कोफ़ी का इतिहास: एक कप में सदीयों का सफ़र

जब आप सुबह की पहली चुस्की लेते हैं तो शायद नहीं सोचते कि आपके हाथ में एक ऐसी ड्रिंक है जो सातों महाद्वीपों को जोड़ती रही। चलिए, कॉफी के जड़ें देखेंगे और समझेंगे कैसे यह बीज से शुरू होकर आज हर घर का हिस्सा बन गया।

अफ़्रीका की पहाड़ी पर जन्म

कॉफी की कहानी इथियोपिया में 9वीं सदी तक पहुंचती है। कहा जाता है कि एक बकरा चरवाहे ने देखािया कि उसके झुंड को कुछ लाल-भूरे बेरी खाने के बाद बहुत ऊर्जा मिल रही थी। धीरे‑धीरे इस बीज से चाय जैसी पेय बनानी शुरू हुई और स्थानीय लोग इसे ‘कोह्ल’ कहते थे। समय के साथ यमन, सऊदी अरब और इरान में यह रिवाज फैल गया, जहाँ कफ़ी को तुर्की शैली में उबाला जाता था।

दुनिया भर में फैंसी ट्रैवल

अरे भाई, यहाँ तक कि 16वीं सदी में यूरोपियों ने भी कॉफी की खुशबू पर ध्यान दिया। वेनिस और वियना जैसे बंदरगाह शहरों में व्यापारी इसे लाते थे और जल्दी ही कफ़े खोल दिए। पेरिस की “कफ़े दै फ़्रांस” से लेकर लंदन के “हॉस्पिटैलिटी हाउस” तक, कॉफी ने लोगों को मिलने‑जुड़ने का नया जगह दिया। इस दौरान कई राजनीतिक चर्चा, साहित्यिक बहस और यहाँ तक कि बंड भी इसी कफ़े में हुईं।

भारत में कॉफी की कहानी

जब ब्रिटिश राज आया तो उन्होंने चाय को प्रमुख पेय बना दिया, पर 17वीं सदी के अंत में पुर्तगालियों ने कोष्म्बा (वर्तमान कर्नाटक) के हिल्स से कॉफी बागान लाए। सबसे पहले बोस्निया और बेंगलुरु के पास छोटे‑छोटे खेतों में रोपण हुआ, फिर 19वीं सदी में कैलिफ़ोर्निया और तमिलनाडू की पहाड़ियों में बड़े‑बड़े बागान बन गए। कोफ़ी का भारत में सबसे बड़ा योगदान है ‘अर्लिगेटा’—एक किस्म जो आज भी विश्व स्तर पर लोकप्रिय है।

आधुनिक कॉफी ट्रेंड्स

आज की युवाओं के लिए कॉफी सिर्फ जागरण नहीं, बल्कि लाइफ़स्टाइल बन गई है। एस्प्रेसो शॉट, लैटे आर्ट, कोल्ड ब्रू—इन सभी में छोटे‑छोटे फॉर्मुलेशन होते हैं जो स्वाद को अलग‑अलग बनाते हैं। भारत में कई शहरों में ‘क्लाउड किचन’ मॉडल से घर पर ही बारिस्ता जैसी ड्रिंक्स मिलती हैं। साथ ही, स्थायी बागान और फ़ेयर‑ट्रेड का चलन भी बढ़ रहा है, जिससे किसान को उचित कीमत मिल रही है।

तो अगली बार जब आप कॉफी की चुस्की लेंगे तो याद रखिए—इसमें अफ्रीका के पहाड़ों से लेकर भारत की धुंधली हवाओं तक कई कहानियां छुपी हैं। एक कप में सदीयों का सफ़र, और आपके हाथों में बस एक साधारण बीन नहीं, बल्कि संस्कृति, व्यापार, और दोस्ती की कहानी है।

भारत में कॉफी का इतिहास और इसकी बढ़ती लोकप्रियता

के द्वारा प्रकाशित किया गया Ratna Muslimah पर 2 अक्तू॰ 2024

कॉफी के प्रेरणादायक गुणों के कारण यह दुनिया भर में लोकप्रिय हो चुकी है। भारत में भी इसकी लोकप्रियता समय के साथ बढ़ी है।この記事 कॉफी के इतिहास और कैसे यह भारत में लोकप्रिय हुआ इसमें विस्तृत विवरण देता है। इसकी शुरुआत इथियोपिया से हुई और विभिन्न घटनाओं के माध्यम से यह भारत के दक्षिणी राज्यों में अपना स्थान बना लिया। (आगे पढ़ें)