क्या आप जानते हैं कि RBI के पूर्व गवर्नर शकटिकांत दास अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य सलाहकार बने हैं? इस बदलाव ने कई सवाल उठाए हैं। चलिए, इस नियुक्ति के पीछे की वजह और इसका देश पर असर समझते हैं।
दास ने 2018 से RBI के गवर्नर के तौर पर काम किया। उनके तहत बैंकिंग सेक्टर में कई सुधार हुए, जैसे डिजिटल लेन‑देने को आसान बनाना और एटीएम नेटवर्क बढ़ाना। उन्होंने कोविड‑19 के दौरान वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाई। अब वही अनुभव मोदी सरकार को मिलने वाला है।
रोज़गार, महँगी या कीमतों की नीति, ये सब चीजें उनके हाथों में आएंगी। क्योंकि प्रमुख सचिव का काम नीतियों को तैयार करना और उन्हें लागू करवाना होता है। दास की आर्थिक समझ से नीति‑निर्माण तेज़ हो सकता है।
प्रधान मंत्री के प्रमुख सचिव के तौर पर दास सीधे मोदी जी से बात करेंगे, सुझाव देंगे और निर्णयों को त्वरित करेंगे। इससे क्या होगा? वित्तीय बजट में बदलाव तेज़ हो सकते हैं, कर नीति में नई सोच आ सकती है, और विदेशी निवेश को आकर्षित करने वाले कदम जल्दी उठाए जा सकते हैं।
उदाहरण के तौर पर अगर महंगाई बढ़ रही है, तो दास मौद्रिक टूल्स जैसे ब्याज दरें या रिज़र्व रेशियो बदलने की सलाह दे सकते हैं। इससे आम जनता को सीधे फायदा होगा – कीमतों में कमी और बचत पर बेहतर रिटर्न।
एक और सवाल अक्सर उठता है: क्या यह नियुक्ति राजनीति से दूर रहेगी? दास का प्रोफ़ाइल बहुत तकनीकी है, इसलिए उनका फोकस आंकड़े‑आधारित रहेगा। लेकिन किसी भी निर्णय में राजनैतिक विचार जरूर शामिल होते हैं, तो कुछ समझौते की संभावना बनी रहती है।
अगर आप छात्र या नौकरी खोज रहे हों, तो इस बदलाव का मतलब क्या हो सकता है? नई आर्थिक नीतियों के चलते स्टार्ट‑अप्स को फंडिंग मिल सकती है, और रोजगार के नए अवसर पैदा हो सकते हैं। इसलिए इस खबर पर नजर रखना आपके लिए फायदेमंद रहेगा।
आख़िर में, दास की नियुक्ति से यह स्पष्ट होता है कि मोदी सरकार आर्थिक विशेषज्ञों को नीति‑निर्माण में ज्यादा जगह दे रही है। इससे भारत के विकास की गति तेज़ हो सकती है। अब हमें देखना होगा कि इस टीम का काम कैसे दिखता है और क्या यह वास्तविक बदलाव लाता है।
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आरबीआई के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री मोदी के प्रमुख सचिव-2 के रूप में नियुक्त किया गया है। यह भूमिका उनके वित्तीय और मौद्रिक नीति में विशेषज्ञता को देखते हुए बनाई गई है। उनका चुनाव 2016 के नोटबंदी और कोविड-19 महामारी जैसे महत्वपूर्ण आर्थिक घटनाओं के प्रबंधन के अनुभव पर आधारित है। दास का करियर वित्त मंत्रालय और आरबीआई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है। (आगे पढ़ें)