हर रोज़ हम पैसे का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अक्सर नहीं सोचते कि हमारी स्थानीय मुद्रा में कौन‑कौन से बदलाव आ रहे हैं। सरकार की नई नीति, डिजिटल पेमेंट का बढ़ता चलन या छोटे‑बड़े व्यापारियों के लिए छूट – सब हमारे ख़र्चे पर असर डालता है। तो चलिए, इस टैग पेज पर हम सबसे ज़रूरी बातों को आसान शब्दों में समझते हैं।
सरकार ने हाल ही में घोषणा की कि 2000 रुपये से कम के UPI ट्रांजैक्शन पर अब GST नहीं लगेगा। इसका मतलब है, जब आप छोटी राशि का भुगतान मोबाइल ऐप से करेंगे तो अतिरिक्त कर नहीं देना पड़ेगा। यह बदलाव खासकर छोटे व्यवसायों और रोज‑मर्रा की खरीदारी करने वालों के लिए फायदेमंद है। ध्यान रखें कि सिर्फ़ लेन‑देन पर ही राहत मिल रही है, MDR (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) पर अब भी टैक्स लग सकता है।
आजकल मोबाइल वॉलेट, QR कोड और UPI के अलावा कई नए विकल्प उभर रहे हैं। बैंकों की ओर से फ्री इंट्राबैंक ट्रांसफर, तेज़ कस्टमर सपोर्ट और सुरक्षा फीचर हर दिन बेहतर हो रहे हैं। अगर आप अभी भी नकद लेन‑देन पर भरोसा करते हैं तो ये अपडेट आपके लिए सोचा-समझा कदम हो सकता है – कम खर्च और तेज़ भुगतान का मज़ा ही अलग है।
स्थानीय मुद्रा से जुड़े मुद्दे सिर्फ़ बड़ी खबरों तक सीमित नहीं होते। छोटे‑छोटे बदलाव, जैसे कि हरियाली वाले एटीएम पर क्यूआर कोड या रिवॉर्ड पॉइंट्स की नई स्कीम, आपके रोज़मर्रा के खर्च को घटा सकती हैं। इसलिए जब भी कोई नया अपडेट आए, तुरंत ऐप में नोटिफिकेशन देखें और समझें कि आपको क्या लाभ मिल रहा है।
अगर आप छोटे व्यापारी या फ्रीलांसर हैं तो एक बात याद रखें: अपनी इनवॉइस में GST‑फ़्री लेन‑देन का उल्लेख करें। इससे ग्राहक को भी पता चलेगा कि वह अतिरिक्त टैक्स नहीं दे रहा, और आपका भरोसा बढ़ेगा। साथ ही, अपने बैंक स्टेटमेंट पर नियमित रूप से रिव्यू करें ताकि कोई अनजान चार्ज न छूट जाए।
एक और आसान तरीका है – अपनी दैनिक खर्च की लिस्ट बनाएं और देखें कि कौन‑से पेमेंट फ़ॉर्मैट से आपको सबसे कम शुल्क लग रहा है। अक्सर लोग मोबाइल बैलेंस, UPI या कार्ड में उलझे रहते हैं, लेकिन हर एक का अपना प्रोसेसिंग चार्ज होता है। अगर आप सही विकल्प चुनेंगे तो सालाना बचत काफी बढ़ सकती है।
अंत में, स्थानीय मुद्रा के बारे में अपडेट रहने से सिर्फ़ आपका खर्चा नहीं घटता, बल्कि वित्तीय समझ भी बेहतर होती है। चाहे वह सरकारी नीति हो या डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का नया फीचर, हर जानकारी आपके पैसे को सुरक्षित रखने की दिशा में एक कदम है। तो अगली बार जब आप कोई नई फ़ीचर देखेंगे, तुरंत उसका फायदा उठाएं और अपने वित्त को स्मार्ट बनाएं।
हाल में भारत और रूस के 90% व्यापार का संचालन स्थानीय या वैकल्पिक मुद्राओं में हो रहा है। रूस के उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव ने इसमें बैंकिंग संबंधों के विस्तार की आवश्यकता पर जोर दिया। भारतीय रिजर्व बैंक ने जुलाई 2022 में रूपयों में व्यापार की सुविधा दी थी। यह कदम रूस के स्विफ्ट से बाहर होने के कारण किया गया। व्यापार असंतुलन को दूर करने के लिए देशों के बीच विविधता लाने पर भी चर्चा हुई। (आगे पढ़ें)