एक अचानक बाढ़, भूकंप या जंगल की आग देख कर अक्सर घबराहट हो जाती है। ऐसे में क्या करना चाहिए, यह जानना ज़रूरी है, क्योंकि हर सेकंड मायने रखता है। नीचे हम आपको सरल कदम बताएँगे जो आप किसी भी इमरजेंसी में तुरंत लागू कर सकते हैं।
1. शांत रहें और स्थिति का आकलन करें: शोर या धुंआ के बीच भी कोशिश करें कि आप स्पष्ट सोच सकें। देखिए कौन‑कौन सुरक्षित है, कौन‑कौन मदद की ज़रूरत में है।
2. तुरंत 112/100 (या स्थानीय इमरजेंसी नंबर) पर कॉल करें: पता या लोकेशन बताइए, घटना का संक्षिप्त विवरण दें और यदि संभव हो तो सटीक निर्देश भी दें। फोन लाइन व्यस्त हों तो टेक्स्ट मैसेज भेजें; कई बार SMS जल्दी पहुंचता है।
3. प्राथमिक सहायता (फर्स्ट एड) शुरू करें: अगर किसी को चोट लगी हो, तो रुकावट हटाएँ, रक्तस्राव रोकेँ और यदि संभव हो तो बैंडेज लगाएँ। बेसिक फर्स्ट‑एड किट में पट्टी, एंटीसेप्टिक वाइप और दर्द निवारक दवा रखें।
4. सुरक्षित स्थान खोजें: अगर आप या आपका परिवार बाहर है तो तेज़ी से उच्च जमीन पर जाएँ, बाढ़ के पानी से दूर रहें, झंझावात में खिड़की बंद रखें। घर के भीतर रह रहे हों तो दरवाज़े और खिड़कियों को कस कर बंद करें।
5. मदद की पहचान और संकेत दें: हाथ लहराएँ, मीटरो या फ्लैशलाइट से सिग्नल भेजें। अगर आपके पास मोबाइल में GPS चालू है तो लोकेशन शेयर करना सबसे आसान तरीका है।
स्मार्ट फ़ोन पर ऐप्स रखें: कई सरकारी एजेंसियों ने “डिजास्टर अलर्ट” और “रेस्पॉन्स टूलकिट” जैसे मुफ्त एप्प बनाए हैं। इन्हें डाउनलोड कर अपडेटेड रहिए, ताकि चेतावनी तुरंत मिल सके।
इमरजेंसी किट तैयार करें: एक बैकपैक में पानी की बोतल, गैर‑नाश़्य खाद्य पदार्थ, टॉर्च, अतिरिक्त बैटरियाँ, पोर्टेबल चार्जर और बेसिक फर्स्ट‑एड सामान रखें। हर साल इस किट को जांचें कि सब कुछ ठीक है या नहीं।
समुदाय में भूमिका निभाएँ: पड़ोस के साथ मिलकर आपातकाल योजना बनाएं, जैसे निकासी मार्ग तय करना और एक-दूसरे की मदद का सिस्टम स्थापित करना। कई बार बचाव टीम को स्थानीय जानकारी से काफी फाइदा मिलता है।
ट्रेनिंग लेवें: राष्ट्रीय स्तर पर “सर्च एंड रिस्क्यू” वर्कशॉप, फर्स्ट‑एड सर्टिफ़िकेट या बेसिक डिफ़ेन्स क्लासेज में भाग लें। ये कोर्स न सिर्फ आपके ज्ञान को बढ़ाते हैं, बल्कि आत्मविश्वास भी देते हैं कि आप असली स्थिति में क्या करेंगे।
इन आसान उपायों को अपनी रूटीन का हिस्सा बना लीजिए। याद रखें, खोज और बचाव केवल पेशेवर टीम की जिम्मेदारी नहीं है; हर व्यक्ति थोड़ी तैयारी से बड़ी मदद बन सकता है। अगली बार जब कोई आपदा आए तो इस गाइड को पढ़ें, जल्दी से काम करें और दूसरों की भी मदद करें।
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