सुल्तानपुर जल निगम अभियंता हत्याकांड: गवाही में देरी से बढ़ी सुनवाई की तारीख

घरसुल्तानपुर जल निगम अभियंता हत्याकांड: गवाही में देरी से बढ़ी सुनवाई की तारीख

सुल्तानपुर जल निगम अभियंता हत्याकांड: गवाही में देरी से बढ़ी सुनवाई की तारीख

सुल्तानपुर जल निगम अभियंता हत्याकांड: गवाही में देरी से बढ़ी सुनवाई की तारीख

  • Ratna Muslimah
  • 21 अप्रैल 2025
  • 20

सुल्तानपुर में जल निगम अभियंता हत्या मामला: गवाही टलने से न्याय प्रक्रिया प्रभावित

यूपी के सुल्तानपुर में जल निगम (ग्रामीण) के कार्यकारी अभियंता संतोष कुमार की हत्या को लेकर चल रही आपराधिक सुनवाई एक बार फिर से चर्चा में है। हत्या की यह वारदात अगस्त 2024 की एक रात घटी थी, जब संतोष कुमार अपने किराए के मकान पर मौजूद थे। हमलावरों ने उन्हें बेरहमी से मारकर गला दबाया, और जब तक ड्राइवर संदीप वापस लौटे, अभियंता की हालत गंभीर हो चुकी थी। पुलिस जांच में सामने आया कि संदीप को जानबूझकर किसी बहाने बाहर भेजा गया था।

इस केस में असिस्टेंट इंजीनियर अमित कुमार शाह और प्रदीप राम को मुख्य आरोपी बनाया गया है, जो अभी तक जेल में हैं। प्रकरण के केंद्र में जल जीवन मिशन से जुड़े ठेका एजेंसी पर बनी 250 पन्नों की चार्जशीट है, जिसको तैयार करने में संतोष कुमार की अहम भूमिका थी। संतोष कुमार के भाई संजय ने बाकायदा एफआईआर दर्ज करवाई, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि चार्जशीट के चलते आंतरिक रंजिश और बदले की भावना से खोज-खबर ली गई और फिर हत्या की गई।

हाल ही में अदालत में एक और महत्वपूर्ण गवाही होनी थी, लेकिन साक्षियों के न पहुंचने के चलते कार्यवाही 25 अप्रैल 2025 तक टाल दी गई। बीते सुनवाई में सरकारी गवाह चौकीदार भगौती प्रसाद की जिरह पूरी हो चुकी है, जिस पर बचाव पक्ष के वकील संतोष पांडे ने सवाल-जवाब किए। अब अदालत ने अन्य साक्षियों को अगली सुनवाई के लिए बुलाया है ताकि घटना की कड़ी जोड़ी जा सके।

जांच में फॉरेंसिक साक्ष्य, जल निगम कर्मचारियों की भूमिका और विभागीय राजनीति

जांच में फॉरेंसिक साक्ष्य, जल निगम कर्मचारियों की भूमिका और विभागीय राजनीति

पुलिस जांच के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। घटनास्थल से निकलने वाले फॉरेंसिक सबूत, पानी में भीगे कपड़े, गला दबाने के चिह्न और कमरे की अव्यवस्था—हर चीज़ ने एक गंभीर साजिश की ओर इशारा किया। पुलिस ने जल निगम के कई कर्मचारियों से पूछताछ की और उनके बयान दर्ज किए, जिससे यह साफ हो गया कि विभाग में लंबे समय से तनाव चल रहा था।

मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अभियोजन पक्ष संतोष कुमार के ड्राइवर संदीप की गवाही को खास मान रहा है, जो वारदात के वक्त मौजूद नहीं थे। उनकी ओर से दर्ज बयान और घटनास्थल की फॉरेंसिक रिपोर्ट, साथ ही अभियंता के मोबाइल व गतिविधियों की जांच ने केस की नींव मजबूत की है।

  • अदालत ने गवाहों के समय से न पहुंचने पर सख्त रुख अपनाया है।
  • जांच के दौरान विभागीय राजनीति व व्यक्तिगत रंजिशों की भी चर्चाएं गर्म हैं।
  • प्रमुख गवाहों की कमी और साक्ष्यों की पुष्टि अभी भी लंबित है।

अब देखने वाली बात यही है कि अगली सुनवाई में कौन-कौन से गवाह सामने आते हैं और विभाग के अंदर की यह कलह किस मोड़ पर जाकर खत्म होती है। अक्सर सरकारी विभागों में आंतरिक राजनीति विवाद का कारण बनती रही है, मगर हत्याकांड तक मामला जाना हर किसी को हैरान कर गया है। वक्त ही बताएगा इस केस का आगे क्या हश्र होता है, लेकिन इस बहुचर्चित जल निगम हत्या केस की हर छोटी-बड़ी अपडेट स्थानीय लोगों से लेकर पूरे प्रदेश के अफसरों की नजर में है।

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Ratna Muslimah

Ratna Muslimah

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मैं एक न्यूज विशेषज्ञ हूँ और मैं दैनिक समाचार भारत के बारे में लिखना पसंद करती हूँ। मेरे लेखन में सत्यता और ताजगी को प्रमुखता मिलती है। जनता को महत्वपूर्ण जानकारी देने का मेरा प्रयास रहता है।

टिप्पणि (20)
  • Shraddha Tomar
    Shraddha Tomar 23 अप्रैल 2025

    ये मामला सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की लापरवाही का प्रतीक है। जब एक इंजीनियर अपने जिम्मेदारी के लिए सच बोलता है, तो उसकी जान ले ली जाती है... ये देश का नियम है? अगर हम ईमानदारी को मार रहे हैं, तो आगे क्या बचा है? 🤔

  • Priya Kanodia
    Priya Kanodia 23 अप्रैल 2025

    ये सब एक बड़ा षड्यंत्र है... जल निगम के ऊपरी अधिकारी अपने लिए एक बल्कि बड़ा फैक्टर बनाना चाहते हैं... आरोपी बस बल्ले के लिए बनाए गए हैं... फॉरेंसिक रिपोर्ट भी फर्जी हो सकती है... अगर आप इसे गहराई से देखें, तो सब कुछ फिट हो जाता है... वो ड्राइवर... वो भगौती प्रसाद... सब बनाए गए हैं... 😳

  • Darshan kumawat
    Darshan kumawat 23 अप्रैल 2025

    अरे भाई, ये तो बस एक और ब्यूरोक्रेटिक मर्डर है। इंजीनियर की जान गई? अच्छा। अब अगले दिन कोई और आ जाएगा। सरकारी नौकरी में जान देना नॉर्मल हो गया है।

  • Manjit Kaur
    Manjit Kaur 24 अप्रैल 2025

    बस एक इंजीनियर मर गया और तुम ये सब बना रहे हो? ये देश में रोज 10 लोग मरते हैं। इसे बड़ा मामला बनाने की कोशिश मत करो।

  • yashwanth raju
    yashwanth raju 24 अप्रैल 2025

    अरे यार, ये तो सिर्फ एक आंतरिक झगड़ा है जो बहुत बड़ा हो गया। अगर इंजीनियर ने चार्जशीट नहीं बनाई होती, तो ये होता ही नहीं। अब जो लोग बच गए हैं, वो अपनी गर्दन बचाने में जुट गए हैं। इंसान बनना बंद कर दो, बस एक नौकरी करो।

  • Aman Upadhyayy
    Aman Upadhyayy 25 अप्रैल 2025

    ये बात तो बहुत गहरी है... जब तक लोग अपनी नौकरी के लिए दूसरों को नहीं मारेंगे, तब तक ये देश नहीं बदलेगा... ये सब एक बड़ी ब्यूरोक्रेसी का नतीजा है... जिसमें इंसान नहीं, फाइलें राज करती हैं... अगर एक इंजीनियर की जान ले ली गई तो क्या आप सोचते हैं कि वो बदल जाएगा? नहीं... ये तो अब बहुत बड़ा बार्डर हो चुका है... 😔

  • ASHWINI KUMAR
    ASHWINI KUMAR 27 अप्रैल 2025

    अच्छा हुआ जो ये हुआ... अगर वो इंजीनियर ने चार्जशीट नहीं बनाई होती, तो आज भी वो लोग अपनी जेब भर रहे होते। अब बस एक लाश बढ़ गई। बाकी सब वैसे ही चल रहा है।

  • vaibhav kapoor
    vaibhav kapoor 28 अप्रैल 2025

    हमारे देश में जो लोग अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं, उन्हें मार दिया जाता है। ये देश नहीं, एक अंधेरा गुम्बद है। अगर ये न्याय नहीं हुआ तो ये देश बर्बाद हो जाएगा।

  • Manish Barua
    Manish Barua 29 अप्रैल 2025

    मैं सुल्तानपुर का रहने वाला हूँ... ये इंजीनियर बहुत अच्छा इंसान था... हमारे गाँव में पानी की समस्या को सुलझाने के लिए वो रात भर जागता था... अब लोग डर रहे हैं... कोई भी बोलने की हिम्मत नहीं कर रहा... ये बहुत दुखद है...

  • Abhishek saw
    Abhishek saw 30 अप्रैल 2025

    इस मामले में न्याय की गारंटी नहीं है। गवाह नहीं आ रहे हैं। अगर ये जारी रहा तो ये देश के लिए एक बड़ा शॉक होगा। न्याय तेजी से होना चाहिए।

  • TARUN BEDI
    TARUN BEDI 1 मई 2025

    एक इंजीनियर की हत्या के बाद जो लोग इसे नजरअंदाज कर रहे हैं, वो अपनी नौकरी के लिए अपने आप को नहीं बचा रहे हैं... वो अपनी आत्मा को बेच रहे हैं... ये देश जिस दिन इंसान की जान को अहमियत देगा, उस दिन वो बदलेगा... अब तक तो सिर्फ फाइलें चल रही हैं...

  • Shikha Malik
    Shikha Malik 2 मई 2025

    तुम सब ये क्यों बना रहे हो? ये तो बस एक और ब्यूरोक्रेटिक मर्डर है... अगर वो इंजीनियर ने चार्जशीट नहीं बनाई होती, तो अब तक वो जिंदा होता... लेकिन अब वो मर गया... तो फिर? अब नया इंजीनियर आ जाएगा... और वो भी वैसे ही काम करेगा... ये देश बदलेगा नहीं... 😏

  • Hari Wiradinata
    Hari Wiradinata 2 मई 2025

    इस तरह के मामलों में सबसे जरूरी है गवाहों की सुरक्षा। अगर गवाह डर गए, तो न्याय असंभव है। सरकार को तुरंत गवाह सुरक्षा कार्यक्रम लागू करना चाहिए।

  • Leo Ware
    Leo Ware 4 मई 2025

    इंजीनियर की जान गई, लेकिन उसकी आवाज़ अभी भी बाकी है। जब तक लोग उसके लिए बोलते रहेंगे, तब तक उसकी आत्मा जिंदा रहेगी। ये बस एक शुरुआत है।

  • Ranjani Sridharan
    Ranjani Sridharan 5 मई 2025

    क्या तुमने देखा कि उस ड्राइवर का बयान कितना अजीब है? वो बाहर क्यों गया? क्या वो भी इसमें शामिल था? और भगौती प्रसाद... वो तो बस एक चौकीदार है... ये सब बनाया गया है... तुम सब ये नहीं समझ रहे...

  • Vikas Rajpurohit
    Vikas Rajpurohit 5 मई 2025

    ये तो बस एक बड़ा धोखा है!!! 😱 जल निगम के ऊपरी अधिकारी अपने लिए बचने के लिए इंजीनियर को मार रहे हैं!!! ये बस एक शुरुआत है... अगले दिन तुम भी गायब हो जाओगे!!!

  • Nandini Rawal
    Nandini Rawal 7 मई 2025

    गवाह नहीं आ रहे हैं? तो अदालत को उनकी सुरक्षा का इंतजाम करना चाहिए। न्याय के लिए डर नहीं होना चाहिए।

  • Himanshu Tyagi
    Himanshu Tyagi 7 मई 2025

    इस मामले में फॉरेंसिक रिपोर्ट और मोबाइल डेटा अहम हैं। अगर ड्राइवर का बयान और उसकी जगह के डेटा को मिलाया जाए, तो असली आरोपी सामने आ जाएंगे। बस जांच ठीक से करो।

  • Shailendra Soni
    Shailendra Soni 8 मई 2025

    ये बात सुनकर लगता है जैसे कोई बड़ा फिल्म स्क्रिप्ट हो... लेकिन ये असली है... और असली बात ये है कि ये देश इसे भूल जाएगा...

  • Sujit Ghosh
    Sujit Ghosh 9 मई 2025

    हमारे देश में अगर कोई बर्ताव करे तो उसे मार दिया जाता है... ये देश हमेशा ऐसा ही रहेगा... बस ये एक और लाश है... अब तो ये नॉर्मल हो गया है...

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