निपाह वायरस: क्या है और कैसे बचें

आपने कभी निपाह वायरस का नाम सुना होगा, खासकर खबरों में जब ये कुछ क्षेत्रों में फेल रहा था। लेकिन असल में यह वायरस क्या करता है, कौनसे लक्षण दिखाते हैं और हमें इससे कैसे बचा जा सकता है, इन सवालों के जवाब आज़ हम आसान भाषा में देंगे।

वायरस के मुख्य लक्षण

निपाह वायरस आमतौर पर जानवरों—मुख्य रूप से चमगादड़ और सूअरों—से इंसानों तक पहुंचता है। संक्रमण के बाद शुरुआती 4‑14 दिन में हल्की बुखार, सिरदर्द या थकान जैसा महसूस हो सकता है। फिर अगर रोग आगे बढ़े तो सर्दी‑जुकाम जैसे लक्षण, उल्टी, दस्त और सबसे ज़्यादा चिंता का कारण मस्तिष्क को प्रभावित करने वाली भ्रम या दौरा पड़ना है। इन संकेतों को नजरअंदाज़ न करें; समय पर डॉक्टर से मिलना बहुत जरूरी है।

रोकथाम और उपचार

सबसे असरदार बचाव तरीका है संपर्क कम करना। अगर आप ऐसे क्षेत्रों में हैं जहाँ निपाह केस रिपोर्ट हुए हों, तो सूअर या चमगादड़ के साथ निकट संबंध से बचें। हाथ साफ़ रखें, भोजन को अच्छी तरह पकाएँ और सार्वजनिक जगहों पर भीड़भाड़ वाले स्थानों में मास्क पहनना मददगार रहता है।

दुर्भाग्यवश अभी तक निपाह वायरस का कोई विशेष दवा नहीं बना है, लेकिन लक्षणों के अनुसार supportive care दिया जाता है—जैसे हाइड्रेशन, बुखार कम करने वाली दवाई और न्यूरोलॉजिक सपोर्ट। अगर शुरुआती चरण में इलाज शुरू हो जाए तो रोग की गंभीरता को काफी घटाया जा सकता है।

सरकारें भी इस वायरस पर निगरानी बढ़ा रही हैं। कई राज्यों में एनीमल मार्केट बंद कर दिए गए हैं और स्वास्थ्य कर्मी स्थानीय लोगों को जागरूक करने के लिए कैंपेन चला रहे हैं। ये प्रयास मददगार होते हैं, इसलिए सरकारी निर्देशों का पालन करें।

आपके घर में भी छोटे‑छोटे कदम उठा सकते हैं: पालतू जानवरों की सफ़ाई नियमित रखें, उनके खाने-पीने का पानी साफ़ रखें और अगर कोई पशु अस्वस्थ दिखे तो तुरंत पशु चिकित्सक को दिखाएँ। इन आदतों से वायरस के फैलाव को रोका जा सकता है।

अगर आप या आपके आसपास कोई व्यक्ति निपाह संक्रमण के लक्षण दिखा रहा हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और खुद को भी अलग रखें ताकि आगे का प्रसार रुक सके। याद रखिए, समय पर जांच और उपचार ही सबसे बड़ी रक्षा है।

निपाह वायरस की खबरें अक्सर डरावनी लगती हैं, लेकिन सही जानकारी और सावधानी के साथ हम इसे नियंत्रित कर सकते हैं। इस लेख को दोस्तों‑परिवार में शेयर करें, ताकि हर कोई तैयार रहे और स्वस्थ रह सके।

केरल में निपाह वायरस से 14 वर्षीय किशोर की मृत्यु, 60 उच्च जोखिम मामलों की पहचान

के द्वारा प्रकाशित किया गया Ratna Muslimah पर 21 जुल॰ 2024

केरल में निपाह वायरस के कारण एक 14 वर्षीय किशोर की मृत्यु हो गई है। राज्य में 60 उच्च जोखिम मामले पहचाने गए हैं। संक्रमित किशोर को कोझिकोड के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने संपर्क ट्रेसिंग शुरू करने की बात कही है। उच्च जोखिम संपर्कों को अलग-थलग कर उनके नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। (आगे पढ़ें)