पूर्व क्रिकेटर बासित अली ने पाकिस्तान क्रिकेट में पक्षपात और कुप्रबंधन की आलोचना की
पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर बासित अली ने हाल ही में पाकिस्तान क्रिकेट की स्थिति पर गंभीर चिंता जताई है। उनका मानना है कि टीम में फैले पक्षपात और कुप्रबंधन की वजह से पाकिस्तान क्रिकेट लॉगातार गिरावट की ओर बढ़ रहा है। ये चिंताएं उन्होंने हाल ही में पाकिस्तान टीम के ICC वर्ल्ड कप 2023 में इंडिया के खिलाफ खराब प्रदर्शन के बाद व्यक्त की।
बासित अली का खुलासा
बासित अली अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए जाने जाते हैं। उनका कहना है कि वर्तमान प्रबंधन ठीक तरीके से फैसले नहीं ले रहा है, और यही वजह है कि पाकिस्तान क्रिकेट का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि टीम चयन में पक्षपात हो रहा है और टीम में कुछ खिलाड़ियों को अधिक प्राथमिकता दी जा रही है, जबकि कई महत्वपूर्ण खिलाड़ियों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
बासित अली ने यह भी कहा कि वर्तमान कोचिंग स्टाफ और चयनकर्ताओं की नीति स्पष्ट नहीं है, जिससे युवा खिलाड़ियों को लेकर स्पष्टता की कमी हो रही है। उन्होंने यह भी बताया कि पीसीबी (पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड) द्वारा लिया गया हर निर्णय खिलाड़ियों के करियर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
खराब प्रदर्शन के बाद भड़की बहस
बासित अली के इन आरोपों के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों की प्रतिक्रियाएं बंट गई हैं। कुछ लोग उनके बयान का समर्थन कर रहे हैं और मानते हैं कि पाकिस्तान क्रिकेट में सचमुच सुधार की जरूरत है, जबकि कुछ लोग उनके बयान को अतिशयोक्ति मान रहे हैं।
कई क्रिकेट प्रशंसक और विशेषज्ञ भी इन बहसों में जुड़ गए हैं। कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि बासित अली ने सही समस्या पर ध्यान आकर्षित किया है, जबकि अन्य का मानना है कि यह एक व्यक्तिगत रोष का मामला हो सकता है।
वर्तमान स्थिति पर चिंताएं
आईसीसी वर्ल्ड कप 2023 में पाकिस्तान की हाल की असफलताओं ने भी इन बहसों को तेज कर दिया है। भारत के खिलाफ खेले गए मैच में पाकिस्तान की हार ने दर्शकों और विशेषज्ञों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या टीम में सचमुच कोई बड़ी समस्या है।
कई युवा खिलाड़ियों को खेलने का मौका नहीं दिया जा रहा है, जिसकी वजह से उनके करियर पर बुरा असर पड़ रहा है। बासित अली ने इस पर भी जोर दिया कि पीसीबी को अपनी नीतियों में बदलाव करने की जरूरत है ताकि टीम को पुनः ग्रोथ पर लाया जा सके।
पैट्रियल और कुप्रबंधन से बाहर आने का मार्ग
यह समय है कि पाकिस्तान क्रिकेट में सशक्त नेतृत्व की जरूरत है जो निष्पक्षता और उचित प्रबंधन की नीति अपनाएं। बासित अली की टिप्पणियों ने निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण बहस की नींव रखी है। अब देखने वाली बात यह होगी कि पीसीबी और अन्य संबंधित अधिकारी इस बारे में क्या कदम उठाते हैं।
कुल मिलाकर, पाकिस्तान क्रिकेट को सुधार की जरूरत है और इसके लिए एक मजबूत और पारदर्शी प्रबंधन की व्यवस्था आवश्यक होगी। खिलाड़ियों के साथ न्याय और निष्पक्षता बरतते हुए नए और प्रतिभाशाली युवाओं को समर्पण का अवसर देना ही समाधान हो सकता है।
बासित अली ने जो कुछ कहा है वो सच्चाई है जिसे कोई सुनना नहीं चाहता। पीसीबी में अब कोई नीति नहीं बस फैमिली टाइम है। जिन खिलाड़ियों के पास कोई रिश्ता है वो टीम में आ जाते हैं चाहे उनका स्कोर जीरो हो। युवा खिलाड़ियों को अवसर नहीं मिलता क्योंकि उनके पास कोई नेटवर्क नहीं। मैंने लाहौर के एक क्लब में एक बच्चे को देखा जो टी-20 में 800 रन बना रहा था लेकिन उसे कभी नोटिफिकेशन नहीं आया। अब तक कोई बड़ा नाम नहीं बना जो ग्रासरूट से आया हो। जब तक चयन कमेटी में एक भी आम आदमी नहीं बैठेगा तब तक ये बेवकूफी चलती रहेगी। लोग कहते हैं इंडिया बेहतर है लेकिन भारत में भी अगर आपके पास कोई रिश्ता नहीं है तो आपका नाम भी नहीं आता। बस यहां तो ये खुला अपराध है।
बस इतना कहना है कि जब तक हम अपने अंदर के राष्ट्रवाद को छोड़ेंगे तब तक क्रिकेट नहीं बदलेगा। बासित अली को लोग टारगेट कर रहे हैं लेकिन उनकी बातों का जवाब नहीं दे रहे। क्या हम अपने खिलाड़ियों को इतना तोड़ना चाहते हैं कि वो खुद को नहीं पहचान पाएं? एक बच्चा जब बार-बार असफल होता है और उसे बताया जाता है कि तुम्हारा बैट गलत है लेकिन वो बैट तो बाकी सबका भी वही है। हम अपने खिलाड़ियों को नहीं देख रहे हम उनके नाम देख रहे हैं। ये सिस्टम तो फेल हो चुका है अब नए रास्ते ढूंढने का समय है। बस इतना ही।
ये सब एक बड़ा षड्यंत्र है... पीसीबी के अंदर कोई गुप्त टीम है जो फैसले लेती है... और वो टीम किसी और देश के लिए काम करती है... हर बार जब पाकिस्तान इंडिया के खिलाफ खेलता है तो वो खो जाता है... ये अच्छा नहीं है... बासित अली ने जो कहा वो सच है... लेकिन वो खुद भी उस टीम का हिस्सा है... वो भी उन्हीं के लिए बोल रहा है... अगर आप देखें तो उनके बयान के बाद तुरंत एक नए खिलाड़ी को टीम में डाल दिया गया... ये तो बहुत साफ है... वो बासित को बेवकूफ बना रहे हैं... और हम सब उनके बीच में फंसे हुए हैं... ये नहीं हो सकता... ये नहीं हो सकता... ये नहीं हो सकता...
बासित अली को अपनी बातों का अहमियत देने का हक नहीं। जब तक आप खुद एक शानदार खिलाड़ी नहीं रहे तो आपकी बातों का कोई मतलब नहीं। अब जो भी बात बोल रहा है वो बस फिर से अपना नाम बनाना चाहता है।
ये सब बकवास है। जो खिलाड़ी अच्छा खेलता है वो चुन लिया जाता है। बासित अली अपनी नाकामयाबी का बहाना बना रहा है। अगर तुम्हारा बल्ला नहीं चल रहा तो टीम को दोष न दो।
बासित अली की बातों में ज्यादातर सच है... लेकिन अगर आप इसे सुनकर बेचैन हो रहे हैं तो आप शायद उसी टीम के अंदर हैं। पीसीबी को अपने लोगों को बाहर निकालना चाहिए। बस एक बार एक निष्पक्ष चयन समिति बना दो... जिसमें कोई भी रिश्तेदार न हो... और देखो कैसे टीम बदल जाती है।
बासित अली बिल्कुल सही कह रहे हैं... मैंने 2019 के बाद से इस बारे में बात कर रहा हूँ... लेकिन कोई नहीं सुनता... युवा खिलाड़ियों को बर्बाद किया जा रहा है... एक लड़का जिसने अंडर-19 में 7 शतक मारे थे... उसे अब राज्य स्तर पर भी नहीं बुलाया जा रहा... जब तक पीसीबी में बुद्धिमान लोग नहीं आएंगे तब तक हम फिर से वही गलतियाँ करते रहेंगे... अब तो बच्चे भी अपने बल्ले फेंक रहे हैं... 😞
ये सब बकवास है। बासित अली को अपनी बातों का अहमियत देने का हक नहीं। जब तक आप खुद एक शानदार खिलाड़ी नहीं रहे तो आपकी बातों का कोई मतलब नहीं। अब जो भी बात बोल रहा है वो बस फिर से अपना नाम बनाना चाहता है।
ये सब भारत की षड्यंत्र है। बासित अली जैसे लोगों को भारत ने बुलाया है ताकि पाकिस्तान क्रिकेट को बर्बाद किया जा सके। ये आतंकवाद की एक नई रणनीति है।