आपने सोशल मीडिया या टीवी पर कई बार जलवायु परिवर्तन की बातें सुनी होंगी। लेकिन असली में क्या बदल रहा है, किस चीज़ का असर है और हमें क्या करना चाहिए – ये सवाल अक्सर आते हैं. इस टैग पेज पर हम उन सभी बातों को आसान शब्दों में लेकर आएँगे, ताकि आप जल्दी से समझ सकें.
सबसे बड़ा कारण है फॉसिल ईंधन का ज़्यादा इस्तेमाल – जैसे कोयला, तेल और गैस. जब इन्हें जला‑जाते हैं तो कार्बन डाइऑक्साइड वगैरह हवा में मिलते हैं और धरती गर्म होती है. दूसरा बड़ा कारक है जंगलों की कटाई. पेड़ CO2 को पकड़ कर ऑक्सीजन छोड़ते हैं; जब पेड़ कम होते हैं, तो यह संतुलन बिगड़ जाता है.
उद्योगिक अपशिष्ट, प्लास्टिक का बढ़ता उपयोग और तेज़ी से शहरीकरण भी इस बदलाव में योगदान देते हैं. इन सभी चीज़ों की वजह से मौसम पैटर्न बदल रहे हैं – बाढ़ें अधिक बार आ रही हैं, सूखे की अवधि लंबी हो गई है और समुद्र स्तर धीरे‑धीरे ऊपर उठ रहा है.
सरकार ने 2030 तक कार्बन उत्सर्जन को 40% कम करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए सौर ऊर्जा, पवन शक्ति और हाइड्रोजन जैसे साफ़ स्रोतों पर निवेश बढ़ाया जा रहा है. कई राज्यों में जल संरक्षण के लिये नई नीतियाँ लागू हो रही हैं – जैसे टिंडरिंग रेनवॉटर सिस्टम और कृषि में ड्रिप इरिगेशन.
साथ ही, स्कूल‑कॉलेजों में पर्यावरण शिक्षा को अनिवार्य किया गया है, ताकि युवा पीढ़ी जलवायु मुद्दे से जुड़ी चुनौतियों को समझें और समाधान खोजें. आप भी अपने रोज़मर्रा के कामों में छोटा बदलाव कर सकते हैं: साइकिल चलाना, लाइट बंद रखना या प्लास्टिक की थैली कम इस्तेमाल करना.
जब तक हम सब मिलकर कार्रवाई नहीं करेंगे, यह परिवर्तन हमारे जीवन को कठिन बनाता रहेगा. इसलिए इस टैग पेज पर हम नियमित रूप से नई खबरें, विशेषज्ञों के विचार और सरकारी योजनाओं की अपडेट लाते रहेंगे. आप बस यहाँ आकर पढ़िए, समझिए और अपने आसपास के लोगों के साथ शेयर करिए.
जलवायु परिवर्तन सिर्फ एक वैज्ञानिक शब्द नहीं है – यह हमारी रोज़मर्रा की जिंदगी से जुड़ा हुआ है. अगर आप आज ही छोटे‑छोटे कदम उठाते हैं, तो भविष्य में बड़ा बदलाव देखेंगे. इस पेज को बुकमार्क करें और हर नई पोस्ट के साथ अपडेट रहें.
वायनाड में भूस्खलन से मृत्यु संख्या 100 के पार हो गई है, और कई लोग अभी भी मलबे के नीचे फंसे हो सकते हैं। जलवायु वैज्ञानिक डॉ. एस. अभिलाष कहते हैं कि अरब सागर की गर्मी के कारण क्षेत्र में भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं। राज्य सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता घोषणा की है। (आगे पढ़ें)