जब आप इंटरिम डिविडेंड, वित्तीय वर्ष के मध्य में जारी किया गया अस्थायी लाभांश. इसे कभी‑कभी अस्थायी डिविडेंड कहा जाता है, यह लाभांश का एक रूप है जो कंपनी द्वारा शेयरधारकों को दी जाती है। इस भुगतान पर आयकर वहन करना पड़ता है, इसलिए निवेशकों को पहले से योजना बनानी चाहिए।
इंटरिम डिविडेंड जारी करने के लिए कंपनी लाभांश नीति निर्धारित करती है – यह नीति कंपनी की वित्तीय रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से दर्शायी जाती है। नीति के अनुसार, जब कंपनी के पास अतिरिक्त नकदी प्रवाह होता है और वार्षिक डिविडेंड की घोषणा अभी शेष रहती है, तो अंतरिम रूप से भुगतान किया जा सकता है। शेयरधारक इस चरण में दो लाभ देखते हैं: प्रथम, उन्हें जल्दी नकदी मिलती है; द्वितीय, यह कंपनी के मौजूदा लाभप्रदता में विश्वास दर्शाता है। स्टॉक मार्केट में यह समाचार अक्सर शेयर कीमतों को सकारात्मक दिशा देता है, क्योंकि निवेशकों को लगता है कि कंपनी अपना नकदी प्रबंधन बेहतर कर रही है। सेबी (SEBI) की गाइडलाइन के अनुसार, इंटरिम डिविडेंड की घोषणा और भुगतान में पारदर्शिता अनिवार्य है। कंपनियों को ईचर्रिंग डिविडेंड इन्टर्नल रेटिंग और भविष्य के डिविडेंड योजना का संकेत देना चाहिए, ताकि शेयरधारक उचित निर्णय ले सकें। यह नियम निवेशकों को अधिव्यय जोखिम से बचाता है और बाजार में भरोसा बनाता है। जब आयकर की बात आती है, तो इंटरिम डिविडेंड पर टैक्स डीडक्टेड एट सोर्स (TDS) लागू होता है, जो कंपनी द्वारा ही रोका जाता है। इस टैक्स की दर अक्सर सामान्य डिविडेंड की तुलना में समान रहती है, परंतु दो बार कटौती से बचने के लिए साल‑अंत में कर रिटर्न में समायोजन आवश्यक होता है। इस कारण, शेयरधारकों को अपने पोर्टफोलियो में आयकर की गणना के साथ इंटरिम डिविडेंड को भी शामिल करना चाहिए। डिविडेंड यील्ड की गणना में इंटरिम डिविडेंड की भूमिका अनदेखी नहीं की जा सकती। यील्ड = (वार्षिक डिविडेंड + इंटरिम डिविडेंड) ÷ वर्तमान शेयर कीमत। इस फॉर्मूले से निवेशकों को वास्तविक रिटर्न का आकलन करने में मदद मिलती है और वह अपनी निवेश रणनीति को उसी अनुसार समायोजित कर सकते हैं। सारांश में, इंटरिम डिविडेंड कंपनी की वित्तीय स्वास्थ्य, शेयरधारक लाभ और कर नियमन के बीच का एक पुल है। सही समझ के साथ, यह निवेशकों को बेहतर निर्णय लेने की सुविधा देता है।
TCS ने 10 जुलाई को 11 रुपये का इंटरिम डिविडेंड घोषित किया, भुगतान 4 अगस्त को होगा। यह कदम कंपनी की स्थायी लाभांश नीति को दिखाता है। (आगे पढ़ें)