अगर आपने कभी सरकारी नौकरी या प्रशासनिक पदों के बारे में सुना है, तो ‘लेफ्टिनेंट गवर्नर’ शब्द आपको अनजाना नहीं होगा। यह एक ऐसा अधिकारी है जो राज्य स्तर पर गवर्नर की मदद करता है और कई महत्वपूर्ण काम संभालता है। आसान शब्दों में कहें तो, वह गवर्नर का दायां हाथ होता है, जो कुछ विशेष कार्यों को स्वतंत्र रूप से कर सकता है।
लेफ्टिनेंट गवर्नर के पास कई प्रकार की जिम्मेदारी होती हैं:
इन जिम्मेदारियों को निभाते समय, लेफ्टिनेंट गवर्नर को संविधान की सीमाओं में रहना पड़ता है, इसलिए उनका काम अक्सर गवर्नर के निर्देशों के तहत ही रहता है।
लेफ्टिनेंट गवर्नर का चयन राष्ट्रपति या केंद्र सरकार की सलाह पर किया जाता है। आम तौर पर, इस पद के लिए अनुभवी प्रशासनिक अधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अफसर या राजनैतिक क्षेत्र के लोग चुने जाते हैं। पिछले साल, कई राज्यों में नए लेफ्टिनेंट गवर्नर नियुक्त हुए, जिससे कुछ नई नीतियों का कार्यान्वयन तेज़ हुआ।
यदि आप इस पद पर आवेदन करना चाहते हैं, तो सबसे पहले UPSC या राज्य सेवा परीक्षा के माध्यम से वरिष्ठ स्तर की सरकारी नौकरी प्राप्त करनी होगी। उसके बाद, अनुभव और प्रदर्शन को देखते हुए आपको शॉर्टलिस्ट किया जा सकता है। ध्यान रखें, इस पद में राजनीतिक समझदारी भी उतनी ही जरूरी है जितना कि प्रशासनिक कौशल।
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लेफ्टिनेंट-गवर्नर सी. पी. राधाकृष्णन ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उन्होंने प्रधानमंत्री को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी। बातचीत में पुडुचेरी के विकास योजनाओं पर चर्चा हुई। (आगे पढ़ें)