स्मृति ईरानी के प्रति अपशब्दों से बचें: राहुल गांधी की अपील

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स्मृति ईरानी के प्रति अपशब्दों से बचें: राहुल गांधी की अपील

स्मृति ईरानी के प्रति अपशब्दों से बचें: राहुल गांधी की अपील

  • Ratna Muslimah
  • 13 जुलाई 2024
  • 14

राहुल गांधी, जो कि लोक सभा में प्रतिपक्ष के नेता हैं, ने पार्टी कार्यकर्ताओं और आम जनता से अपील की है कि वे पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के प्रति किसी भी प्रकार की अपमानजनक भाषा का प्रयोग न करें। उनकी यह अपील उस समय आई है, जब हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में ईरानी कांग्रेस के उम्मीदवार किशोरी लाल शर्मा से अमेठी सीट पर हार गई थीं।

राहुल गांधी की इस अपील का मुख्य उद्देश्य सोशल मीडिया पर फैल रही उन टिप्पणियों और मीम्स पर विराम लगाना है, जो ईरानी की हार के बाद वायरल हो रहे हैं। गांधी ने अपने बयान में यह भी कहा कि जीत और हार जीवन का हिस्सा है और किसी का अपमान करना या उन्हें नीचा दिखाना हमारी कमजोरी को दर्शाता है। यह घटना 2019 के आम चुनावों के विपरीत है, जब स्मृति ईरानी ने स्वयं राहुल गांधी को अमेठी से हराया था।

अमेठी, गांधी परिवार का गढ़ मानी जाती है, और यहां से राहुल गांधी का हारना एक बड़े राजनीतिक सर्प्राइज़ था। लेकिन इस बार के चुनाव में हालात बदले और जिसे एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है, उसमें स्मृति ईरानी भारी अंतर से हार गईं। इस घटना के बाद, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कई प्रकार की नकारात्मक टिप्पणियां और मीम्स पोस्ट की जाने लगीं। इन टिप्पणियों का लक्ष्य केवल ईरानी को अपमानित करना था।

गांधी ने अपने बयान में जोर दिया कि राजनीति में विरोध होना स्वाभाविक है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम अपने विरोधियों का अपमान करें। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति का सम्मान होना चाहिए, चाहे वह जीत में हो या हार में। यही सच्ची परिपक्वता और नैतिकता का प्रमाण है। यह बयान उस समय और महत्वपूर्ण हो जाता है, जब भारतीय राजनीति में अक्सर व्यक्तिगत हमले और कटाक्ष का प्रयोग हो रहा है।

गांधी की इस अपील को उनके समर्थकों और विपक्षी दलों ने अलग-अलग नजरिए से देखा है। कुछ लोगों का मानना है कि यह एक सकारात्मक कदम है और राजनीति में स्वस्थ प्रतियोगिता की आवश्यकता है। वहीं, कुछ का मानना है कि यह केवल एक राजनीतिक चाल है, जिससे राहुल गांधी अपनी छवि को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।

सोशल मीडिया पर ऐसी अपमानजनक टिप्पणियों की बढ़ती प्रवृत्ति राजनीति में गहरी दरार को प्रदर्शित करती है। यह आवश्यक है कि राजनेता और उनके समर्थक एक-दूसरे की व्यक्तिगत गरिमा का सम्मान करें और उचित भाषा का प्रयोग करें।

स्मृति ईरानी की प्रतिक्रिया

स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी के बयान पर सीधे कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन उन्होंने अपने समर्थकों से अपील की है कि वे संयम से काम लें और किसी भी प्रकार की अपमानजनक टिप्पणी से बचें। उन्होंने कहा कि राजनीति में हार और जीत होती रहती है और हमें इसे एक खेल की भावना से समझना चाहिए।

क्या कहना है विशेषज्ञों का

क्या कहना है विशेषज्ञों का

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी का यह बयान समयोचित और जरूर है। विवादों और व्यक्तिगत हमलों से अलग, यह संदेश भारतीय राजनीति के लिए एक नया मानक स्थापित कर सकता है। अनेक विशेषज्ञों ने इस बात पर भी जोर दिया कि राजनीति में नैतिकता और शालीनता का होना आवश्यक है।

कुल मिलाकर, इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या राजनीतिक डिस्कोर्स को और अधिक सभ्य और संवेदनशील बनाने की जरूरत है? यदि हां, तो किस प्रकार से? ये प्रश्न न केवल राजनीति में जुड़े लोगों के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी महत्वपूर्ण हैं, जो विकास और सुधार की दिशा में अपनी भूमिका निभा सकते हैं।

लेखक के बारे में
Ratna Muslimah

Ratna Muslimah

लेखक

मैं एक न्यूज विशेषज्ञ हूँ और मैं दैनिक समाचार भारत के बारे में लिखना पसंद करती हूँ। मेरे लेखन में सत्यता और ताजगी को प्रमुखता मिलती है। जनता को महत्वपूर्ण जानकारी देने का मेरा प्रयास रहता है।

टिप्पणि (14)
  • Shriya Prasad
    Shriya Prasad 14 जुलाई 2024

    इतना बड़ा बयान देकर भी कुछ नहीं होगा। लोग तो मज़ाक उड़ा रहे हैं, अब शर्म आ रही है।

  • Balaji T
    Balaji T 16 जुलाई 2024

    अत्यंत असंगठित और अनावश्यक रूप से भावनात्मक अपील। राजनीति में व्यक्तिगत गरिमा की बातें करना एक निरर्थक आदर्शवाद है।

  • Nishu Sharma
    Nishu Sharma 16 जुलाई 2024

    देखो यार इस बार जो हुआ वो बहुत बड़ी बात है क्योंकि अमेठी जैसी जगह जहां गांधी परिवार का नाम बसा हुआ है वहां से राहुल का हारना और फिर स्मृति ईरानी का हारना दो अलग अलग इतिहास की कहानियां हैं एक तो राजनीति में विरासत का अंत और दूसरा एक नए विरोधी का उदय जिसने अपने विचारों से लोगों को जोड़ दिया न कि केवल नाम से नहीं बल्कि विचारों से

  • Shraddha Tomar
    Shraddha Tomar 18 जुलाई 2024

    ye sabhi drama ekdum chill ho gya 😌 जीत हार ka koi matlab hi nahi hai agar hum ek dusre ko respect kare toh sab kuch better hoga… peace out 🌿

  • Priya Kanodia
    Priya Kanodia 19 जुलाई 2024

    यह सब एक ट्रैप है… क्या आपने कभी सोचा कि यह बयान सिर्फ वोट बचाने के लिए है? फेसबुक वाले एल्गोरिथ्म इसे पसंद करेंगे… फिर भी वो लोग जो अपमान कर रहे हैं… वो भी उन्हीं के लोग हैं…

  • Darshan kumawat
    Darshan kumawat 21 जुलाई 2024

    राहुल गांधी का ये बयान? बस एक बड़ा नाटक है। अपनी हार का बदला लेने के लिए नैतिकता का नाम ले रहे हैं।

  • Manjit Kaur
    Manjit Kaur 22 जुलाई 2024

    अपमान नहीं करना चाहिए तो पहले अपने आप को बदलो। जिसने अमेठी छीन ली वो अब नैतिकता की बात कर रहा है? बेवकूफी है।

  • yashwanth raju
    yashwanth raju 23 जुलाई 2024

    अच्छा बयान है… लेकिन ये सब तो बाद में आया। अगर ये तब आता जब ईरानी ने उन्हें हराया था तो अब तक कुछ नहीं बदलता।

  • Aman Upadhyayy
    Aman Upadhyayy 23 जुलाई 2024

    हां भाई ये सब बहुत अच्छा है 😔 लेकिन जब तक हम राजनीति को एक खेल नहीं समझेंगे तब तक ये बातें सिर्फ बातें रहेंगी… जीत हार तो होती ही है लेकिन दिल तो बहुत बड़ा होना चाहिए 🤔

  • ASHWINI KUMAR
    ASHWINI KUMAR 25 जुलाई 2024

    ये सब बयान तो बहुत अच्छे हैं लेकिन जब तक लोग अपने विरोधी को अपमानित करने की आदत नहीं छोड़ेंगे तब तक ये सब बेकार है। राहुल गांधी को अपने खुद के लोगों को समझाना चाहिए।

  • vaibhav kapoor
    vaibhav kapoor 25 जुलाई 2024

    राहुल गांधी का ये नैतिकता का बयान? बस एक बड़ा झूठ है। जिसने देश को तोड़ा वो अब सभ्यता की बात कर रहा है?

  • Manish Barua
    Manish Barua 25 जुलाई 2024

    सच में अगर हम अपने विरोधी को भी इंसान मान लें तो राजनीति बदल जाएगी… ये बस एक छोटा सा कदम है लेकिन इसका असर बहुत बड़ा हो सकता है

  • Abhishek saw
    Abhishek saw 26 जुलाई 2024

    यह बयान एक नए युग की शुरुआत हो सकता है। राजनीति में सम्मान और शालीनता की आवश्यकता है। इसे आगे बढ़ाना हम सबकी जिम्मेदारी है।

  • TARUN BEDI
    TARUN BEDI 27 जुलाई 2024

    यह बयान एक ऐतिहासिक घटना है क्योंकि यह भारतीय राजनीति के इतिहास में पहली बार एक नेता ने अपने विरोधी के प्रति व्यक्तिगत सम्मान की अपील की है जिसने राजनीतिक चर्चा के आधार को बदल दिया है और इसका असर अगली पीढ़ी के राजनेताओं पर पड़ेगा जो अब अपमान के बजाय विचारों के आधार पर बहस करेंगे और इस तरह भारतीय लोकतंत्र का एक नया आदर्श स्थापित होगा

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