हर दिन महिला सशक्तिकरण से जुड़ी नई खबरें आती हैं। कभी सरकार की नई योजना, तो कभी समाज में छोटी‑छोटी जीत. आप भी अगर इस बदलते माहौल को समझना चाहते हैं, तो पढ़िए आगे.
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में एक मामले पर सवाल उठाए हैं जहाँ महिलाओँ को ‘सन्यास’ के रास्ते दबाव बनाया जा रहा है। यह मामला हमें बताता है कि कानूनी मदद कितनी ज़रूरी है और कैसे सामाजिक सोच बदलना चाहिए. दूसरी तरफ, सरकार ने 2000 रुपये से कम UPI लेन‑देन पर GST हटाने की घोषणा की है। यह कदम डिजिटल भुगतान को आसान बनाकर महिलाओं के आर्थिक स्वतंत्रता में योगदान देगा.
शिक्षा क्षेत्र में भी कई सकारात्मक परिवर्तन हो रहे हैं। विभिन्न राज्य बोर्डों ने अब डिजिटल मार्कशीट जारी करने का प्रबंध किया है, जिससे लड़कियों को परीक्षा परिणाम जल्दी मिलते हैं और वे आगे की पढ़ाई या नौकरी की तैयारी कर पाती हैं. इसी तरह, राष्ट्रीय स्तर पर महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कई फंडिंग योजनाएं शुरू हुई हैं। ये सब छोटे‑छोटे कदम बड़े बदलाव का आधार बनाते हैं.
समाचार पढ़ने से ही नहीं, हमें अपने रोज़मर्रा के कामों में भी सशक्तिकरण को जोड़ना चाहिए. घर में खर्चा बजट बनाने में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाएं। बैंक अकाउंट खुलवाते समय उन्हें पूरी जानकारी दें और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कैसे करें, यह समझाएँ.
कामकाजी जीवन में यदि आप कंपनी में हैं तो महिला कर्मचारियों के लिए लचीले घंटे या रिमोट वर्क का विकल्प पेश करने की कोशिश कर सकते हैं। छोटे‑बड़े संगठनों को चाहिए कि वे महिलाओं के नेतृत्व को प्रोत्साहित करें, जैसे टीम लीडर या प्रोजेक्ट मैनेजर बनाना.
समुदाय में भी पहल आसान है. पड़ोस की महिला समूहों के साथ मिलकर स्वास्थ्य जांच कैंप, स्किल ट्रेनिंग वर्कशॉप आयोजित कर सकते हैं। ऐसे इवेंट्स से महिलाओं को नई क्षमताएं सीखने का मौका मिलता है और उनका आत्मविश्वास बढ़ता है.
अंत में यह समझना जरूरी है कि सशक्तिकरण सिर्फ आर्थिक स्वतंत्रता नहीं, बल्कि सामाजिक सम्मान, शिक्षा और स्वास्थ्य भी शामिल हैं. जब आप इन चारों पहलुओं पर काम करेंगे तो महिला सशक्तिकरण की राह आसान हो जाएगी.
तो अगली बार जब आप कोई नई खबर पढ़ें, तो सोचिए कि वह आपके आसपास के लोगों के जीवन में क्या बदलाव ला सकती है. छोटे‑छोटे कदम मिलकर बड़े परिवर्तन बनते हैं.
बॉलीवुड की लोकप्रिय अभिनेत्री Tabu ने अपनी लग्जरी लाइफस्टाइल के पीछे छुपे निवेश के राज़ खोले हैं। मुंबई, हैदराबाद और गोवा में करोड़ों की प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट करके उन्होंने ना सिर्फ आर्थिक आज़ादी हासिल की बल्कि महिला सशक्तिकरण की मिसाल भी पेश की। अपने निजी फाइनेंस को हमेशा गोपनीय रखा। (आगे पढ़ें)