आप कभी सोचे हैं कि हमारे सैनिक रोज़ाना कितनी मेहनत से ट्रेनिंग करते हैं? वही चीज़ को हम सैन्य अभ्यास कहते हैं। साधारण शब्दों में, यह वह प्रक्रिया है जहाँ सेना अपने कौशल, तंत्र और रणनीति को वास्तविक या नकली स्थितियों में परखती है। इससे जवानों की तैयारियां तेज़ होती हैं और आपातकाल में कम समय में बेहतर प्रतिक्रिया देने में मदद मिलती है।
सैन्य अभ्यास कई रूप लेता है। सबसे पहले फ़ील्ड ड्रिल – जहाँ पूरी इकाई खुले मैदान या पहाड़ों में चलना, झपट्टा मारना और विभिन्न हथियारों का प्रयोग करती है। दूसरा है शहर‑परिचालन अभ्यास, जिसमें सैनिक शहरी इलाके के जटिल कोनों को साफ़ करने की ट्रेनिंग लेते हैं; यह आजकल बहुत जरूरी हो गया क्योंकि अधिकांश टकराव शहरों में होते हैं। तीसरा प्रकार है समुद्री और वायु अभ्यास, जहाँ नौसेना या वायुसेना अपने जहाज़, विमान और डिवाइस को वास्तविक युद्ध परिदृश्य में टेस्ट करती है। हर तरह का अभ्यास अलग‑अलग कौशल को तेज़ करता है और टीम वर्क बढ़ाता है।
पिछले साल भारत ने कई बड़े सैन्य अभ्यास किए हैं, जैसे ‘युद्धा 2024’ जो उत्तराखंड के पहाड़ी इलाके में आयोजित हुआ। इस अभ्यास में इन्फैंट्री, आर्टिलरी और एरोड्रोन्स दोनों ने मिलकर एक काल्पनिक दुश्मन पर हमला किया और उसकी रक्षा का सामना किया। दूसरे बड़े अभ्यास ‘अभ्युदय 2023’ था, जो समुद्र के किनारे आयोजित हुआ और इसमें भारतीय नौसेना ने पनडुब्बी‑आधारित युद्ध की सिमुलेशन की। इन दोनों ड्रिलों में न केवल हमारे जवानों को नया अनुभव मिला बल्कि अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ तालमेल भी बढ़ा।
आपको समझाने के लिये एक छोटा उदाहरण देता हूँ – जब कोई बड़ा बाढ़ या भूकम्प आता है, तो सेना तुरंत राहत‑कार्य शुरू करती है। अगर वह दिन‑रात अभ्यास नहीं करता, तो मदद पहुंचाना मुश्किल हो जाता है। यही कारण है कि नियमित अभ्यास को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
सैन्य अभ्यास के दौरान अक्सर नई तकनीकें भी टेस्ट की जाती हैं – ड्रोन, साइबर‑डिफेंस सॉफ्टवेयर या हाई‑स्पीड कम्युनिकेशन सिस्टम। इस तरह के प्रयोग से हमारी सेना भविष्य में उभरते ख़तरों का सामना आसानी से कर पाती है।
तो अगली बार जब आप टीवी पर किसी बड़े सैन्य अभ्यास को देखेंगे, तो याद रखें कि ये सिर्फ शो नहीं है; यह हमारे देश की सुरक्षा की बीड़ी है जो रोज़ नई‑नई चुनौती के साथ जलती रहती है। यदि आप और भी जानना चाहते हैं तो इस टैग पेज पर जुड़े रहें – यहाँ हर नया अभ्यास का विस्तृत विवरण मिलेगा।
चीन ने ताइवान के आसपास एक बड़े सैन्य अभ्यास के तहत रिकॉर्ड संख्या में लड़ाकू विमानों की तैनाती की है, जिसमें 153 विमान शामिल थे। इसका मुख्य उद्देश्य 'ताइवान स्वतंत्रता' के प्रयासों को रोकना था। ताइवान की प्रतिक्रिया के तौर पर, उसके रक्षा मंत्रालय ने युद्धक विमान और नौसैनिक जहाज तैनात किए। (आगे पढ़ें)