Infosys के प्रमोटर बायबैक से बाहर, शेयर 4% बढ़े

घरInfosys के प्रमोटर बायबैक से बाहर, शेयर 4% बढ़े

Infosys के प्रमोटर बायबैक से बाहर, शेयर 4% बढ़े

Infosys के प्रमोटर बायबैक से बाहर, शेयर 4% बढ़े

  • Ratna Muslimah
  • 24 अक्तूबर 2025
  • 1

जब Infosys Limited ने 19 सितंबर 2025 को यह बताया कि उसके प्रमोटर बायबैक में हिस्सा नहीं ले रहे, तो शेयरों ने तुरंत 4 % की छलाँग लगा दी।

यह खुलासा बेंगलुरु, कर्नाटक के इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी में कंपनी के बोर्ड मीटिंग के बाद आया, जहाँ 11 सेप्टेंबर 2025 को ₹18,000 crore के बायबैक को मंजूरी दी गई थी।

बायबैक का लक्ष्य 10 crore शेयर, प्रत्येक ₹1,800 की कीमत पर, यानी बाजार मूल्य से 19 % प्रीमियम पर बायबैक करना था। इस प्रक्रिया से प्रमोटरों का शेयर‑हिस्सा 13.05 % से 13.37 % तक बढ़ सकता था, जबकि सार्वजनिक हिस्सेदारी घटकर 86.63 % हो जाती।

इंडियन शेयर बायबैक का इतिहास और इस बार का महत्व

Infosys के बायबैक का इतिहास 2017, 2019 और 2022 तक फैला हुआ है। प्रत्येक बार कंपनी ने अतिरिक्त नकदी को शेयरधारकों तक पहुँचाने की रणनीति अपनाई। इस बार का आकार, ₹18,000 crore, अब तक का सबसे बड़ा रहा। इस कारण से बाजार ने इसे एक महत्वपूर्ण संकेत माना।

प्रमुख प्रमोटरों का निर्णय

प्रमुख व्यक्तियों में Nandan M. Nilekani, जो कंपनी के सह‑स्थापक और पहले चेयरमैन रहे, और Sudha N. Murty, जिन्होंने Infosys Foundation के चेयरपर्सन का पद संभाला, शामिल थे। इसके अलावा N.R. Narayana Murthy के परिवार के सदस्य—Akshata Murty, Rohan Murty—भी इस ‘नॉन‑पार्टिसिपेशन’ में शामिल थे।

सबने 14 सेप्टेंबर से 19 सेप्टेंबर 2025 तक अलग‑अलग पत्र लिखकर बायबैक में नहीं भाग लेने का इरादा जताया। पत्रों में उन्होंने बताया कि उनका फोकस कंपनी के दीर्घकालिक विकास पर है, न कि अल्पकालिक शेयर‑ट्रेडिंग पर।

बाजार की प्रतिक्रिया और विशेषज्ञों की राय

शेयरों का खुलते‑खुले 1,512.60 रुपये से 1,573.10 रुपये तक बढ़ना, 28 % वॉल्युम वृद्धि के साथ, निवेशकों की उत्सुकता को दिखाता है। Morgan Stanley India के विश्लेषक Rohit Sharma ने 19 सेप्टेंबर 2025 को कहा, “प्रमोटरों का बायबैक से बाहर रहना हमेशा बाजार में सकारात्मक रह रहा है, क्योंकि यह लंबी अवधि के मूल्य‑निर्माण पर भरोसा दर्शाता है।”

Equiris Securities, Motilal Oswal और ICICI Securities के रिसर्च रिपोर्ट में भी इस बात पर बल दिया गया कि प्रमोटर‑सेंटरिक निर्णय संभावित रूप से रिटेल निवेशकों को आकर्षित करेगा, खासकर जब 19 % प्रीमियम पेश किया गया हो।

भविष्य की दिशा और नियामक पहलू

भविष्य की दिशा और नियामक पहलू

शेयर बायबैक का window 5 अक्टूबर 2025 को खुलेगा और 30 अक्टूबर 2025 तक बंद होना तय है, जैसा कि Securities and Exchange Board of India (SEBI) ने निर्देश दिया है। SEBI के नियमों के अनुसार, कंपनी को बायबैक के सभी चरणों में पारदर्शिता बनाए रखनी होगी।

Infosys का कैपिटल अलोकेशन पॉलिसी अभी भी 2024‑25 के वार्षिक रिपोर्ट में स्पष्ट है: “ऑपरेशनल जरूरतों, रणनीतिक acquisitions और न्यूनतम ₹15,000 crore के cash reserve को सुरक्षित रखने के बाद, अतिरिक्त नकदी शेयरधारकों को वापिस करने में लगाई जाएगी।”

क्या यह निर्णय कंपनी के मूलभूत पहलुओं को बदलता है?

कंपनी की FY 2025 के आंकड़े देखते हुए, ₹148,357 crore का टॉप‑लाइन और ₹28,765 crore का नेट‑प्रॉफिट, साथ ही 3.17 लाख कर्मचारियों की बड़ी ताकत, यह स्पष्ट करता है कि Infosys के पास विकास के कई मौकों की क्षमता है। बायबैक सिर्फ एक पूंजी‑रिटर्न उपकरण है, जिससे कंपनी की मौजूदा फोकस बदलता नहीं दिखता।

दूसरी ओर, प्रमोटरों का नॉन‑पार्टिसिपेशन संभावित रूप से सार्वजनिक हिस्सेदारी को थोड़ा घटा सकता है, जिससे शेयर की तरलता पर असर पड़ सकता है। परन्तु अधिकांश बाजार विशेषज्ञ मानते हैं कि यह छोटा‑सा प्रतिशत बदलाव लंबे‑अवधि में शेयरधारकों के लिए फाइदा लाएगा।

मुख्य बिंदु

मुख्य बिंदु

  • Infosys ने ₹18,000 crore का बायबैक मंजूर किया, लेकिन प्रमुख प्रमोटरों ने भाग नहीं लिया।
  • बायबैक का प्रीमियम 19 % है, कीमत ₹1,800 प्रति शेयर।
  • शेयर कीमत तुरंत 4 % बढ़ी, संकेतक के रूप में बाजार भरोसा दिखा।
  • बायबैक विंडो 5 Oct‑30 Oct 2025, SEBI के नियमों के तहत।
  • प्रमुख प्रमोटर — Nandan Nilekani, Sudha Murty, Akshata Murty, Rohan Murty — ने नॉन‑पार्टिसिपेशन के कारण बताये।

आगे क्या हो सकता है?

यदि बायबैक पूरी तरह से सब्सक्राइब हो जाता है, तो सार्वजनिक हाथ में शेयर घटेंगे, लेकिन कंपनी की कॅश‑फ्लो स्थिति मजबूत बनी रहेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि 2026‑27 में Infosys नई तकनीकी क्षेत्रों—जैसे AI‑सर्विसेज और क्लाउड‑सेक्योरिटी—में बड़ा निवेश करेगा, जिससे शेयर‑प्राइस में दीर्घकालिक वरधि की उम्मीद है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रमोटरों का बायबैक में न भाग लेना निवेशकों को क्या संदेश देता है?

यह संकेत है कि प्रमोटर कंपनी के दीर्घकालिक मूल्य में भरोसा रखते हैं। इसलिए वे अल्पकालिक प्रॉफिट की बजाय स्थायी विकास को प्राथमिकता देते हैं, जो बाजार में सकारात्मक रूप से पढ़ा गया।

बायबैक का प्रीमियम 19 % क्यों निर्धारित किया गया?

प्रीमियम का उद्देश्य मौजूदा शेयरधारकों को आकर्षित करना और बायबैक को तीव्रता से पूरा करना है। 19 % की छूट बाजार मूल्य से अधिक है, जिससे निवेशकों को ऐसा लगता है कि वे असल में कंपनी में कम कीमत पर अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीद रहे हैं।

बायबैक प्रक्रिया कब तक चलती है?

बायबैक का खुलने वाला चरण 5 अक्टूबर 2025 से शुरू होगा और 30 अक्टूबर 2025 तक समाप्त होगा, जैसा कि SEBI के निर्देशों में बताया गया है। इस अवधि में कंपनी खुली बाजार से शेयर खरीदती रहेगी।

यदि बायबैक पूरी तरह से सब्सक्राइब हो जाए तो सार्वजनिक हिस्सेदारी पर क्या असर पड़ेगा?

पब्लिक शेयरहोल्डिंग 86.95 % से घटकर लगभग 86.63 % हो जाएगी। यह छोटा‑सा घटाव तरलता पर मामूली प्रभाव डाल सकता है, पर कंपनी के लिए कैश‑रिज़र्व बढ़ाने में मदद करेगा।

Infosys के भविष्य के विकास क्षेत्रों में क्या प्रमुख हैं?

विशेषज्ञों ने कहा है कि कंपनी AI‑सॉल्यूशन्स, क्लाउड‑सेक्योरिटी और डिजिटल ट्रांसफ़ॉर्मेशन सेवाओं में निवेश बढ़ाएगी। ये क्षेत्र अगले 2‑3 साल में राजस्व की गति को तेज कर सकते हैं।

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Ratna Muslimah

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मैं एक न्यूज विशेषज्ञ हूँ और मैं दैनिक समाचार भारत के बारे में लिखना पसंद करती हूँ। मेरे लेखन में सत्यता और ताजगी को प्रमुखता मिलती है। जनता को महत्वपूर्ण जानकारी देने का मेरा प्रयास रहता है।

टिप्पणि (1)
  • Riya Patil
    Riya Patil 24 अक्तूबर 2025

    Infosys के प्रमोटरों का बायबैक से बाहर रहना एक नाटकीय मोड़ है। यह कदम शेयरधारकों को भरोसा दिलाता है कि कंपनी दीर्घकालिक दृष्टि में स्थिर है। बाजार की तत्काल 4% छलाँग इस भावना को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।

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