झारखंड विधानसभा में विश्वास मत जीतकर हेमंत सोरेन की सरकार ने किया शक्ति प्रदर्शन

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झारखंड विधानसभा में विश्वास मत जीतकर हेमंत सोरेन की सरकार ने किया शक्ति प्रदर्शन

झारखंड विधानसभा में विश्वास मत जीतकर हेमंत सोरेन की सरकार ने किया शक्ति प्रदर्शन

  • Ratna Muslimah
  • 9 जुलाई 2024
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झारखंड विधानसभा में हेमंत सोरेन की जीत का नया अध्याय

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा में विश्वास मत जीतकर न केवल अपनी सरकार की ताकत साबित की, बल्कि अपने राजनीतिक करियर में एक और नया अध्याय जोड़ा। यह घटना उस समय हुई जब सोरेन ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। पहले ही विपक्ष की ओर से सरकार को गिराने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे थे, लेकिन सोरेन की कुशल रणनीति और उनके दल की मजबूत एकता ने उन्हें विजय दिलाई।

विश्वास मत परीक्षण का पूरा घटनाक्रम

विश्वास मत परीक्षण का पूरा घटनाक्रम

झारखंड विधानसभा के इस विशेष सत्र में हेमंत सोरेन ने विश्वास प्रस्ताव पेश किया था। विश्वास मत परीक्षण में सत्तारूढ़ गठबंधन, जिसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) शामिल हैं, ने 45 विधायकों का समर्थन प्राप्त किया। इस दौरान JMM के पास 27 विधायक, कांग्रेस के पास 17 और RJD के पास 1 विधायक था। वहीं, विपक्ष, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 24 विधायक शामिल थे और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU) के 3 विधायक शामिल थे, ने कड़ा मुकाबला दिया।

कठिन हालात में सोरेन की जीत

यह विश्वास मत परीक्षण उस समय आयोजित हुआ जब हेमंत सोरेन को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। उन्हें जून 28 को जेल से रिहा किया गया था, जब उन्हें झारखंड उच्च न्यायालय से जमानत मिली थी। उन पर एक कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन की हेराफेरी के मामले में आरोप लगे थे और इसी संदर्भ में उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा 31 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया था। गिरफ्तारी से ठीक पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

सत्तारूढ़ गठबंधन की ताकत

इस स्थिति में सत्तारूढ़ गठबंधन ने अपनी एकता और समर्थन का प्रदर्शन किया। सोरेन के नेतृत्व में JMM, कांग्रेस और RJD ने एकजुट होकर विश्वास मत प्राप्त किया। यह न केवल सरकार की स्थिरता को दर्शाता है, बल्कि इसे गंभीर राजनीतिक संकट से उबारने का भी एक प्रमुख संकेत है।

भविष्य की दिशा

हेमंत सोरेन और उनकी सरकार के सामने अब भविष्य की रणनीतियों को तय करने की बड़ी चुनौती होगी। विश्वास मत जीतने के बाद सोरेन ने अपने सम्बोधन में कहा कि उनका लक्ष्य झारखंड के विकास को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाना है। अब देखना होगा कि वह किन नीतियों और योजनाओं का अनुसरण करते हैं ताकि जनता के भरोसे को कायम रख सकें।

विपक्ष की भूमिका

इससे भी महत्वपूर्ण विपक्ष की भूमिका है। भाजपा, जो मजबूत अपोजिशन है, ने भी अपनी रुकावटें पेश की थी, लेकिन सोरेन की इस जीत के बाद विपक्ष के लिए नई राहें खोजनी पड़ेंगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में विपक्ष किस प्रकार अपनी रणनीतियों को बदलती है और सत्तारूढ़ दल को किस प्रकार चुनौती देती है।

राजनीतिक समीकरण

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि हेमंत सोरेन की यह जीत ना केवल उनके दल के लिए बल्कि पूरे राज्य की स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे सत्तारूढ़ गठबंधन को एक नई ऊर्जा मिली है। इससे स्पष्ट होता है कि उन्हें जनता का व्यापक समर्थन प्राप्त है, जो राज्य की दिशा और दशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

नए सिरे से नीव

हेमंत सोरेन की इस जीत के बाद झारखंड के आगामी राजनीतिक और प्रशासनिक घटनाक्रम पर भी नजर बनी रहेगी। सोरेन के सामने चुनौतियां कई हैं, लेकिन जिस तरह से उन्होंने विश्वास मत जीता है, उससे उम्मीद जागी है कि वह इन चुनौतियों का धैर्यपूर्वक सामना करेंगे और राज्य के विकास में नया इतिहास रचेंगे।

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Ratna Muslimah

Ratna Muslimah

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मैं एक न्यूज विशेषज्ञ हूँ और मैं दैनिक समाचार भारत के बारे में लिखना पसंद करती हूँ। मेरे लेखन में सत्यता और ताजगी को प्रमुखता मिलती है। जनता को महत्वपूर्ण जानकारी देने का मेरा प्रयास रहता है।

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