स्वास्थ्य विभाग – आपके सवालों के जवाब

आपने कभी सोचा है कि सरकार का स्वास्थ्य विभाग असल में क्या करता है? बहुत लोग सिर्फ़ अस्पताल या दवाई की बात सुनते हैं, पर असली काम तो लोगों को बीमारियों से बचाना, इलाज आसान बनाना और हेल्थ‑केयर को डिजिटल बनाना है। इस लेख में हम साफ़-साधा भाषा में बताएँगे कि विभाग कौन‑सी सेवाएँ देता है, नई योजनाएँ क्या हैं और आप इनका फायदा कैसे उठा सकते हैं।

मुख्य कार्य और सेवाएँ

स्वास्थ्य विभाग के तीन बड़े काम होते हैं – रोग नियंत्रण, स्वास्थ्य सुविधा का विस्तार और जागरूकता बढ़ाना। पहला, रोग नियंत्रण में डेंगू, एनीमिया या COVID‑19 जैसे बीमारियों की निगरानी और रोकथाम शामिल है। सरकार हर साल अलर्ट जारी करती है और मच्छरों को मारने के लिए स्प्रे अभियान चलाती है। दूसरा, सुविधा का विस्तार मतलब गाँव‑गाँव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलना, सड़कों पर मोबाइल क्लिनिक लाना और ग्रामीण इलाकों में डॉक्टर की उपलब्धता बढ़ाना। तीसरा, जागरूकता में स्कूल‑कोलleges में हेल्थ कैंप लगाना, टीवी‑रेडियो पर एंटी‑टैबैक विज्ञापन चलाना और सोशल मीडिया पर सही जानकारी देना शामिल है।

इन सबके अलावा विभाग ने हाल ही में ‘आरोग्य मोबाइल’ लांच किया है – एक ऐप जहाँ आप ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं, टेस्ट रिपोर्ट देख सकते हैं और डॉक्टर से चैट भी कर सकते हैं। अगर आप छोटे शहर या गांव में रहते हैं तो यह सुविधा काफी काम आती है; बस फोन पर कुछ टैप्स और आपका हेल्थ रिकॉर्ड हमेशा आपके पास रहता है।

कैसे प्राप्त करें डिजिटल हेल्थ सुविधाएँ

डिजिटल हेल्थ सेवाओं को इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले आपको आयुर्वेद पोर्टल या माय हेल्थ कार्ड में रजिस्टर करना होगा। प्रक्रिया सरल है – मोबाइल नंबर, आधार और कुछ बुनियादी जानकारी भरें, फिर OTP से वेरिफ़ाई करें। एक बार अकाउंट बन गया तो आप ऑनलाइन फॉर्म के जरिए अस्पताल में पंजीकरण कर सकते हैं, डॉक्टर की उपलब्धता देख सकते हैं और अपने उपचार का इतिहास भी ट्रैक कर सकते हैं।

यदि आपको कोई दवा चाहिए या टेस्ट बुक करनी है, तो ऐप पर ‘ड्रग स्टोर’ सेक्शन खोलें। वहाँ आप प्रिस्क्रिप्शन अपलोड करके निकटतम फार्मेसी से घर तक डिलीवरी का विकल्प चुन सकते हैं। कई बार यह सुविधा आपके इलाज को तेज़ बनाती है, खासकर जब आपको तुरंत दवा चाहिए होती है।

एक बात और ध्यान देने लायक है – स्वास्थ्य विभाग ने ‘डिजिटल हेल्थ कार्ड’ लॉन्च किया है जिसमें आपका रक्त समूह, एलर्जी की जानकारी और पिछले बीमारियों का रिकॉर्ड रहता है। यह कार्ड आप अपने डॉक्टर को दिखा सकते हैं या इमरजेंसी में एम्बुलेंस के साथ भेज सकते हैं; इससे इलाज जल्दी शुरू हो जाता है।

आखिर में ये कहना चाहूँगा कि स्वास्थ्य विभाग सिर्फ़ बड़े अस्पतालों तक सीमित नहीं रहा। अब हर गाँव, हर शहर और यहाँ तक कि आपके मोबाइल में ही हेल्थ सेवाएँ पहुँच रही हैं। यदि आप अभी तक इन डिजिटल सुविधाओं का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं तो एक बार कोशिश करें – यह आपका समय बचाएगा, पैसा बचेगा और स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा।

गुजरात में संदिग्ध चांदीपुरा वायरस से छह बच्चों की मौत, स्वास्थ्य विभाग सतर्क

के द्वारा प्रकाशित किया गया Ratna Muslimah पर 16 जुल॰ 2024

जुलाई 10 से अबतक गुजरात में छह बच्चों की संदिग्ध चांदीपुरा वायरस के कारण मौत हो गई है। कुल 12 मामले दर्ज किए गए हैं। यह वायरस ज्यादातर बुखार और तीव्र मस्तिष्कजनित शूल पैदा करता है और मच्छरों, टिकों और सैंड फ्लाई के जरिए फैलता है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने पुष्टि की है कि मरीजों के नमूने पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजे गए हैं। (आगे पढ़ें)