क्या आपने कभी सोचा है कि भारत की विदेश नीति के पीछे कौन‑से नाम होते हैं? नटवार सिंह वही व्यक्ति थे जो दो दशक से अधिक समय तक देश को अंतरराष्ट्रीय मंच पर आगे बढ़ाते रहे। उन्होंने सिर्फ कूटनीति नहीं, बल्कि राजनीति में भी कदम रखा और कई अहम फैसले लिये।
नटवार सिंह ने 1970 के दशक में विदेश सेवा में प्रवेश किया और जल्दी ही भारत की प्रमुख मिशनों पर काम करने का मौका मिला। उनका सबसे बड़ा मिशन था 1998‑99 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को संयुक्त राष्ट्र में प्रतिनिधित्व कराना, जहाँ उन्होंने भारतीय हितों को मजबूती से पेश किया। इस दौरान उन्होंने कई द्विपक्षीय समझौतों की बुनियाद रखी, जैसे कि भारत‑अमेरिका रणनीतिक संवाद के आरम्भिक चरण।
राजनीति में कदम रखने के बाद, नटवार सिंह 2004 में विदेश मंत्री बने और भारत‑पाकिस्तान शांति प्रक्रिया को नई दिशा दी। उनका कहना था – “शांतिपूर्ण पड़ोस ही विकास की कुंजी है” और उन्होंने कई बार सीमाओं पर तनाव कम करने के लिए कूटनीतिक चैनल खोलने का प्रयास किया। इन पहलुओं ने भारतीय जनता को यह भरोसा दिलाया कि विदेश नीति केवल सैन्य शक्ति नहीं, बल्कि संवाद भी है।
भले ही वे अब सक्रिय राजनीति में नहीं हैं, लेकिन उनके विचार आज भी कई नीति निर्माताओं को प्रभावित करते हैं। जब सरकार ने 2000 रुपये से कम UPI लेन‑देन पर GST हटाने का फैसला किया, तो नटवार सिंह ने डिजिटल भुगतान की महत्ता पर बल दिया था, जो अब हर घर तक पहुंच चुका है। इसी तरह, उन्होंने पहले ही कहा था कि भारत को जलवायु परिवर्तन के मुद्दे में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए – आज यह बात कई अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में सुनने को मिलती है।
उनके लेख और भाषण अभी भी सोशल मीडिया पर साझा होते हैं, विशेषकर जब विदेश नीति या आर्थिक सुधारों की चर्चा होती है। युवा कूटनीति छात्र अक्सर उनके अनुभवों से सीखते हैं कि कैसे जटिल मुद्दों को सरल भाषा में समझाया जाए। उनकी शैली सीधी‑सरल थी – “अगर बात स्पष्ट नहीं हो रही, तो फिर दोबारा कोशिश करो” – यही उनका मूल मंत्र था।
नटवार सिंह की कहानी हमें यह सिखाती है कि करियर के विभिन्न मोड़ पर भी दृढ़ता और ईमानदारी बनाए रखना कितना जरूरी है। चाहे वह विदेश में राजनयिक मिशन हो या संसद का मंच, उन्होंने हमेशा देश के हित को पहले रखा। इस तरह उनका जीवन उन लोगों के लिए एक प्रेरणा बन गया जो सार्वजनिक सेवा में कदम रखना चाहते हैं।
अगर आप भारत की कूटनीति और राजनीति से जुड़ी गहरी जानकारी चाहते हैं, तो नटवार सिंह के लिखित लेख, इंटरव्यू और पुस्तकें पढ़ने से बहुत कुछ सीख सकते हैं। उनके दृष्टिकोण को समझकर आप भी राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बेहतर विचार बना पाएँगे।
पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह का 93 वर्ष की आयु में निधन। भरतपुर, राजस्थान में जन्मे नटवर सिंह ने भारतीय कूटनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कई पदों पर कार्य किया और उच्च सम्मान प्राप्त किये। उनके निधन से राजनीतिक और साहित्यिक जगत में शोक की लहर है। (आगे पढ़ें)