शाहिद कपूर की दमदार अदाकारी से सजी फिल्म 'देवा' की समीक्षा

घरशाहिद कपूर की दमदार अदाकारी से सजी फिल्म 'देवा' की समीक्षा

शाहिद कपूर की दमदार अदाकारी से सजी फिल्म 'देवा' की समीक्षा

शाहिद कपूर की दमदार अदाकारी से सजी फिल्म 'देवा' की समीक्षा

  • Ratna Muslimah
  • 1 फ़रवरी 2025
  • 15

फिल्म 'देवा': शाहिद की दमदार प्रस्तुति

फिल्म 'देवा' रोशसन एंड्रयूज द्वारा निर्देशित है और इसको अभिनेता शाहिद कपूर के शक्तिशाली प्रदर्शन के लिए खास सराहना मिल रही है। शाहिद के साथ इसमें पूजा हेगड़े, पवैल गुलाटी और कुब्रा सेत शामिल हैं। इस फिल्म के बारे में कहा जा सकता है कि यह मुख्यतः शाहिद कपूर का मंच है, जहां वे अपनी अभिनय क्षमताओं का उत्कृष्ट नमूना पेश करते हैं।

फिल्म की कहानी एक विद्रोही पुलिस अधिकारी के इर्द-गिर्द घूमती है, जो बदला लेने की यात्रा पर है। फिल्म में शाहिद कपूर की अदाकारी को उनके करियर की सबसे बेहतरीन भूमिकाओं में से एक माना जा रहा है। उनके परिवर्तनशील चरित्र का मनोवैज्ञानिक चित्रण दर्शकों को बांधे रखने में सफल होता है।

फिल्म का पहला हिस्सा: पृष्ठभूमि और पात्र विकास

फिल्म का पहला हिस्सा मुख्यतः कथा की पृष्ठभूमि और पात्रों के विकास पर केंद्रित है। यह हिस्सा धीमी गति से चलता है, लेकिन दर्शकों को जोड़े रखने में सक्षम है। यहां फिल्म एक शांत, लेकिन गहन रोमांचक अनुभव प्रदान करती है। इस दौरान निर्देशक एंड्रयूज ने कहानी की बुनावट को अलग ढंग से प्रस्तुत किया है, जो दर्शकों को एक नए दृष्टिकोण से सोचने पर मजबूर करता है।

अंधकार की ओर दूसरा हिस्सा: रोमांच और नाटक

फिल्म का दूसरा भाग कहीं अधिक गहन और रोचक है। यह धीरे-धीरे रोमांच और नाटक की ऊंचाइयों पर पहुंचता है। निर्देशक ने इसमें सभी तरह के भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक तनाव का उपयोग कर इसे और भी विचारोत्तेजक बनाया है। यहां फिल्म के माध्यम से दर्शकों को अविस्मरणीय अनुभव की ओर कदम बढ़ाया जाता है।

सिनेमैटोग्राफी और संगीत की भूमिका

अमित रॉय की सिनेमैटोग्राफी और जेक्स बेजॉय का पार्श्व संगीत फिल्म का एक और मजबूत पक्ष है। इन दोनों की क्षमता के सहारे फिल्म की दृश्यात्मक खूबसूरती को एक शानदार और मनोरंजक अनुभव में परिवर्तित किया गया है। विशेष रूप से एक्शन और स्टंट की कोरियोग्राफी ने इसे और भी आकर्षक बना दिया है। यद्यपि कुछ दृश्य प्रभाव थोड़े बनावट अनुसार दिखाई दे सकते हैं, लेकिन फिल्म की समग्र प्रस्तुति से इन्हें नज़रअंदाज किया जा सकता है।

असंगतता के बावजूद, कच्ची अपील

हालांकि फिल्म में कहीं-कहीं असंगतता देखने को मिलती है, लेकिन फिर भी इसकी कच्ची अपील और प्रवीण निष्पादन इसे देखने लायक बनाते हैं। आलोचकों ने इस फिल्म को 5 में से 3 सितारे दिए हैं, जिसमें शाहिद कपूर की अदाकारी को सबसे बड़ा आकर्षण माना गया है।

फिल्म का अनोखा आधा हिस्सा और बाद के नाटकीय और तीव्र अंशों का मेल दर्शकों को पहली नजर से ही लुभाने में सफल होता है। यह फिल्म न केवल मनोरंजन के लिए, बल्कि सोचने पर भी मजबूर करती है और दर्शकों की मानसिक जिज्ञासा को जाग्रत करती है।

लेखक के बारे में
Ratna Muslimah

Ratna Muslimah

लेखक

मैं एक न्यूज विशेषज्ञ हूँ और मैं दैनिक समाचार भारत के बारे में लिखना पसंद करती हूँ। मेरे लेखन में सत्यता और ताजगी को प्रमुखता मिलती है। जनता को महत्वपूर्ण जानकारी देने का मेरा प्रयास रहता है।

टिप्पणि (15)
  • Manjit Kaur
    Manjit Kaur 1 फ़रवरी 2025
    शाहिद ने बस एक बार फिर साबित कर दिया कि वो अकेले ही एक पूरी फिल्म चला सकता है। बाकी सब बस बैकग्राउंड हैं।
  • Darshan kumawat
    Darshan kumawat 1 फ़रवरी 2025
    इस फिल्म में शाहिद का अभिनय एक तरह का आध्यात्मिक अनुभव है। जैसे कोई बुद्ध के समय में जी रहा हो। बाकी सब बस एक शो है।
  • yashwanth raju
    yashwanth raju 3 फ़रवरी 2025
    हाँ बस शाहिद की अदाकारी अच्छी है, लेकिन कहानी तो बिल्कुल फ्लैट है। दर्शकों को इतना बोर करने की जरूरत नहीं थी। निर्देशक को थोड़ा सीखना चाहिए।
  • Aman Upadhyayy
    Aman Upadhyayy 5 फ़रवरी 2025
    मुझे लगता है कि ये फिल्म बहुत गहरी है... और शाहिद का किरदार तो बिल्कुल अद्भुत है... लेकिन दर्शकों को इतना धीमा शुरुआती हिस्सा देना था क्या? मैंने तो 20 मिनट बाद ही नींद आ गई... फिर भी शाहिद के लिए मैं तैयार हूँ... 🤓
  • ASHWINI KUMAR
    ASHWINI KUMAR 7 फ़रवरी 2025
    ये फिल्म बहुत लंबी है। बस शाहिद के चेहरे के अभिनय को देखने के लिए बैठे रहे। बाकी सब बर्बाद।
  • vaibhav kapoor
    vaibhav kapoor 8 फ़रवरी 2025
    हिंदी फिल्मों में ऐसे अभिनेता बने रहो जो हमारी संस्कृति को दर्शाएं। शाहिद ने दिखाया कि भारतीय अभिनय क्या होता है।
  • Manish Barua
    Manish Barua 9 फ़रवरी 2025
    मुझे लगा शाहिद का किरदार बहुत असली लगा... जैसे कोई अपने दोस्त को देख रहा हो जो अंदर से टूट रहा हो... बहुत बढ़िया अभिनय।
  • Abhishek saw
    Abhishek saw 10 फ़रवरी 2025
    इस फिल्म के लिए शाहिद कपूर को बहुत बधाई। उन्होंने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।
  • TARUN BEDI
    TARUN BEDI 11 फ़रवरी 2025
    इस फिल्म में एक गहरी दार्शनिक निहितार्थ छिपा हुआ है - विद्रोह का अर्थ क्या है? क्या बदला लेना न्याय है? या यह सिर्फ एक भावनात्मक अपराध है? शाहिद के चरित्र ने इस प्रश्न को एक नए आयाम में ले गया है।
  • Shikha Malik
    Shikha Malik 12 फ़रवरी 2025
    शाहिद का अभिनय तो बेहतरीन है... लेकिन फिल्म का दूसरा हिस्सा तो बिल्कुल बेकार है... जैसे कोई ड्रामा बनाने के लिए बस एक्शन और आवाज़ बढ़ा रहा हो... बोर हो गई 😒
  • Hari Wiradinata
    Hari Wiradinata 13 फ़रवरी 2025
    शाहिद की अदाकारी के लिए बधाई। फिल्म का निर्माण भी अच्छा है।
  • Leo Ware
    Leo Ware 15 फ़रवरी 2025
    शाहिद ने बस एक अभिनेता के रूप में नहीं, एक आत्मा के रूप में अभिनय किया है।
  • Ranjani Sridharan
    Ranjani Sridharan 16 फ़रवरी 2025
    क्या ये फिल्म वाकई इतनी गहरी है? मुझे तो लगा बस शाहिद के चेहरे पर फोकस है... और बाकी सब बस एक बादल है... 😅
  • Vikas Rajpurohit
    Vikas Rajpurohit 16 फ़रवरी 2025
    शाहिद ने जो किया वो इतिहास बन गया! ये फिल्म बस शाहिद के लिए बनी थी! बाकी सब तो बस एक बैकग्राउंड था! 🤯🔥
  • Nandini Rawal
    Nandini Rawal 18 फ़रवरी 2025
    शाहिद का अभिनय बहुत अच्छा था। बस थोड़ा धीमा लगा।
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