यदि आप विश्वविद्यालय या कॉलेज के माहौल में हो तो आपनें सुना होगा कि ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) हर साल कैंपस में कई बार चर्चा का केंद्र बन जाती है। लेकिन इस बार क्या खास है? चलिए, आज के सबसे गर्म मुद्दों को एक-एक करके देखते हैं।
2025 की शुरुआत में ABVP ने कई विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय स्तर के सत्र आयोजित किए। इन सत्रों में छात्रों को रोजगार से लेकर शिक्षा सुधार तक के कई विषयों पर चर्चा करने का अवसर मिला। अधिकांश सत्र ऑनलाइन आयोजित हुए, जिससे दूर-दराज़ के छात्रों ने भी भाग लिया।
सत्र में सबसे ज्यादा बात हुई “डिजिटल शिक्षा और सरकारी नीतियों” की। ABVP ने कहा कि डिजिटल कनेक्टिविटी में अंतर युवा वर्ग के भविष्य को नुकसान पहुँचाता है। उन्होंने सरकार से बुनियादी इंटरनेट पहुंच को हर कॉलेज में अनिवार्य करने की मांग रखी।
बीते महीने ABVP को कुछ राज्यों में प्रतिबंध की खबर मिली थी। किन्हीं कॉलेजों में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिससे प्रशासन ने उन्हें अस्थायी रूप से रोक दिया। इस वजह से बीमा छात्र संघ ने एक सामाजिक मीडिया कैंपेन चलाया, जिसमें उन्होंने “स्वतंत्र आवाज़” के टैग के साथ अपनी बात रखी। इस कदम ने कई युवा वर्ग को प्रेरित किया और कई राजनीतिक नेताओं ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया।
परिणामस्वरूप, कई विश्वविद्यालयों ने अब छात्रों की आवाज़ को सुनने के लिए एक नई समिति बनायी है, जिसमें ABVP के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। यह कदम छात्रों के लिए एक बड़ा सकारात्मक विकास माना जा रहा है।
ABVP का एक और प्रमुख कदम इस साल ‘पैरलल लाइफ स्किल्स’ प्रोग्राम शुरू करना था। इस पहल में रेज़्यूमे बनाना, इंटरव्यू टेक्निक और इंटर्नशिप के अवसरों की जानकारी दी जा रही है। अधिकांश छात्र इस प्रोग्राम को बहुत उपयोगी बता रहे हैं क्योंकि यह उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ व्यावहारिक कौशल सीखने में मदद करता है।
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आखिर में, चाहे आप छात्र हों, अभिभावक हों या शिक्षक—ABVP की हर पहल का असर आपके कैंपस जीवन में महसूस होगा। इसलिए, हमें फ़ॉलो करें और इस मंच पर संवाद जारी रखें।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (DUSU) चुनाव 2025 में एबीवीपी ने राष्ट्रपति, सचिव और संयुक्त सचिव पद जीतकर बढ़त बना ली, जबकि एनएसयूआई को केवल उपाध्यक्ष पद मिला। कुल मतदान लगभग 40% रहा। आर्यन मान ने 16,196 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। यह नतीजे 2024 के उलट हैं जब एनएसयूआई ने राष्ट्रपति पद जीता था। (आगे पढ़ें)