सुप्रीम कोर्ट ने एनईईटी परिणाम विवाद में एनटीए से मांगा जवाब, परीक्षाओं की पवित्रता पर उठाए सवाल

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सुप्रीम कोर्ट ने एनईईटी परिणाम विवाद में एनटीए से मांगा जवाब, परीक्षाओं की पवित्रता पर उठाए सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने एनईईटी परिणाम विवाद में एनटीए से मांगा जवाब, परीक्षाओं की पवित्रता पर उठाए सवाल

  • Ratna Muslimah
  • 11 जून 2024
  • 18

सुप्रीम कोर्ट का एनईईटी परिणाम विवाद पर महत्वपूर्ण निर्णय

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) से एनईईटी-यूजी 2024 के परिणाम विवाद पर जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अवकाश पीठ ने एनईईटी-यूजी 2024 की काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई है। न्यायमूर्ति नाथ ने कहा, 'काउंसलिंग शुरू होने दीजिए। हम इसे नहीं रोक रहे हैं।' वहीं, न्यायमूर्ति अमानुल्लाह ने कहा, 'परीक्षाओं की पवित्रता प्रभावित हुई है और कोर्ट को जवाब चाहिए।'

परिणाम विवाद और न्यायिक हस्तक्षेप

वरिष्ठ अधिवक्ता मैथ्यूज जे नेदुम्पारा ने कोर्ट से काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। हालांकि, कोर्ट ने इस पर कोई स्थगन आदेश नहीं दिया। न्यायमूर्ति नाथ का मानना था कि काउंसलिंग प्रक्रिया को जारी रहने देना चाहिए। उन्होंने कहा, 'हम इसे नहीं रोक रहे हैं।'

अधिवक्ता जे साई दीपक ने कोर्ट को सूचित किया कि कई याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनमें एक याचिका अलख पांडे, जो फिजिक्स वल्लाह के सीईओ हैं, द्वारा दायर की गई है। इस याचिका में ग्रेस मार्क्स के मनमाने एवार्ड को चुनौती दी गई है।

मामले की अगली सुनवाई तय

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को आगामी सुनवाई के लिए 8 जुलाई को सूचीबद्ध किया है। कोर्ट ने संकेत दिया है कि वह सभी याचिकाओं को एक साथ सुनेगा, लेकिन काउंसलिंग प्रक्रिया को इस चरण पर नहीं रोकेगा। न्यायमूर्ति अमानुल्लाह ने पुनः दोहराया कि परीक्षाओं की पवित्रता प्रभावित हुई है और कोर्ट को इस पर जवाब चाहिए।

पिछली घटनाओं का विस्तार

पिछली घटनाओं का विस्तार

एनईईटी-यूजी 2024 को लेकर यह विवाद तब शुरू हुआ जब कई छात्रों और अभिभावकों ने इन परीक्षाओं के परिणामों को चुनौती दी। उन्होंने आरोप लगाया कि परीक्षा के दौरान कई अनियमितताएं और त्रुटियां हुईं, जिससे परीक्षाओं की पवित्रता प्रभावित हुई है। इसके अलावा, कुछ छात्रों ने आरोप लगाया कि उन्हें उचित ग्रेस मार्क्स नहीं दिए गए, जिससे उनके परिणाम प्रभावित हुए।

छात्रों के अलावा, कुछ शिक्षण संस्थानों और एनजीओ ने भी इस मुद्दे पर आवाज उठाई है। उनका कहना है कि परीक्षा में पारदर्शिता और निष्पक्षता होनी चाहिए, ताकि योग्य छात्रों को उनका न्याय मिल सके।

एनटीए के जवाब की प्रतीक्षा

एनटीए ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अब एजेंसी पर जवाब देने का दबाव है। छात्रों और उनके अभिभावकों की नजरें अब एनटीए के उत्तर पर टिकी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि एनटीए किस प्रकार से इन आरोपों का जवाब देती है और परीक्षा की पवित्रता को बहाल करती है।

फिलहाल, एनईईटी-यूजी 2024 की काउंसलिंग प्रक्रिया जारी है और छात्रों को उम्मीद है कि इस विवाद का जल्द ही समाधान निकलेगा।

सरकार और प्रशासन का रुख

सरकार और प्रशासन का रुख

सरकार और प्रशासन ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है। शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करेगा और एनटीए को अपनी जांच और कार्रवाई करने की स्वतंत्रता देगा। मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि वे परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

इसके अलावा, कुछ राज्यों के शिक्षामंत्री भी इस मुद्दे पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने परीक्षाओं की पवित्रता को बहाल करने के लिए एनटीए को विस्तृत जांच करने की सलाह दी है। उनका कहना है कि छात्रों का विश्वास जीतना और परीक्षा प्रणाली में विश्वास बहाल करना महत्वपूर्ण है।

आगे की राह

इस विवाद का समाधान करना आसान नहीं होगा। एनटीए को छात्रों और अभिभावकों के आरोपों का सही उत्तर देना होगा और परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश प्रभावशाली है और उम्मीद की जाती है कि इससे परीक्षा प्रणाली में सुधार होगा।

छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों को अब एनटीए के जवाब और सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई का इंतजार है। इस बीच, काउसिलिंग प्रक्रिया जारी रहेगी और छात्रों को उचित संस्थानों में दाखिला मिलने की संभावना बनी रहेगी।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

यह मामला यह स्पष्ट करता है कि परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता कितनी महत्वपूर्ण है। छात्रों और अभिभावकों का यह विश्वास होना चाहिए कि परीक्षा प्रणाली निष्पक्ष और पारदर्शी है और योग्य छात्रों को उनका न्याय मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद उम्मीद की जाती है कि यह विवाद जल्द ही सुलझ जाएगा और छात्रों को न्याय मिलेगा। एनटीए को इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे और परीक्षा प्रणाली को सुधारना होगा ताकि भविष्य में इस प्रकार के विवाद न हों।

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Ratna Muslimah

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मैं एक न्यूज विशेषज्ञ हूँ और मैं दैनिक समाचार भारत के बारे में लिखना पसंद करती हूँ। मेरे लेखन में सत्यता और ताजगी को प्रमुखता मिलती है। जनता को महत्वपूर्ण जानकारी देने का मेरा प्रयास रहता है।

टिप्पणि (18)
  • Shikha Malik
    Shikha Malik 12 जून 2024
    ये सब तो बस नाटक है... कोर्ट को जवाब देने के बजाय एनटीए तो अपने अंदर की गड़बड़ सुधारे। छात्रों का भविष्य बर्बाद हो रहा है और सब बस टाइम पास कर रहे हैं। 😒
  • Hari Wiradinata
    Hari Wiradinata 13 जून 2024
    परीक्षा की पवित्रता बनी रहे, यही जरूरी है। काउंसलिंग चलती रहे, लेकिन जांच भी गहराई से होनी चाहिए। छात्रों को न्याय मिलना चाहिए।
  • Leo Ware
    Leo Ware 13 जून 2024
    क्या हम वाकई एक परीक्षा को पवित्र मानते हैं? या यह सिर्फ एक सिस्टम है जिसे हम बदलने से डरते हैं?
  • Ranjani Sridharan
    Ranjani Sridharan 14 जून 2024
    grace marks kyu diye gye?? kya ye kisi ne socha tha?? sab kuch jhooth hai... koi bhi honest nahi hai
  • Vikas Rajpurohit
    Vikas Rajpurohit 14 जून 2024
    ये एनटीए तो बस फेल हो गया! 😤 अब तक कोई जवाब नहीं? अगर मैं इतना गलत करता तो मेरी नौकरी जा चुकी होती! 🤬 #JusticeForStudents
  • Nandini Rawal
    Nandini Rawal 15 जून 2024
    काउंसलिंग चलती रहे तो बेहतर है। नए साल में नया नियम बन जाएगा। बस थोड़ा धैर्य रखें।
  • Himanshu Tyagi
    Himanshu Tyagi 15 जून 2024
    इस विवाद को देखकर लगता है कि हमारी परीक्षा प्रणाली एक बहुत बड़े सिस्टमिक फेलियर की ओर बढ़ रही है। एक बार इसे रिसेट करने की जरूरत है।
  • Shailendra Soni
    Shailendra Soni 16 जून 2024
    क्या ये सब सिर्फ एक बड़ा गड़बड़ है? या कोई गहरा षड्यंत्र?
  • Sujit Ghosh
    Sujit Ghosh 18 जून 2024
    ये सब विदेशी दबाव है। हमारी परीक्षा को बर्बाद करने की कोशिश। हमें अपने आप पर भरोसा करना चाहिए। बाहर की आवाजें नहीं सुननी चाहिए। 🇮🇳
  • sandhya jain
    sandhya jain 19 जून 2024
    मुझे लगता है कि हम एक ऐसी परीक्षा के बारे में बात कर रहे हैं जो अब तक एक आध्यात्मिक अनुभव बन चुकी है... जैसे एक यज्ञ जिसमें हर छात्र अपनी आत्मा का परीक्षण करता है... और अब जब ये यज्ञ दूषित हो गया है, तो हमें सिर्फ न्याय नहीं, बल्कि एक नया धर्म भी बनाना होगा। क्या आपने कभी सोचा है कि परीक्षा के बाद जो छात्र घर जाते हैं, वो अपने आप को कैसे देखते हैं? क्या वो अब भी खुद को योग्य मानते हैं? या उनका विश्वास टूट गया है? हम न्याय के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन क्या हम आत्मा के न्याय के बारे में भी सोच रहे हैं?
  • Anupam Sood
    Anupam Sood 21 जून 2024
    फिर से ये गड़बड़ शुरू हो गई... अब तो लोगों का दिमाग ही खराब हो गया है। कोई जवाब दे दे यार बस 😩
  • Shriya Prasad
    Shriya Prasad 23 जून 2024
    काउंसलिंग चलनी चाहिए। बाकी की बातें बाद में।
  • Balaji T
    Balaji T 24 जून 2024
    It is imperative to underscore that the sanctity of the examination paradigm, as a foundational pillar of meritocracy, has been egregiously compromised. The NTA, as a statutory entity, is duty-bound to furnish a comprehensive, transparent, and impeccably documented exposition forthwith.
  • Nishu Sharma
    Nishu Sharma 25 जून 2024
    मुझे लगता है कि अगर ग्रेस मार्क्स दिए गए तो उनका एक तरीका होना चाहिए जिसे सबको पता हो और अगर नहीं दिए तो भी एक कारण होना चाहिए क्योंकि छात्रों को तो अपने भविष्य के लिए बात करनी है और अब तक कोई स्पष्टीकरण नहीं है
  • Shraddha Tomar
    Shraddha Tomar 27 जून 2024
    इस विवाद में हम एक बड़ी बात भूल रहे हैं - ये सिर्फ एक परीक्षा नहीं, ये एक सिस्टम का टूटना है। जब तक हम इसे रिसेट नहीं करते, तब तक ये गड़बड़ दोहराएगी।
  • Priya Kanodia
    Priya Kanodia 28 जून 2024
    क्या आपने कभी सोचा है कि ये सब एक बड़ा नियंत्रण अभियान है? ग्रेस मार्क्स... काउंसलिंग... सुप्रीम कोर्ट... सब कुछ एक निश्चित दिशा में जा रहा है... लोगों को भ्रमित करने के लिए... यह एक नियो-फेसबुक अभियान है... यह सब एक एल्गोरिदम है...
  • Darshan kumawat
    Darshan kumawat 28 जून 2024
    ये जो कोर्ट बोल रहा है, वो तो बस शो है। असली जवाब तो एनटीए के फाइल्स में छिपा है।
  • Anupam Sood
    Anupam Sood 30 जून 2024
    अब तो बस एनटीए का जवाब देखना है... अगर वो भी बेवकूफ बनेगा तो हम लोग भी बेवकूफ हो जाएंगे।
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