मूसी नदी पुनर्जीवन पर रेवंत रेड्डी का केसीआर, केटी रामा राव और हरीश राव पर हमला

घरमूसी नदी पुनर्जीवन पर रेवंत रेड्डी का केसीआर, केटी रामा राव और हरीश राव पर हमला

मूसी नदी पुनर्जीवन पर रेवंत रेड्डी का केसीआर, केटी रामा राव और हरीश राव पर हमला

मूसी नदी पुनर्जीवन पर रेवंत रेड्डी का केसीआर, केटी रामा राव और हरीश राव पर हमला

  • Ratna Muslimah
  • 9 नवंबर 2024
  • 9

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने अपने नवीनतम बयान में राज्य की राजनीति में खलबली मचा दी है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि मूसी नदी पुनर्जीवन परियोजना को लेकर कोई भी बाधा डालने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा। यह बयान उन्होंने एक सार्वजनिक सभा में दिया जब वे मूसी पुनर्जीवन संकल्प पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे थे। पदयात्रा का उद्देश्य नदी के किनारों पर बसी जनता को परियोजना का समर्थन देना और उन्हें जागरूक करना था।

अपने भाषण के दौरान रेवंत रेड्डी ने बीआरएस नेताओं, विशेषकर केसीआर, केटी रामा राव और हरीश राव पर तीखे शब्दों में हमला किया। उन्होंने कहा कि ये नेता परियोजना के नाम पर राजनीति कर रहे हैं और जनता के भले का सोचने के बजाय अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को साध रहे हैं। उन्होंने चुनौती दी कि जो भी इस परियोजना में बाधा डालेगा, उस पर बुलडोजर भी चल सकता है। यह सार्वजनिक बयान अपने आप में बेहद विवादित रहा और राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया।

रेवंत रेड्डी ने विपक्षी दलों द्वारा परियोजना पर उठाए सवालों का भी जवाब दिया। विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार परियोजना की आड़ में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है। इस पर रेड्डी ने कहा कि विपक्ष पहले खुद नदी के पास जाकर वहां की हालत देखे और फिर इस मुद्दे पर बोले। उन्होंने चुनौती दी कि विपक्षी नेता तीन महीने के लिए मूसी नदी के किनारे आकर रहें और वहां की दुर्दशा को खुद महसूस करें। उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष को यह स्थान रहने लायक लगता है, तो वे खुद इस परियोजना को रद्द कर देंगे।

रेवंत रेड्डी का कहना है कि परियोजना का मुख्य उद्देश्य नदी के किनारों पर बसे लोगों के जीवन स्तर को सुधारना और नदी को स्वच्छ बनाना है। उन्होंने विपक्ष को खुला निमंत्रण दिया कि यदि उनके पास कोई रचनात्मक सुझाव है तो वे उसे विशेष विधानसभा सत्र में रखें। यह विशेष सत्र परियोजना के विभिन्न पहलुओं की गहराई से चर्चा के लिए बुलाया जाएगा।

परियोजना पर विवाद सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी तक सीमित नहीं है। यह एक बड़ा सामाजिक और आर्थिक मुद्दा भी है। मूसी नदी के आसपास के क्षेत्र गंदगी और प्रदूषण से ग्रस्त हैं। यहां रहने वाले लोग स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं, और जीवन की मौलिक सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं। परियोजना का उद्देश्य इन समस्याओं को दूर करना है, लेकिन राजनीतिक दलों के बीच आपसी खींचतान से स्थिति जटिल होती जा रही है।

राजनीतिक दलों में गहन मतभेद हैं। एक तरफ सरकार दावा कर रही है कि परियोजना से राज्य का समग्र विकास होगा, वहीं विपक्ष इसे सरकारी खजाने की बर्बादी बता रहा है। जनता के लिए यह समझना मुश्किल हो रहा है कि कौन सही है। ऐसे में मुख्यमंत्री के बयान से आने वाले दिनों में और भी राजनीतिक उथल-पुथल की संभावना है।

इस पूरे विवाद ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मूसी पुनर्जीवन परियोजना केवल एक पर्यावरणीय मुद्दा नहीं है। यह राजनीति, समाज और उनके जीवन स्तर से गहराई से जुड़ा है। अगले कुछ सप्ताह में स्थिति किस दिशा में जाती है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। लेकिन एक बात निश्चित है कि यह विवाद जल्द ही शांत होने वाला नहीं है। तेलंगाना की राजनीति के लिए यह एक लंबे समय तक चर्चित मुद्दा बना रहेगा।

लेखक के बारे में
Ratna Muslimah

Ratna Muslimah

लेखक

मैं एक न्यूज विशेषज्ञ हूँ और मैं दैनिक समाचार भारत के बारे में लिखना पसंद करती हूँ। मेरे लेखन में सत्यता और ताजगी को प्रमुखता मिलती है। जनता को महत्वपूर्ण जानकारी देने का मेरा प्रयास रहता है।

टिप्पणि (9)
  • Vikas Rajpurohit
    Vikas Rajpurohit 9 नवंबर 2024

    ये सब बातें करने से पहले बस एक बार मूसी नदी के किनारे जाओ और देखो कि वहां क्या हालत है 😤🚯 जनता के बच्चे गंदे पानी में खेल रहे हैं, और तुम राजनीति की बातें कर रहे हो? 🤦‍♂️

  • TARUN BEDI
    TARUN BEDI 10 नवंबर 2024

    यहाँ का मुद्दा यह नहीं है कि कौन सरकार है या कौन विपक्ष है - यहाँ का मुद्दा यह है कि हम एक ऐसी सभ्यता के निवासी हैं जो अपनी नदियों को अपने गंदे जीवन के अपशिष्ट का कब्रिस्तान बना रही है। मूसी नदी केवल पानी का बहाव नहीं, बल्कि हमारी सामाजिक निष्ठा का परीक्षण है। जब तक हम अपने अहंकार को नहीं छोड़ेंगे, तब तक कोई बुलडोजर भी इसे बचा नहीं पाएगा। यह एक नैतिक अपराध है, न कि केवल एक पर्यावरणीय समस्या।

  • Shikha Malik
    Shikha Malik 11 नवंबर 2024

    मैं तो बस यही कहना चाहती हूँ कि जब तक ये सब नेता अपने घरों के पीछे की नाली नहीं साफ करेंगे, तब तक मूसी को बचाने की बात करना बहुत मजाक है 😅 और हाँ, रेवंत भाई, तुम्हारा बयान तो बहुत जोशीला लगा, लेकिन अब बस बोलना बंद करो और काम करो 🙏

  • Hari Wiradinata
    Hari Wiradinata 12 नवंबर 2024

    मैं सरकार के इस कदम की सराहना करता हूँ। मूसी नदी की सफाई सिर्फ एक परियोजना नहीं, बल्कि हमारे बच्चों के लिए एक स्वस्थ भविष्य है। अगर कोई इसका विरोध कर रहा है, तो उसे यह समझना चाहिए कि वह अपने बच्चों के लिए बेहतर कुछ चाहता है या सिर्फ अपनी राजनीति के लिए।

  • Leo Ware
    Leo Ware 12 नवंबर 2024

    नदी नहीं, इंसान बदले।

  • Ranjani Sridharan
    Ranjani Sridharan 14 नवंबर 2024

    क्या ये सब बातें असली हैं या बस टीवी पर दिखाने के लिए? मूसी के किनारे जाकर देखो तो पता चलेगा कि जनता को क्या चाहिए... बस एक साफ नाली और एक स्वस्थ जीवन 😔

  • Nandini Rawal
    Nandini Rawal 14 नवंबर 2024

    रेवंत रेड्डी का बयान ठीक है, लेकिन अब बस काम शुरू करो। लोग नहीं बोलना चाहते, वो देखना चाहते हैं।

  • Himanshu Tyagi
    Himanshu Tyagi 15 नवंबर 2024

    मैंने पिछले हफ्ते मूसी के किनारे एक गांव घूमा था। वहां के बच्चे बीमार हैं, पानी में तेल तैर रहा है, और लोगों के पास ड्रेनेज नहीं। ये सब बातें तो बहुत आसानी से बोली जाती हैं, लेकिन जब तुम वहां जाते हो, तो लगता है कि ये देश बहुत दूर चला गया है। अगर सरकार वास्तविक तरीके से काम करे, तो ये परियोजना असली बदलाव ला सकती है।

  • Shailendra Soni
    Shailendra Soni 15 नवंबर 2024

    एक नदी को बचाना है, तो राजनीति को बाहर रखो। बस काम करो।

एक टिप्पणी लिखें
कृपया वैध नाम दर्ज करें!
कृपया वैध ईमेल दर्ज़ करें!