उत्तर कोरिया के सैनिकों की रूस में तैनाती पर द. कोरिया की त्वरित वापसी की माँग

घरउत्तर कोरिया के सैनिकों की रूस में तैनाती पर द. कोरिया की त्वरित वापसी की माँग

उत्तर कोरिया के सैनिकों की रूस में तैनाती पर द. कोरिया की त्वरित वापसी की माँग

उत्तर कोरिया के सैनिकों की रूस में तैनाती पर द. कोरिया की त्वरित वापसी की माँग

  • Ratna Muslimah
  • 22 अक्तूबर 2024
  • 8

उत्तरी कोरिया के सैनिकों की तैनाती पर विवाद

दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया द्वारा रूस में कथित तौर पर तैनात विशेष परिचालन बलों की त्वरित वापसी की माँग की है। यह मसला तब सामने आया जब दक्षिण कोरिया की गुप्तचर एजेंसी ने खुलासा किया कि उत्तर कोरिया ने अपनी विशेष सेना के लगभग 1,500 जवान इस महीने की शुरुआत में रूस भेजे थे। यह दावा रूस के सैन्य अभियानों में समर्थन देने जैसे उद्देश्यों के साथ किया गया बताया गया है। नियमित रूप से उत्तरी कोरिया पर लाइ गई यूएन की प्रतिबंधों के दृश्य में इस तैनाती को अवैध माना जा रहा है।

दक्षिण कोरिया की सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए रूस के राजदूत को भी बुलवाया। उनका उद्देश्य था राजनयिक बातचीत के माध्यम से तुरंत इन सैनिकों की वापसी को सुनिश्चित करना। दक्षिण कोरिया की विदेश मंत्रालय ने इस पूरी स्थिति को वैश्विक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बताया है। उन्होंने यह भी उद्धृत किया कि ऐसे कदम दो देशों के बीच संबंधों में तनाव बढ़ा सकते हैं जो पहले से ही नाजुक संतुलन पर हैं।

खुदाई में रूस का आधिकारिक बयान अनुपस्थित

रूस की ओर से अब तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। इसका मतलब है कि रूस की अनुमति या सक्रिय भागीदारी की अब तक पुष्टि नहीं हो पाई है। फिर भी, दक्षिण कोरिया की ओर से यह दावा उसकी गुप्तचर एजेंसी की जानकारी पर आधारित है। यह स्थिति पूरे क्षेत्र में पेचीदा और मुहावरा बदलाव उत्पन्न कर सकती है।

क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा पर प्रभाव

इस स्थिति ने पूर्वोत्तर एशिया में भूराजनैतिक तनाव को भी उजागर किया है। जहां एक ओर अमेरिका समेत अन्य वैश्विक शक्तियां उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंध लगाने का विचार कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर यह तहरीर विशिष्ट रूप से उन संधियों के उल्लंघन की ओर इशारा करती है, जिनका पालन सुनिश्चित करने की कोशिश हो रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे घटनाक्रम से क्षेत्र का संतुलन बिगड़ सकता है और वे इस पूरी स्थिति को नए सुरक्षा चिंताओं के तौर पर देख रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका

वर्तमान परिवेश में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस मुद्दे पर विश्वसनीय जवाबदेही को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। वैश्विक मंच पर उक्त प्रतिबंधों के अनुपालन की निगरानी करना आवश्यक है, ताकि उत्तरी कोरिया पर दबाव बनाया जा सके। संजीवनीय पार्टियों को एक मंच पर आकर उचित कार्रवाई करनी होगी, जिससे कि इस तरह के किसी भी आक्रामक तरीकों को रोकने में सफलता मिल सके।

भविष्य की दिशा

हालांकि, वर्तमान समय में स्थिति गंभीर है, यह जरूरी है कि सभी संबंधित राष्ट्रीय सरकारें शांत, सक्रिय रणनीति अपनाएं। संवाद और समझौता ही इस मुद्दे का मुख्य समाधान बन सकता है। सभी पक्षों को अपने मतभेदों को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

लेखक के बारे में
Ratna Muslimah

Ratna Muslimah

लेखक

मैं एक न्यूज विशेषज्ञ हूँ और मैं दैनिक समाचार भारत के बारे में लिखना पसंद करती हूँ। मेरे लेखन में सत्यता और ताजगी को प्रमुखता मिलती है। जनता को महत्वपूर्ण जानकारी देने का मेरा प्रयास रहता है।

टिप्पणि (8)
  • Darshan kumawat
    Darshan kumawat 23 अक्तूबर 2024
    ये सब नाटक है। अमेरिका के लिए चल रहा है। रूस को कोई फर्क नहीं पड़ता।
    और दक्षिण कोरिया क्या कर रहा है? अपनी बात बनाने के लिए बस चिल्ला रहा है।
  • Manjit Kaur
    Manjit Kaur 23 अक्तूबर 2024
    अरे भाई ये लोग तो हमेशा ऐसे ही होते हैं। एक दिन चीन का दोस्त बन जाते हैं अगले दिन अमेरिका के। बस दिखावा है।
  • yashwanth raju
    yashwanth raju 23 अक्तूबर 2024
    हाँ भाई बिल्कुल सही कहा। ये जो बताया जा रहा है वो बस गुप्तचरों की अंदाज़ेबाजी है।
    कोई आधिकारिक सबूत? नहीं।
    कोई फोटो? नहीं।
    कोई सैटेलाइट इमेज? नहीं।
    फिर भी दक्षिण कोरिया जोर लगा रहा है।
    ये वाला ड्रामा तो हर बार होता है।
    जब तक रूस बोल नहीं जाता तब तक ये सब बकवास है।
    और फिर भी लोग इसे सच मान लेते हैं।
    अरे ये तो अभी तक उत्तर कोरिया के सैनिकों का कोई वीडियो नहीं आया।
    क्या हम अब ट्वीट्स पर ही युद्ध शुरू कर रहे हैं?
  • Aman Upadhyayy
    Aman Upadhyayy 23 अक्तूबर 2024
    अरे ये सब बहुत बड़ा मामला है भाई 😔
    क्या आप जानते हैं कि अगर उत्तर कोरिया के सैनिक रूस में हैं तो ये एक नया युग शुरू हो रहा है? 🌍
    ये तो वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा है भाई 😱
    हमारे देश के लिए भी खतरा है क्योंकि अगर ये दोनों देश एक हो गए तो अमेरिका के खिलाफ एक नया गठबंधन बन जाएगा 😨
    और फिर? फिर तो युद्ध शुरू हो जाएगा।
    हम तो बस घर पर बैठे हैं और चाय पी रहे हैं।
    लेकिन ये तो अंतिम घड़ी है भाई।
    हमें अपनी सेना को तैयार करना होगा।
    और ये सब बातें यूएन के पास जानी चाहिए।
    यूएन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
    अगर नहीं तो हम सब खत्म हो जाएंगे।
    मैं तो अभी से बच्चों को अपने घर के अंदर छिपा रहा हूँ।
    क्योंकि ये तो तीसरा विश्व युद्ध हो सकता है।
    कृपया इसे गंभीरता से लें।
    मैं बस एक साधारण इंसान हूँ जिसे बचना है।
  • ASHWINI KUMAR
    ASHWINI KUMAR 25 अक्तूबर 2024
    अरे ये सब बहुत लंबा लेख है।
    पढ़ने का मन नहीं कर रहा।
    बस ये जानना है कि क्या हुआ।
    कोई सारांश दो।
    या फिर इसे बंद कर दो।
  • vaibhav kapoor
    vaibhav kapoor 26 अक्तूबर 2024
    भारत को अपनी आंखें खोलनी चाहिए।
    ये चीन और रूस का गठबंधन है।
    हमें अमेरिका के साथ जुड़ना चाहिए।
    नहीं तो अगला लक्ष्य हम होंगे।
  • Manish Barua
    Manish Barua 28 अक्तूबर 2024
    bhai ye sab kuchh hota rehta hai...
    ek din koi bata raha hai kuchh hua, dusre din koi kehta hai kuchh nahi hua...
    main sochta hu ki hum log kitna easily panic kar lete hain.
    jab tak official confirmation nahi aati, tab tak kuchh bhi nahi hua.
    aur agar kuchh hua bhi hai toh kya kar sakte hain hum?
    bas sochne ki koshish karte hain ki kaise hum apne ghar ke andar bhi peace rakh sakte hain.
  • Abhishek saw
    Abhishek saw 29 अक्तूबर 2024
    इस मुद्दे को लेकर वैश्विक समुदाय को एक साथ आकर बातचीत करनी चाहिए।
    हिंसा या डर के आधार पर निर्णय नहीं लेने चाहिए।
    संवाद ही एकमात्र रास्ता है।
    किसी भी देश के सैनिकों की तैनाती के बारे में बिना साक्ष्य के आरोप लगाना गलत है।
    यह विश्वासघात की ओर ले जाता है।
    हमें शांति की ओर बढ़ना चाहिए, न कि तनाव की ओर।
एक टिप्पणी लिखें
कृपया वैध नाम दर्ज करें!
कृपया वैध ईमेल दर्ज़ करें!