पिछले कुछ महीनों में भारत भर में बाढ़ और तेज़ बारिश ने कई लोगों को जल आपदा का सामना कराया। दिल्ली‑एनसीआर में तड़ित हवाओं के साथ भारी बारिश ने सड़कें लिक्विड कर दी, लोग अचानक पानी में फंस गए और कई दुखद मौतें हुईं। ऐसे समय में सही जानकारी और तुरंत कार्रवाई ही जान बचा सकती है। इस लेख में हम हालिया घटनाओं का सारांश देंगे, कारण बतायेंगे और आपको कुछ आसान बचाव टिप्स बताएंगे जो आप घर पर या बाहर रहते हुए उपयोग कर सकते हैं।
1. दिल्ली‑एनसीआर रेड अलर्ट (24 मई): इमीडीय ने तेज़ आँधी, 50 km/h से अधिक हवाओं और भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया। कई इलाकों में जलभराव हो गया, सड़कें बँध गईं और लोग घरों के नीचे फंस गए। रिपोर्ट्स बताती हैं कि कुछ जगहों पर पानी का स्तर दो मीटर तक पहुँच गया।
2. जॉन्गपुर (उड़िया) में अचानक जलस्तर वृद्धि: स्थानीय मीडिया ने बताया कि रात में बाढ़ की वजह से कई घरों के फर्श नीचे डूब गए। परिवारों को बचाव दल द्वारा तुरंत निकाला गया, लेकिन कुछ मामलों में संपत्ति का नुकसान भारी रहा।
3. दिल्ली रेलवे स्टेशन दुर्घटना (16 फरवरी): ट्रेन देर से आने और प्लेटफॉर्म पर भीड़ के कारण 18 लोग मारे गए। जबकि यह घटना सीधे तौर पर डूबने की नहीं थी, लेकिन कई लोगों ने भीड़ में धकेलकर जल निकासी वाले हिस्से में फँस कर चोटें झेली। इससे पता चलता है कि बड़े इवेंट या ट्रैफ़िक जाम में भी जल आपदा का जोखिम बढ़ जाता है।
घर पर रहें: अगर स्थानीय प्राधिकारियों ने रेड अलर्ट जारी किया हो तो बाहर न निकलें। घर की खिड़कियां और दरवाज़े बंद रखें, लेकिन वेंटिलेशन बना रहे इसके लिए छोटे छेद रखें।
ऊँचा स्थान खोजें: यदि आपका घर बाढ़ के खतरे में है, तो तुरंत सबसे ऊँचे कमरे या रूफ़टॉप पर जाएं। अगर संभव हो तो बचाव टीम को अपना लोकेशन बताएं और संकेत देने के लिए मोबाइल की फ्लैश लाइट इस्तेमाल करें।
सुरक्षित वस्तुएँ तैयार रखें: पानी-रोधी बैग में जरूरी दवाइयाँ, टॉर्च, बैटरी, कपड़े और कुछ खाने पीने का सामान रखें। एक फर्स्ट‑एड किट भी साथ रखें, क्योंकि मदद आने तक खुद की प्राथमिक देखभाल करनी पड़ सकती है।
बचाव टीम को कॉल करें: 112 या स्थानीय डाक्टर नंबर पर तुरंत सूचना दें। अपने स्थान का सटीक विवरण (जिला, गांव/सड़क) बताएं ताकि वे जल्दी पहुंच सकें।
पानी में फँसे लोगों को खींचें नहीं: यदि आप स्वयं सुरक्षित हैं तो उन्हें पकड़ने की कोशिश करें, लेकिन बहुत तेज़ धारा या गहरा पानी हो तो पेशेवर बचावकर्ता के आने का इंतजार करें। इससे आपका खुद का जोखिम कम रहता है।
इन बुनियादी कदमों को याद रखकर आप और आपके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। याद रखें, जल आपदा अचानक आती है लेकिन तैयारियों से नुकसान घटाया जा सकता है। अपडेटेड समाचारों के लिए हमारे टैग पेज "डूबने की घटनाएं" पर नियमित रूप से विज़िट करें – यहाँ आपको ताज़ा रिपोर्ट्स और विशेषज्ञ सलाह मिलती रहेगी।
लोनावला के भूशी डैम जलप्रपात पर एक दर्दनाक हादसा हुआ जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और दो बच्चे लापता हो गए। यह घटना 30 जून को लगभग 12:30 बजे घटित हुई। मरने वालों में शाहिस्ता अंसारी (36), अमीमा अंसारी (13), और उमैरा अंसारी (8) शामिल हैं। राहत-बचाव दल इन बच्चों को खोजने में जुटी है। (आगे पढ़ें)