आर्थिक सहयोग: क्या आप नई मदद से अवगत हैं?

हर रोज़ हमें पैसे की जरूरत पड़ती है – चाहे बिल चुकाना हो, या छोटे‑छोटे ख़र्चों को कवर करना हो. लेकिन अक्सर हम नहीं जानते कि सरकार या निजी कंपनियाँ कौन‑सी सुविधाएँ दे रही हैं. इस पेज में हम उन सभी बातों को सरल भाषा में समझेंगे, ताकि आप तुरंत फ़ायदा उठा सकें.

सरकारी कदम: UPI लेन‑देनों पर GST का छूट

हाल ही में सरकार ने बताया कि 2000 रुपये से कम के UPI ट्रांज़ैक्शन पर GST नहीं लगेगा. मतलब, जब आप मोबाइल वॉलेट या QR कोड से छोटे भुगतान करेंगे, तो आपको अतिरिक्त कर नहीं देना पड़ेगा. यह कदम डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने और लोगों को नकद‑लेन‑देन की जटिलता से बचाने के लिये है. अब हर रोज़ की छोटी‑छोटी खरीदारी में आप थोड़ी बचत महसूस करेंगे.

व्यक्तिगत वित्तीय टिप्स: छोटे कदम, बड़े फ़ायदे

बात सिर्फ सरकारी नीतियों तक सीमित नहीं, बल्कि आपके खुद के फैसलों से भी बड़ी बचत हो सकती है. उदाहरण के तौर पर, अगर आप हर महीने अपनी सिम‑प्लान या मोबाइल डेटा को रिव्यू करें तो अनावश्यक खर्च कट सकता है. इसी तरह, घर की बिजली बिल कम करने के लिये लाइट्स को LED में बदलें – शुरुआती लागत थोड़ी अधिक लेकिन दीर्घकालिक बचत काफी होती है.

एक और आसान उपाय है “ऑटो‑डिपॉज़िट” सेट करना. बैंक में छोटी रक्कम हर महीने जमा कर दें, तो ब्याज के साथ आपका बचत खाता धीरे‑धीरे बढ़ेगा. इस तरह आप बड़े खर्चों जैसे ट्यूशन या इमरजेंसी फंड के लिये भी तैयार रहेंगे.

अगर आप खुद को बिज़नेस में आगे बढ़ाना चाहते हैं, तो सरकार के ‘स्टार्ट‑अप इंडिया’ या ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ की जानकारी रखें. ये योजनाएँ कम ब्याज पर लोन और ग्रांट देती हैं, जिससे छोटे उद्यमी आसानी से पूँजी जुटा सकते हैं.

अंत में यह याद रखिए कि आर्थिक सहयोग केवल बड़ी खबरों तक सीमित नहीं है. रोज़मर्रा की छोटी‑छोटी समझदारी भरी ख़रीदें और सरकारी योजनाओं का सही उपयोग, दोनों मिलकर आपके बजट को संतुलित बनाएँगे. इस पेज पर हम लगातार नई जानकारी अपडेट करेंगे – इसलिए बार‑बार चेक करते रहें और अपने पैसे को स्मार्ट बनाएं.

भारत-रूस व्यापार में स्थानीय मुद्रा का बढ़ता प्रभाव

के द्वारा प्रकाशित किया गया Ratna Muslimah पर 13 नव॰ 2024

हाल में भारत और रूस के 90% व्यापार का संचालन स्थानीय या वैकल्पिक मुद्राओं में हो रहा है। रूस के उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव ने इसमें बैंकिंग संबंधों के विस्तार की आवश्यकता पर जोर दिया। भारतीय रिजर्व बैंक ने जुलाई 2022 में रूपयों में व्यापार की सुविधा दी थी। यह कदम रूस के स्विफ्ट से बाहर होने के कारण किया गया। व्यापार असंतुलन को दूर करने के लिए देशों के बीच विविधता लाने पर भी चर्चा हुई। (आगे पढ़ें)