Modi 3.0: नये कैबिनेट से स्मृति ईरानी, अनुराग ठाकुर और अन्य मंत्री हुए बाहर - नई चुनौती

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Modi 3.0: नये कैबिनेट से स्मृति ईरानी, अनुराग ठाकुर और अन्य मंत्री हुए बाहर - नई चुनौती

Modi 3.0: नये कैबिनेट से स्मृति ईरानी, अनुराग ठाकुर और अन्य मंत्री हुए बाहर - नई चुनौती

  • Ratna Muslimah
  • 9 जून 2024
  • 17

मोदी 3.0: नई कैबिनेट में बड़े बदलाव

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के शुरू होते ही मंत्रिमंडल में बड़े बदलाव किए गए हैं। कई जाने-माने चेहरे नये कैबिनेट से बाहर हो गए हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण नाम स्मृति ईरानी और अनुराग ठाकुर का है। ज्ञातव्य है कि नई सरकार ने नये चेहरों को मौका देने का प्रयास किया है।

स्मृति ईरानी: महिला और बाल विकास मंत्री का पद छूटा

स्मृति ईरानी, जो महिला और बाल विकास मंत्री थीं, उन्हें इस बार कैबिनेट में जगह नहीं मिली। स्मृति को पिछले लोकसभा चुनाव में पराजय का सामना करना पड़ा, जहां वह किशोरी लाल शर्मा से 1.6 लाख वोटों से हारीं। उनकी हार ने उनके मंत्री पद की निरंतरता को संकट में डाल दिया। नई सरकार में उनकी जगह पर कोई नया चेहरा होगा।

अनुराग ठाकुर: हामिरपुर से जीत के बावजूद कैबिनेट से बाहर

पूर्व सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने हामिरपुर से 1.8 लाख वोटों से जीत दर्ज की, लेकिन शायद उनकी लोकप्रियता कम नहीं हो सकी। उन्हें नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित चाय बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया। यह संकेत था कि उन्हें नई कैबिनेट में जगह नहीं मिलेगी। यह निर्णय बीजेपी के सहयोगी दलों को सत्ता में घुसने के लिए किया गया है।

राजीव चंद्रशेखर: तकनीकी मंत्रालय से बाहर

राजीव चंद्रशेखर जो इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के राज्य मंत्री थे, उन्हें भी हटाया गया है। वे थिरुवनंतपुरम से शशि थरूर से हार गए थे। यह हार उनकी क्षेत्रीय नेतृत्व को कमजोर कर चुकी है, जिससे उनकी मंत्रिमंडली स्थान खो गया।

आरके सिंह: पावर मंत्रालय का विदाई

पूर्व केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने आरा निर्वाचन क्षेत्र से सीपीआई(एमएल)एल के सुधामा प्रसाद से लगभग 60,000 वोटों से हारे। उनकी जगह अब शायद तेलगू देशम पार्टी या जनता दल(यू) या किसी अन्य सहयोगी दलों से मंत्री बनाया जाएगा।

पुरुषोत्तम रुपाला और नारायण राणे: जीत के बावजूद बाहर

पुरुषोत्तम रुपाला, जिन्हें मछली और डेयरी मंत्रालय दिया गया था, उनके बावजूद राजकोट सीट जीतने के बाद भी उन्हें हटाया गया है। इसी प्रकार, पूर्व में छोटे, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे भी जीत के बावजूद सीट से बाहर हो गए।

राजनीतिक मतभेद और सहयोगी दलों का बढ़ता प्रभाव

राजनीतिक मतभेद और सहयोगी दलों का बढ़ता प्रभाव

नई कैबिनेट में भाजपा के सहयोगी दलों का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। जैसे तेलगु देशम पार्टी, जनता दल-यूनाइटेड, जनता दल-सेक्युलर और राष्ट्रीय लोक दल के मंत्री नई कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं। इस निर्णय का उद्देश्य गठबंधन को मज़बूत करना और भारतीय राजनीति में एक नई दिशा देना भी है।

पुराने लेकिन दमदार चेहरे

इसके बावजूद, कई पुराने और दमदार चेहरों को नई कैबिनेट में बिठाया गया है। इसमें अमित शाह, राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमन, एस. जयशंकर, नितिन गडकरी, मनसुख मंडाविया, पीयूष गोयल, अश्विनी वैष्णव, धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, प्रह्लाद जोशी, किरण रिजिजू, सी.आर. पाटिल, एल. मुरुगन, हरदीप पुरी, एम.एल. खट्टर, शिवराज चौहान, गजेंद्र शेखावत, सुरेश गोपी और जितिन प्रसाद शामिल हैं।

इन अनुभवी नेताओं के होने से मोदी सरकार को एक मजबूत और स्थायी नेतृत्व मिलेगा। यह निर्णय दर्शाता है कि मोदी सरकार ने तरोताजा नेताओं को मौका देने के साथ-साथ अनुभव को भी नज़रअंदाज नहीं किया।

अगले पांच साल की रणनीति

अगले पांच साल की रणनीति

नई कैबिनेट के गठन से यह स्पष्ट है कि सरकार ने अगले पांच सालों के लिए एक व्यापक रणनीति बनाई है। आर्थिक सुधार, अंतरराष्ट्रीय संबंध, और सामाजिक कल्याण पर जोर दिया जाएगा। इसके अलावा, नए और युवा चेहरों को प्रमुख मंत्रालयों में मौका देने की योजना है, ताकि युवाओं की समस्याओं को बेहतर तरीके से संबोधित किया जा सके।

इस बदलाव का उद्देश्य राजनीतिक संतुलन बनाना और भाजपा के भीतर और बाहर दोनों जगह एक नई ऊर्जा का संचार करना है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कैसे नई कैबिनेट अपने कार्यकाल के दौरान इन चुनौतियों से निपटती है।

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Ratna Muslimah

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मैं एक न्यूज विशेषज्ञ हूँ और मैं दैनिक समाचार भारत के बारे में लिखना पसंद करती हूँ। मेरे लेखन में सत्यता और ताजगी को प्रमुखता मिलती है। जनता को महत्वपूर्ण जानकारी देने का मेरा प्रयास रहता है।

टिप्पणि (17)
  • Shriya Prasad
    Shriya Prasad 11 जून 2024
    स्मृति ईरानी को बाहर करना बिल्कुल सही फैसला था। उनकी नीतियाँ बच्चों के लिए नहीं, टीवी शो के लिए थीं।
  • Balaji T
    Balaji T 11 जून 2024
    इस बदलाव का राजनीतिक अर्थ अत्यंत गहरा है। एक विशिष्ट अभिजात वर्ग के नेतृत्व का अंत और एक नवीन, युवा-केंद्रित शासन का उदय।
  • Nishu Sharma
    Nishu Sharma 12 जून 2024
    अनुराग ठाकुर को बाहर करना सिर्फ लोकप्रियता का मुद्दा नहीं है यार ये तो इंटरनेट पर उनकी बेकार की बातें और बहुत सारे लोगों को गुस्सा दिलाने वाले ट्वीट्स की वजह से हुआ है जिससे बीजेपी की छवि खराब हो रही थी और अब नई सरकार ने बिल्कुल सही फैसला किया है क्योंकि टेक्नोलॉजी और मीडिया के मंत्री होने के नाते उन्हें ज्यादा जिम्मेदारी और संवेदनशीलता चाहिए थी और वो नहीं दे पाए और इसीलिए उनकी जगह किसी और को मिली जो इस बात को समझता है कि डिजिटल भारत के लिए बेहतर लीडरशिप चाहिए
  • Shraddha Tomar
    Shraddha Tomar 14 जून 2024
    ये बदलाव बिल्कुल नया vibe दे रहा है 😌 जैसे अब देश का दिल जवानों की धड़कन से बजेगा... पुराने चेहरे तो अच्छे थे पर अब तो नया ब्रांड चाहिए ना? 🌱 #FreshStart
  • Priya Kanodia
    Priya Kanodia 16 जून 2024
    क्या ये सब एक बड़ी साजिश है?? स्मृति ईरानी को हटाया गया... अनुराग ठाकुर को बाहर किया गया... क्या ये बाहरी शक्तियों के दबाव से हुआ है?? क्या ये सब एक राष्ट्रीय साजिश है??
  • Darshan kumawat
    Darshan kumawat 18 जून 2024
    किसी को भी निकाल दिया गया तो अब वो बड़ा बदलाव है। बीजेपी ने अपनी अंदरूनी गलतियाँ ठीक करनी शुरू कर दी है।
  • Manjit Kaur
    Manjit Kaur 19 जून 2024
    ये जो नए चेहरे आए हैं वो सब बस नाम बदल गए हैं बाकी सब कुछ पुराना ही है। बस नए लोगों के नाम लगा दिए।
  • yashwanth raju
    yashwanth raju 20 जून 2024
    राजीव चंद्रशेखर को हटाना बिल्कुल सही था। थिरुवनंतपुरम में हार के बाद उनकी जगह बदलना तो बस लॉजिकल था। अब नए चेहरे आए हैं और वो ज्यादा एक्टिव होंगे।
  • Aman Upadhyayy
    Aman Upadhyayy 22 जून 2024
    ये बदलाव बहुत अच्छा है 😍 लेकिन अगर तुम देखो तो अभी भी बहुत सारे पुराने लोग बाकी हैं... जैसे अमित शाह, राजनाथ सिंह... अब तो बस नए नाम लगाए गए हैं बाकी सब वहीं है। नया ब्रांड बनाने की कोशिश है लेकिन असली बदलाव तो नहीं हुआ।
  • ASHWINI KUMAR
    ASHWINI KUMAR 23 जून 2024
    इतने बड़े बदलाव के बाद भी अमित शाह और राजनाथ सिंह वहीं हैं... तो ये बदलाव बस एक दिखावा है। कोई असली बदलाव नहीं हुआ।
  • vaibhav kapoor
    vaibhav kapoor 25 जून 2024
    हमें अपने देश के लिए जिम्मेदार लोग चाहिए, न कि बस नाम बदलने वाले। ये बदलाव बहुत अच्छा है।
  • Manish Barua
    Manish Barua 26 जून 2024
    इन बदलावों को देखकर लगता है कि सरकार असली बदलाव की ओर बढ़ रही है... नए चेहरे आए हैं, पुराने लोगों को जगह दी गई है... बहुत अच्छा लगा।
  • Abhishek saw
    Abhishek saw 26 जून 2024
    इस बदलाव के पीछे एक स्पष्ट रणनीति है। युवाओं को मौका देना और सहयोगी दलों को शामिल करना बहुत जरूरी है।
  • TARUN BEDI
    TARUN BEDI 28 जून 2024
    यह बदलाव केवल एक चुनावी गतिविधि है, न कि कोई गहरा राजनीतिक सिद्धांत। वास्तविक शासन के लिए अनुभव की आवश्यकता होती है, और यहाँ वह अनुभव निकाल दिया गया है।
  • Shikha Malik
    Shikha Malik 29 जून 2024
    क्या तुमने देखा कि स्मृति ईरानी को बाहर कर दिया गया? अब वो लोग जो उनका समर्थन करते थे वो बहुत दुखी होंगे। ये तो बस एक निर्मम फैसला है।
  • Hari Wiradinata
    Hari Wiradinata 30 जून 2024
    ये बदलाव बहुत अच्छा है। नए लोगों को मौका देना और सहयोगी दलों को शामिल करना बहुत जरूरी है।
  • Leo Ware
    Leo Ware 1 जुलाई 2024
    हर बदलाव के पीछे एक संदेश होता है। यहाँ वो संदेश है: अनुभव जरूरी है, लेकिन नए आवाज़ें भी जरूरी हैं।
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