कभी ऐसा लगा है कि आपके कंप्यूटर या फ़ोन में कुछ अजीब चल रहा है, लेकिन आप समझ नहीं पा रहे कि वो क्यों? अक्सर यह "संदिग्ध वायरस" की वजह से होता है। ये मालवेयर छोटे‑छोटे फाइलों के रूप में छिपते हैं और बिना बताए डेटा चोरी, सिस्टम स्लोडाउन या पॉप‑अप विज्ञापन दिखा सकते हैं। इसलिए हर महीने नई रिपोर्टें आती रहती हैं—जैसे हाल ही में एक रैनसमवेयर ने कई सरकारी साइटों को बंद कर दिया था।
पहचान आसान है अगर आप इन संकेतों पर ध्यान दें:
इनमें से कोई भी संकेत दिखे तो तुरंत एंटीवायरस स्कैन चलाएँ। कई मुफ्त टूल्स भी भरोसेमंद होते हैं, लेकिन प्रीमियम सॉफ़्टवेयर ज्यादा अपडेटेड डेटाबेस रखता है।
1. एंटीवायरस को हमेशा अपडेट रखें: वायरस लगातार बदलते हैं, इसलिए एंटीवायरस का नवीनतम वर्शन आपके डिवाइस को नई धमकियों से बचाता है।
2. सॉफ़्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम को समय‑समय पर अपग्रेड करें: अपडेट में अक्सर सुरक्षा पैच शामिल होते हैं जो ज्ञात खामियों को बंद कर देते हैं।
3. संशयास्पद ईमेल अटैचमेंट या लिंक न खोलें: फिशिंग बहुत आम है, खासकर जब फ़ाइल .exe, .zip या .scr एक्स्टेंशन में हो। अगरSender भरोसेमंद नहीं लगता तो तुरंत डिलीट कर दें।
4. डेटा बैक‑अप रखें: क्लाउड या बाहरी हार्ड ड्राइव पर नियमित बैकअप रखने से रैनसमवेयर द्वारा एन्क्रिप्टेड फाइलों को पुनः प्राप्त किया जा सकता है।
5. सुरक्षित ब्राउज़िंग आदतें अपनाएँ: अज्ञात वेबसाइट्स पर जाकर फ्री सॉफ़्टवेयर डाउनलोड करने से बचें, और हमेशा HTTPS वाले साइट्स का उपयोग करें।
इन कदमों को रोज़ाना लागू करने से आप "संदिग्ध वायरस" की परेशानियों से काफी हद तक दूर रहेंगे। याद रखें, सुरक्षा एक बार की प्रक्रिया नहीं, बल्कि निरंतर सतर्कता है। अगर अभी भी समस्या बनी रहे तो प्रोफ़ेशनल आईटी सपोर्ट से संपर्क करें—वे अक्सर लॉग फ़ाइलों का विश्लेषण करके मूल कारण निकालते हैं।
अंत में, नया वायरस आए या पुराना फिर से सक्रिय हो, आपके पास सही जानकारी और त्वरित कार्रवाई की क्षमता होना सबसे बड़ा बचाव है। तो अगली बार जब आपका कंप्यूटर अजीब व्यवहार करे, ऊपर बताए गए संकेतों को याद रखें और तुरंत कदम उठाएँ।
जुलाई 10 से अबतक गुजरात में छह बच्चों की संदिग्ध चांदीपुरा वायरस के कारण मौत हो गई है। कुल 12 मामले दर्ज किए गए हैं। यह वायरस ज्यादातर बुखार और तीव्र मस्तिष्कजनित शूल पैदा करता है और मच्छरों, टिकों और सैंड फ्लाई के जरिए फैलता है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने पुष्टि की है कि मरीजों के नमूने पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजे गए हैं। (आगे पढ़ें)