पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह का निधन: भारतीय कूटनीति का एक युग समाप्त

घरपूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह का निधन: भारतीय कूटनीति का एक युग समाप्त

पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह का निधन: भारतीय कूटनीति का एक युग समाप्त

पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह का निधन: भारतीय कूटनीति का एक युग समाप्त

  • Ratna Muslimah
  • 11 अगस्त 2024
  • 9

पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह का 93 वर्ष की आयु में निधन

भारत के पूर्व विदेश मंत्री कंवर नटवर सिंह का शनिवार, 10 अगस्त 2024 को गुरुग्राम में 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया। नटवर सिंह का जन्म 1931 में भरतपुर, राजस्थान में हुआ था। वे कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता थे और उन्होंने भारतीय कूटनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नटवर सिंह ने 2004 से 2005 तक यूपीए-1 सरकार के तहत विदेश मंत्री के रूप में सेवा की, जहाँ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे।

राजनीतिक और प्रशासनिक सेवा का लंबा सफर

नटवर सिंह ने अपने करियर की शुरुआत एक सिविल सेवक के रूप में की, और 1966 से 1971 तक पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यालय में कार्य किया। बाद में उन्होंने राजीव गांधी के कैबिनेट में मंत्री के रूप में भी सेवा दी। उनके राजनीतिक सफर में कई उच्च पद शामिल रहे और उन्होंने अपने अनुभव से भारतीय राजनीति को एक नई दिशा दी। नटवर सिंह को 1984 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

विवाद और सियासी सफर का अंत

विवाद और सियासी सफर का अंत

नटवर सिंह का यूपीए-1 सरकार में कार्यकाल 2005 में उस समय अचानक समाप्त हो गया, जब उन्हें और उनके पुत्र को 'ऑयल-फॉर-फूड' स्कैंडल में शामिल बताया गया। इस विवाद ने उनके राजनीतिक करियर पर गहरा असर डाला और उन्हें कांग्रेस पार्टी से 2008 में इस्तीफा देना पड़ा।

साहित्यिक योगदान

नटवर सिंह ने कई महत्वपूर्ण किताबें लिखीं जिनमें 'द लेगसी ऑफ नेहरू: अ मेमोरियल ट्रिब्यूट' और 'माय चाइना डायरी 1956-88' शामिल हैं। उनकी आत्मकथा 'वन लाइफ इज़ नॉट इनफ' उनके विविध और समृद्ध जीवन को उजागर करती है। उनके साहित्यिक योगदान ने भी उन्हें एक विशेष पहचान दिलाई जो उनके राजनीतिक जीवन से अलग थी।

सर्वव्यापी शोक

सर्वव्यापी शोक

कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने नटवर सिंह के निधन की पुष्टि की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर दुख व्यक्त किया और भारतीय कूटनीति में उनके महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की। नटवर सिंह के निधन के बाद उन्हें विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों ने श्रद्धांजलि दी, जिससे उनके व्यापक प्रभाव और योगदान का अंदाजा लगाया जा सकता है।

निष्कर्ष

नटवर सिंह का निधन भारतीय कूटनीति और राजनीति का एक युग समाप्त होने जैसा है। उनकी जीवन यात्रा और विविध योगदान भारतीय राजनीतिक और साहित्यिक जगत में हमेशा याद किए जाएंगे। उनके जाने से एक ऐसा शून्य बन गया है जिसे भर पाना बेहद मुश्किल है। उनके परिवार और करीबियों को इस कठिन समय में हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं।

लेखक के बारे में
Ratna Muslimah

Ratna Muslimah

लेखक

मैं एक न्यूज विशेषज्ञ हूँ और मैं दैनिक समाचार भारत के बारे में लिखना पसंद करती हूँ। मेरे लेखन में सत्यता और ताजगी को प्रमुखता मिलती है। जनता को महत्वपूर्ण जानकारी देने का मेरा प्रयास रहता है।

टिप्पणि (9)
  • Nishu Sharma
    Nishu Sharma 12 अगस्त 2024

    नटवर सिंह जी ने जिस तरह से भारत की विदेश नीति को रूप दिया वो आज भी याद किया जाता है उन्होंने चीन के साथ संवाद को इतना गहरा किया कि आज के युवा डिप्लोमेट्स को भी सीखने को मिलता है उनकी किताबें अभी भी आईएसएस के कॉर्सेज में पढ़ाई जाती हैं और उनके दृष्टिकोण ने बहुत सारे विदेश मंत्रियों को प्रेरित किया उनका अंदाज़ बहुत शांत था लेकिन बहुत ताकतवर और उनकी बातों में हमेशा एक गहराई थी जो आज के ट्वीट बेस्ड डिप्लोमेसी से बिल्कुल अलग थी उन्होंने अपने समय में अमेरिका के साथ संबंधों को भी नए आयाम दिए थे और उनकी नीति ने भारत को एक अलग पहचान दी थी जो आज भी उनके नाम से जुड़ी है उनके बारे में जब भी कोई बात होती है तो मैं हमेशा उनकी आत्मकथा को याद कर लेती हूँ जिसमें उन्होंने लिखा था कि राजनीति में जीवन नहीं बल्कि विचार जीतते हैं और उनके विचार अभी भी जीवित हैं उनके निधन के बाद भी उनके विचार हमारे लिए एक मार्गदर्शक हैं और उनकी याद न केवल राजनीति में बल्कि शिक्षा और साहित्य में भी जीवित रहेगी

  • Darshan kumawat
    Darshan kumawat 13 अगस्त 2024

    असल में नटवर सिंह को तो बस एक अच्छा बोलने वाला आदमी माना जाता था लेकिन उनके बाद कोई ऐसा नहीं आया जिसने इतना गहरा विचार रखा हो

  • Aman Upadhyayy
    Aman Upadhyayy 14 अगस्त 2024

    उन्होंने जो लिखा उसमें जितनी गहराई है उतनी आज के मंत्रियों के ट्वीट्स में नहीं है 😔 और फिर भी लोग उनकी बातों को भूल गए जैसे कोई बुजुर्ग की बात नहीं सुनता जब बच्चे टीवी देख रहे हों 🙃

  • Priya Kanodia
    Priya Kanodia 16 अगस्त 2024

    क्या आपने कभी सोचा है कि ऑयल-फॉर-फूड स्कैंडल में उनका नाम लिया गया था क्योंकि वो बहुत अच्छे इंसान थे और उन्हें गिराने के लिए एक बड़ा बक्सा बनाया गया था... क्या ये सिर्फ एक संयोग है...? 🤔

  • Shraddha Tomar
    Shraddha Tomar 16 अगस्त 2024

    मैंने उनकी आत्मकथा पढ़ी थी और वो बिल्कुल अलग लगी जैसे कोई दर्शन बता रहा हो ना कि एक राजनेता बात कर रहा हो उन्होंने लिखा था कि देश का भविष्य उन लोगों के हाथ में है जो खुद को अंधेरे में नहीं रखते बल्कि दूसरों को रोशनी देते हैं और ये बात आज भी बहुत रिलेटेबल है उनके बारे में बात करते समय लगता है जैसे कोई बुद्धि का एक असली तालाब सूख गया हो जिसमें अब दूसरे लोग भी तैरना भूल गए उनके बाद तो सब कुछ बहुत फ्लैट लगता है जैसे कोई डिजिटल फोटो जिसमें कोई डीप्थ न हो और हम अब भी उनकी बातों को याद कर रहे हैं इसका मतलब है कि वो अभी भी हमारे बीच हैं बस शरीर नहीं है बल्कि विचार हैं जो जीवित हैं

  • yashwanth raju
    yashwanth raju 16 अगस्त 2024

    बस इतना कहना है कि उनके जैसे लोग अब नहीं बनते जिनके पास न तो ट्विटर था न फेसबुक था लेकिन उनकी बातों को सुनने के लिए दुनिया तैयार थी

  • Balaji T
    Balaji T 17 अगस्त 2024

    उनके निधन के बाद आज के राजनेताओं का बयान बेहद बेसुध लगता है जो बिना किसी गहराई के विचारों को उच्चारित करते हैं और उनकी विरासत को अपने चुनावी लाभ के लिए उपयोग करते हैं जबकि नटवर सिंह का जीवन एक निरंतर विचार का उदाहरण था जिसमें अनुशासन और दर्शन का संगम था उनके लेखन में एक ऐसी शांति थी जो आज के अतिरिक्त भाषणों में अनुपलब्ध है उनकी आत्मकथा एक विद्वान की आत्मा को उजागर करती है जो अपने समय से आगे थे और आज जब हम एक निर्णय लेते हैं तो हमें उनके लिखे शब्दों को याद करना चाहिए क्योंकि वे न केवल एक राजनेता थे बल्कि एक विचारक थे जिन्होंने राजनीति को एक विज्ञान बनाया था

  • ASHWINI KUMAR
    ASHWINI KUMAR 17 अगस्त 2024

    ये सब बकवास है उनके जैसे लोग तो आज भी हैं बस किसी को नहीं देखना चाहते बस एक राजनेता को बनाकर उसकी याद में रो रहे हो जबकि वो खुद तो बस एक बोलने वाला आदमी था

  • Manjit Kaur
    Manjit Kaur 19 अगस्त 2024

    अरे भाई ये तो सब ठीक है लेकिन आज के दिन में जब आपके पास 10 लाख फॉलोअर्स हैं और आप बिना बोले भी चर्चा में आ जाते हैं तो नटवर सिंह जैसे लोग क्यों जरूरी हैं? जीवन तो बस एक लाइव स्ट्रीम है और उनका जीवन तो टीवी पर चलता था

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