लॉन्च की जो 10 लाख से अधिक छात्र तक पहुंची.

आप कैसे जुड़ सकते हैं?

फाउंडेशन के साथ जुड़ना आसान है. आप स्वयंसेवक बनकर पढ़ाने वाले कक्षाओं में मदद कर सकते हैं या दान देकर नई स्कूल बनाने की प्रक्रिया तेज़ कर सकते हैं. वेबसाइट पर ‘सहयोग करें’ बटन से आप अपनी पसंद का योगदान चुन सकते हैं, चाहे वह फंडिंग हो या समय की देन.

अगर आपको अपडेट चाहिए तो हमारी साइट के टैग पेज “ईशा फाउंडेशन” को फ़ॉलो करना सबसे तेज़ तरीका है. यहाँ पर सभी नवीनतम लेख, प्रेस रिलीज़ और इवेंट्स का सारांश मिलेगा, जिससे आप कभी भी जानकारी से बाहर नहीं रहेंगे.

एक बार जब आप इस टैग पेज पर आएँगे तो आपको विभिन्न सेक्शन दिखेंगे – खेल, राजनीति, शिक्षा आदि. हर पोस्ट में छोटा शीर्षक, संक्षिप्त विवरण और कीवर्ड्स होते हैं जो मदद करते हैं जल्दी से समझने में कि वह खबर आपके लिए क्यों महत्वपूर्ण है.

उदाहरण के तौर पर, अगर आप चाहते हैं जानना कि ईशा फाउंडेशन ने हाल ही में कौन सा नया डिजिटल पाठ्यक्रम शुरू किया, तो बस उस शीर्षक पर क्लिक करें. लेख पढ़ते समय आपको सरल भाषा में समझाया जाएगा कि वह कोर्स किसके लिए है और कैसे रजिस्टर करें.

फाउंडेशन की सफलता का बड़ा हिस्सा सामुदायिक भागीदारी है. इसलिए हम अक्सर स्थानीय स्कूलों और NGOs के साथ मिलकर इवेंट्स आयोजित करते हैं – जैसे पढ़ाई कैंप, स्वास्थ्य शिविर और महिलाओं के लिये व्यावसायिक प्रशिक्षण. इन सभी घटनाओं की जानकारी भी इस टैग पेज पर अपडेट रहती है.

अंत में याद रखें, ईशा फाउंडेशन सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि वह नेटवर्क है जो शिक्षा को हर घर तक पहुंचाने का काम कर रहा है. यहाँ मिलने वाली खबरें आपको न केवल जानकारी देती हैं, बल्कि कार्रवाई करने की प्रेरणा भी देती हैं. तो अब देर किस बात की? इस पेज पर रोज़ाना चेक करें और अपने आसपास के बदलाव में हिस्सा बनें.

मद्रास हाईकोर्ट ने साधगुरु जग्गी वासुदेव से पूछा: महिलाओं को सन्यास की राह क्यों दिखा रहे, जब अपनी बेटी का विवाह कर दिया?

के द्वारा प्रकाशित किया गया Ratna Muslimah पर 1 जून 2025

मद्रास हाईकोर्ट ने ईशा फाउंडेशन में महिलाओं की कथित 'कैद' पर सुनवाई के दौरान साधगुरु जग्गी वासुदेव से सवाल किया कि जब उनकी बेटी शादीशुदा और बस चुकी है, तो वे दूसरों की बेटियों को सन्यास लेने के लिए क्यों प्रेरित करते हैं। अदालत ने राज्य से फाउंडेशन पर दर्ज मामलों की जानकारी भी मांगी है। (आगे पढ़ें)